Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

जिम कॉर्बेट में कोहराम मचाने वाली बाघिन पिंजरे में हुई कैद, वन विभाग ने भेजा रेस्क्यू सेंटर

Janjwar Desk
18 Jan 2023 1:57 PM GMT
जिम कॉर्बेट में कोहराम मचाने वाली बाघिन पिंजरे में हुई कैद, वन विभाग ने भेजा रेस्क्यू सेंटर
x
Ramnagar news : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले पनोद नाले से लेकर 15 किलोमीटर मोहान क्षेत्र तक जून 2022 से बाघों के हमले शुरू हुए थे, जिसमें बाघों द्वारा 4 लोगो को निवाला बनाया गया था और लगभग 2 से 3 लोगो पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था...

Ramnagar news : कॉर्बेट नेशनल पार्क और रामनगर वन प्रभाग के जंगल के बीच से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे 309 पर लंबे समय से खौफ की वजह बनी एक बाघिन आखिरकार बुधवार की सुबह वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद हो गई। बाघिन के पकड़े जाने के बाद वनकर्मियों ने राहत की सांस ली है। यह बाघिन रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज के दुधवा बीट में लगे पिंजरे में कैद हुई, जिसकी सूचना मिलने के बाद पशु चिकित्सक ने डॉट मारकर बेहोश किया। फिलहाल इस बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। वन विभाग ने जांच के लिए बाघिन का डीएनए सैंपल लिया गया।

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और रामनगर वन प्रभाग के आसपास पनोद से मोहान तक नेशनल हाइवे पर आतंक का पर्याय बने बाघों में से एक बाघिन बुधवार की सुबह को पिंजरे में कैद हो है। बताया जा रहा है कि यह वही बाघिन है जिसके लंगड़ाकर चलने का वीडियो अभी कुछ अरसा पहले सामने आया था। पनोद नाले के पास रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के दुधवा बीट लगे पिंजरे में बुधवार की सुबह गश्त पर निकले वनकर्मियों ने इस बाघिन को जब पिंजरे में कैद देखा तो उन्होंने इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी। जानकारी मिलते ही डीएफओ कुंदन कुमार, कोसी रेंजर शेखर तिवाड़ी सहित पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा मौके पर पहुंचे।

मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक ने पिंजरे में ही कैद होकर दहाड़ती इस बाघिन को ट्रेंक्यूलाइज गन से डॉट मारकर बेहोश किया। बाघिन के बेहोश होने के बाद बाघिन के पिंजरे को एक कैंटर की मदद से कॉर्बेट ढेला रेंज में बने रेस्क्यू सेंटर में छोड़ा गया। पिंजरे में कैद हुई इस बा‌घिन की उम्र करीब 11 साल के आसपास बताई गई है।

आतंक की थी लंबी फेहरिस्त

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे रामनगर वन प्रभाग कोसी रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले नेशनल हाईवे 309 पर स्थित पनोद नाले से मोहान क्षेत्र तक महीनों से बाघ का आतंक बना हुआ था। कॉर्बेट प्रशासन के साथ ही रामनगर वन प्रभाग की कई टीमें खौफ का कारण बने बाघ को पकड़ने में संयुक्त रूप से लगी हुई थी। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व व रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले पनोद नाले से लेकर 15 किलोमीटर मोहान क्षेत्र तक जून 2022 से बाघों के हमले शुरू हुए थे, जिसमें बाघों द्वारा 4 लोगो को निवाला बनाया गया था और लगभग 2 से 3 लोगो पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।

सभी घटनाएं इतनी तेजी से घट रही थीं कि हमलावर बाघ एक ही है या एक से अधिक, यह भी तय नहीं हो पा रहा था। लेकिन इसके बाद भी पार्क प्रशासन व रामनगर वन प्रभाग की संयुक्त टीम द्वारा बाघ को पकड़ने के जो प्रयास किये जा रहे थे, उसके तहत 9 जुलाई 2022 को इस इलाके से एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया गया था, जिसके बाद पार्क प्रशासन को लगा कि अब सब ठीक हो गया, लेकिन तभी इसके ठीक एक सप्ताह बाद 16 जुलाई को बाघ द्वारा फिर नेशनल हाईवे 309 पर मोहान के पास एक बाइक सवार पर हमला किया गया।

