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UPTET exam 2021 : पेपर लीक से लेकर साल्वर गैंग के सामने पंगु बनी योगी सरकार,सिस्टम की नाकामी का हर बार दंश झेलते हैं परीक्षार्थी
UPTET exam 2021 : उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से स्थगित कर दी गई है। 28 नवंबर को प्रश्नपत्र लीक होने और परीक्षा स्थगित होने के बाद योगी सरकार निशाने पर आ गई है। योगी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में यह साफ दिख रहा है कि पेपर लीक से लेकर साल्वर गैंग के सामने सरकार पंगु बनी हुई है। सिस्टम की इस नाकामी के चलते परीक्षाओं के स्थगित होने का दंश परीक्षार्थी झेलने को मजबूर हैं। लाखों परीक्षार्थियों को इसका खामियाजा हर बार भुगतना पड़ता है, और लोकतांत्रिक व्यस्था की बात करनेवाली सरकार इसके लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते भी नजर नहीं आती।जिसका नतीजा है कि सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है तो परीक्षार्थियों के आक्रोश के केंद्र में।
यूपीटीईटी पेपर लीक मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,भर्तियों में भ्रष्टाचार, पेपर आउट ही भाजपा सरकार की पहचान बन चुका है। यूपी टीईटी का पेपर आउट होने की वजह से लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया। एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस महासचिव ने कहा, हर बार पेपर आउट होने पर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल बड़ी मछलियों को बचाया है, इसलिए भ्रष्टाचार चरम पर है।
सपा प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा,यूपी टीईटी 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना, बीसों लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा व परिणाम रद्द होना आम बात है। उप्र शैक्षिक भ्रष्टाचार के चरम पर है। बेरोजगारों का इंकलाब होगा ,बाइस में बदलाव होगा।
सपा नेता अनुराग भदौरिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'यूपी टीईटी की परीक्षा का पेपर लीक हो गया, 2100000 परीक्षार्थी बैठने वाले थे, लेकिन अब उनका भविष्य अंधकार में चला गया। यहां पेपर लीक माफिया लगातार काम कर रहा है। हर पेपर होने से पहले लीक हो जाता है।' कांग्रेस के प्रवक्ता ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, 'सरकार एक भी परीक्षा सही तरीके से नहीं करवा पा रही है, कहां 70 लाख नौकरियां देने का वादा कर रही थी, यहां परीक्षा नहीं करवा पा रहे हैं।'
साढ़े चार साल में आधा दर्जन से ज्यादा परीक्षाओं के पेपर लीक
योगी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। इनके कार्यकाल में पेपर लीक होने से लेकर परीक्षाओं में साल्वर गैंग के सक्रिय होने की कहानी पुरानी हो चुकी है। इस दौरान जो मामले प्रकाश में आते हैं,उस पर चर्चा होती है और जो अनियमितता प्रकाश में नहीं आती वह दब कर रह जाती है।
- योगी सरकार के प्रारंभिक वर्ष में 2017 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 25 और 26 जुलाई ऑनलाइन दारोगा भर्ती परीक्षा (सीबीटी) आयोजित की लेकिन उससे पहले ही इसे स्थगित कर दिया गया। इस परीक्षा का भी पेपर वॉट्सऐप पर लीक कर दिया गया था। इसके बाद आगरा के ओम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट से 7 लोग गिरफ्तार किए गए।
- उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा का पेपर फरवरी 2018 में लीक हुआ था। मामले में जौनपुर के परमिंदर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में की योगी सरकार ने एसटीएफ से जांच भी कराई थी। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट में भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता की बात सामने आने के बाद परीक्षाओं को रद्द किया गया था। साथ ही विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
- यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस एवं आरक्षी पीएसी के पद पर भर्ती परीक्षा-2018 अप्रैल 2018 में हुई। इस परीक्षा को लेकर यूपी एसटीएफ ने सॉल्वर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया।
- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा को प्रदेश के लोक सेवा आयोग के बाद प्रतिष्ठित नौकरियों में एक माना जाता है। लेकिन प्रदेश सरकार यह परीक्षा भी शांति पूर्वक नहीं आयोजित करा सकी। 15 जुलाई 2018 को लोअर सबऑर्डिनेट के 641 पदों के लिए करवाई गई परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया था। एसटीएफ की जांच में इसकी पुष्टि की थी।
- उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2 सितंबर, 2018 को कराई गई नलकूप चालक परीक्षा-2016 की परीक्षा पेपर लीक हो गया था। मामले एसटीएफ ने मेरठ से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। इस परीक्षा के लिए करीब 20 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
- अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की ओर से कराई जा रही प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र अगस्त 2021 को लीक हो गया था। यह पेपर लीक के बाद अभ्यर्थियों ने कई जगहों पर प्रदर्शन भी किया था।
- उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 6 अगस्त 2021 को संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2021-23 की परीक्षा आयोजित की गई थी। पहली शिफ्ट का पेपर होने के बाद चर्चा तेज हुई कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। कुछ वॉट्सऐप ग्रुप पर पेपर वायरल होने लगा। हालांकि सरकार ने जांच कराने के बाद पेपर लीक की खबर को खारिज कर दिया।
यूपी में योगी सरकार के सारे दावों की हवा एक बार फिर यूपीटीईटी के लीक पेपर ने उड़ा दी। सरकार दावा करती है कि सभी भर्ती परीक्षाएं निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। सरकार ने परीक्षाओं में होने वाली धांधली को खत्म कर दिया है। लेकिन उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (का प्रथम पेपर 28 नवंबर को सुबह 10 बजे से शुरू हो हुई, लेकिन कुछ ही मिनटों में पेपर लीक की एक खबर के बाद कैंसिल कर दी गई। परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले, मथुरा, गाजियाबाद और बुलंदशहर के कई ह्वाट्सएप ग्रुपों पर पेपर वायरल हो गया।