- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- CAA-NRC विरोधी...
CAA-NRC विरोधी प्रदर्शन: कोरोना के प्रकोप के बीच लखनऊ में दो दुकानों की हुई कुर्की

जनज्वार। लखनऊ जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुए संपत्ति नुकसान की भरपाई को लेकर आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हसनगंज इलाके में दो संपत्तियां मंगलवार को कुर्क कर ली गई। इनमें एन वाई फैशन सेंटर नाम की कपड़ों की दुकान और एक हेयर सैलून है।
लखनऊ में एनआरसी और सीएए के विरुद्ध हुए हिंसक प्रदर्शन में कथित तौर पर शामिल धर्मवीर सिंह और माह-ए-नूर चौधरी की दुकानें कुर्क की गई हैं। धर्मवीर सिंह की पक्का पुल के पास एनवाई फैशन सेंटर नाम से दुकान है, जिसे सील कर दी गई है। दूसरी दुकान माह-ए-नूर चौधरी है जिसकी कुर्की की गई है। ये लखनऊ के बांस मंडी क्षेत्र में मौजूद है।
सदर तहसीलदार शंभू शरण सिंह ने बुधवार को बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में लखनऊ के चार थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में 54 लोगों के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया था। जिसके बाद दो संपत्तियां कुर्क की गई। कुर्की की यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा के आदेश पर की गई। प्रशासन का कहना है कि संपत्ति कुर्की करने से पहले बाकीदार को नोटिस देकर बकाया धनराशि चुकाने का समय दिया था। बकाया राशि न चुकाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने आरोपियों की प्रॉपर्टी सील कर दी।
बीते साल 19 दिसंबर को सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में हुई मामले में 50 आरोपियों 50 लोगों को कुल एक करोड़ 55 लाख रुपए का वसूली नोटिस जारी किया था। मार्च में जिला प्रशासन ने 53 प्रदर्शनकारियों के पोस्टर और होर्डिंग शहर के प्रमुख चौराहों पर उनके पते के साथ लगा दिए थे। इसको लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार भी लगाई थी। अदालत ने इसे राज्य और नागरिक के प्रति अपमान करार दिया था और कहा था कि आरोप लगने पर ऐसे पोस्टर नहीं लगा सकते हैं।
अदालत के इस तरह से वसूली के लिए पोस्टर लगाने पर नाराजगी जताने और इसे गलत बताने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश-2020 लेकर आई जिसे कैबिनेट से मंजूरी भी दे दी। इस कानून के तहत आंदोलनों-प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर वसूली की जा सकती है और गली मुहल्ले में पोस्टर लगा सकते हैं।