Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

हाथरस मामला : चार्जशीट में मिट्टी के नमूने, आरोपियों के मनोवैज्ञानिक अध्ययन का जिक्र

Janjwar Desk
22 Dec 2020 2:49 PM GMT
हाथरस मामला : चार्जशीट में मिट्टी के नमूने, आरोपियों के मनोवैज्ञानिक अध्ययन का जिक्र
x
केंद्रीय एजेंसी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान उसने मिट्टी, सूखे वनस्पति पदार्थ, जिसमें बाजरे के कण शामिल हैं, इसे अपराध स्थल से एकत्रित किया है, जहां 14 सितंबर को घटना घटित हुई थी....

नई दिल्ली/हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय एक दलित लड़की से कथित सामूहिक दुष्कर्म और नृशंस हत्या के मामले में सीबीआई ने घटनास्थल से मिट्टी, खेत में मिले सूखे वनस्पति पदार्थ के नमूने इकट्ठा किए हैं। साथ ही चार आरोपियों की ब्रेन मैपिंग की गई है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दो महीने से अधिक समय से जांच में जुटी हुई है। इस बीच एजेंसी ने 18 दिसंबर को हाथरस की एक स्थानीय अदालत में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया था।

केंद्रीय एजेंसी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान उसने मिट्टी, सूखे वनस्पति पदार्थ, जिसमें बाजरे के कण शामिल हैं, इसे अपराध स्थल से एकत्रित किया है, जहां 14 सितंबर को घटना घटित हुई थी। नमूनों का विश्लेषण राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों द्वारा किया गया है।

एजेंसी की ओर से दाखिल चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि उसने फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और सीएफएसएल विशेषज्ञों द्वारा चार अभियुक्तों और अन्य के वॉयस विश्लेषण भी कराया है।

चार्जशीट दाखिल करने के आठ दिन पहले ही सीबीआई ने 10 दिसंबर को गुजरात के गांधीनगर में फोरेंसिक साइंस निदेशालय में चार आरोपियों के ब्रेन इलेक्ट्रिकल ओक्सीलेशन सिग्नेचर (बीईओएस) और पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाए।

सीबीआई ने कहा कि उसने अदालत के समक्ष सीएफएसएल की रिपोर्ट प्रस्तुत की है। एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि परिणाम क्या हैं, लेकिन इसका जांच में महत्व हो सकता है।

इस साल 14 सितंबर को हाथरस में ऊंची जाति के चार पुरुषों ने कथित तौर पर दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बेरहमी से पिटाई की। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती की मौत हो गई।

मामले को पहले नजरअंदाज किए जाने और फिर लड़की की मौत के बाद परिवार की मंजूरी लिए बिना डीएम के आदेश पर रात में पुलिस द्वारा उसका दाह संस्कार कर दिए जाने से पूरे देश में गुस्सा फैल गया था।

योगी आदित्यनाथ सरकार को इस मामले की जांच के लिए बाद में मामला सीबीआई को सौंपे जाने की सिफारिश करनी पड़ी। सीबीआई ने संदीप सिसोदिया, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। सीबीआई टीम ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए हैं।

Next Story

विविध