इस घटना में बाघ पीछे बैठे युवक को घसीटकर जंगल में ले गया। बाद में युवक का शव मिला था, जिसके बाद पार्क प्रशासन की समझ में आया कि पकड़ी गई बाघिन के अलावा और भी हमलावर बाघ हैं। तब से ही बाघ द्वारा लगातार मानव के साथ ही पशुओं पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं। बीते दिसंबर माह में भी बाघ ने यहां घूम रहे तीन लोगों पर हमला करते हुए उसमें से एक युवक को मौत के घाट उतार दिया था। तब से बाघों को पकड़ने के प्रयास में तेजी आई थी। जिसके नतीजे में बुधवार सुबह यह बाघिन पिंजरे में कैद हुई।

पिंजरे में कैद बाघिन का लिया डीएनए सैंपल

इस मामले में डीएफओ कुंदन कुमार ने बताया कि बाघिन को फिलहाल रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। इस बाघिन ने कितने लोगों पर हमला किया था, इसकी जांच पड़ताल के लिए चिकित्सकों ने उसका डीएनए सैंपल भी लिया गया है। डीएनए सैंपल को अब तक मारे से लोगों के सैंपल से मिलाया जाएगा। यदि बाघिन के सैंपल से मिल गए तो तय हो जाएगा कि इसी बाघिन ने सभी को मारा है। फिलहाल जांच पड़ताल की जा रही है। बाघिन के दांत ‌घीसे हुए है और उसके शरीर में चोट भी लगी हुई है।

बाघिन के पकड़े जाने के बाद भी बना हुआ है खतरा

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और रामनगर वन प्रभाग के आसपास मोहान से पनोद तक आतंक का पर्याय बने बाघ में से एक बाघिन के पिंजरे में कैद होने के बाद भी इस क्षेत्र में बाघ का खतरा बदस्तूर बना हुआ है। धनगढी के पास के जो लंबे समय से बाघ का आतंक बना हुआ था, उसके चलते नेशनल हाईवे संख्या 309 पर बाघ के हमले में अब तक चार लोगों की जान चली गई है, जबकि बाघ के हमले में कई लोग घायल भी हुए है।

इन घटनाओं के बाद कॉर्बेट प्रशासन और रामनगर वन प्रभाग की टीम जंगल किनारे नेशनल हाईवे पर लगातार गश्त कर रही थी साथ ही आतंकी बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे। इसी एक पिंजरे में आज एक बाघिन कैद हुई है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लोगों पर हमला करने वाली यह वही बाघिन है या नहीं। इस इलाके में पहले से ही तीन से चार बाघ कैमरा ट्रैप में आये है। जिसका मतलब है कि बाघिन के पिंजरे में कैद होने के बाद खतरा अभी टला नहीं है।

बाघ के बढ़ते आतंक में बच्चों के सुरक्षा की मांग

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज के नजदीक बाघ द्वारा दो बछड़ों को मारे जाने के बाद पटरानी से ढेला पढने आने वाले बच्चों के बीच फिर से दहशत का माहौल पैदा हो गया है। पटरानी ग्रामवासियों की सुरक्षा व विभिन्न मांगों को लेकर इंकलाबी नोजवान सभा व आइसा ने ढेला रेंज कार्यालय पर 29 जनवरी को धरना प्रदर्शन का एलान कर दिया है। इंकलाबी नोजवान सभा के ब्लॉक संयोजक एडवोकेट विक्रम मावड़ी, सहसंयोजक रेखा व आइसा नेता नेहा आर्या ने बताया कि पूर्व में कार्बेट प्रशासन द्वारा पटरानी से ढेला पढ़ने आने वालों बच्चों को वनकर्मियों की सुरक्षा में विद्यालय लाना तथा विद्यालय से वापस ले जाना किया जा रहा था, लेकिन कुछ दिन बाद यह सिलसिला बंद कर दिया गया।

इधर पिछली रात्रि में स्कूली बच्चों के आने जाने वाले रास्ते में बाघ द्वारा दो बछड़े मारे जाने से स्कूली बच्चों में भय का माहौल है। कार्बेट प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल स्कूली बच्चों के सुरक्षा की पूर्णकालिक व्यवस्था करे। सँगठन के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि 29 जनवरी को पटरानी के चारों ओर से सोलर फेंसिंग किये जाने, ढेला इंटर कालेज व पीजी कालेज रामनगर जा रहे बच्चों के नियमित सुरक्षा की व्यवस्था, अवैध नशे पर रोक की मांग को लेकर ढेला रेंज कार्यालय पर पटरानी के ग्रामवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

Next Story

विविध