- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Gyanvapi Masjid Survey...
Gyanvapi Masjid Survey Varanasi: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में दाखिल हुई सर्वे टीम, सुरक्षा का सख्त पहरा
Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई पूरी, कल आएगा हाईकोर्ट का फैसला
Gyanvapi Masjid Survey Varanasi : उत्तर प्रदेश के बनारस कोर्ट के आदेश पर शनिवार यानि 14 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर सर्वे ( Gyanvapi Masjid Survey News ) और वीडियोग्राफी की टीम दाखिल हो चुकी है। साथ ही सर्वे का काम भी शुरू हो चुका है। सर्वे ( Gyanvapi Masjid Survey ) का काम पूरा कर कोर्ट कमिश्नर 17 मई तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट अदालत को सौंपेंगे। इस मामले में अदालत ने साफ कर दिया है कि अगर कोई शख्स सर्वे के काम में अवरोध बनने का काम करे तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। बनारस जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जो कोई भी शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सर्वे का काम शांतिपूर्वक और गहनता के साथ पूरा कराने की जिम्मेंदारी बनारस के डीएम पर है। मुस्लिम पक्षों की ओर से विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर और बहर सुरक्षा का सख्त पहरा लगा दिया है। सर्वे टीम में शामिल लोगों के अलावा किसी भी जाने की इजाजत नहीं है। किसी ने नियमों के विरूद्ध कुछ करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ स्थानीय अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षों ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने याचिका स्वीकार कर लिया है। साथ ही ये भी कहा है कि हम वनारस कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते। सर्वे ( Gyanvapi Masjid Survey ) का काम जारी रहेगा। हम इस मुद्दे पर डेट सूचीबद्ध कर सुनवाई करेंगे।
बनारस कोर्ट ( Varanasi court ) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे ( Gyanvapi Masjid survey )तीन कोर्ट कमिश्नर करेंगे। अदालत के आदेश पर एक बार फिर 14 मई से सर्वे का काम शुरू हो गया है। पहले सर्वे का काम का एक कोर्ट कमिश्नर के जिम्मे था, जिसे मुस्लिम पक्ष के लोगों ने सर्वे नहीं करने दिया था। कोर्ट कमिश्नर 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे।
कमिशन की कार्रवाई पूरी होने तक जारी रहेगा सर्वे
बनारस कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल रोक लगाने की अपील की थी लेकिन अदालत ने कहा कि उसने फैसले की कॉपी नहीं पढ़ी है लिहाजा रोक लगाना मुमकिन नहीं है। स्थानीय कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज करते हुए कहा था कि अजय मिश्रा कोर्ट के कमिश्नर बने रहेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद का तहखाना भी खोला जाएगा। अदालत ने साथ ही पूरे मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जबतक मस्जिद के कमिशन की कार्रवाई पूरी नहीं होती है तब तक सर्वे जारी रहेगा।
सर्वे टीम में शामिल हैं 51 प्रमुख चेहरे
Gyanvapi Masjid Survey Varanasi : अदालत के आदेशों के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद में रोज 4 घंटे सर्वे होगा। हिंदू पक्ष की तरफ से अंशु दुबे, विभाष दुबे रामप्रसाद, गणेश शर्मा और रविकांत हैं। मुस्लिम पक्ष की ओर से एजाज, रईस, अखलाक और अभयनाथ शामिल हैं। सर्वे टीम में कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह, विशाल सिंह, अजय मिश्रा शामिल हैं। याचिकाकर्ता रेखा पाठक, हरिशंकर जैन और सीता साहू भी सर्वे टीम में शामिल हैं। विभाष दुबे और रामप्रसाद वीडियोग्राफी का काम करेंगे। कुल 51 लोगों की टीम सर्वे का काम करेगी।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू-ब-रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।
सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)