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Wheat Export Ban: मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दिया रोक, जानें क्या है फैसले के पीछे की वजह

Janjwar Desk
14 May 2022 11:37 AM IST
Wheat Export Ban: मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दिया रोक, जानें क्या है फैसले के पीछे की वजह
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Wheat Export Ban: मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दिया रोक, जानें क्या है फैसले के पीछे की वजह

Wheat Export Ban:देश में गेहूं की बढ़ती कीमत को देखते हुए मोदी सरकार (Modi government) ने इसके निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी है. इसके एक्सपोर्ट को अब 'प्रतिबंधित' सामानों की कैटेगरी में डाल दिया गया है.

Wheat Export Ban:देश में गेहूं की बढ़ती कीमत को देखते हुए मोदी सरकार (Modi government) ने इसके निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी है. इसके एक्सपोर्ट को अब 'प्रतिबंधित' सामानों की कैटेगरी में डाल दिया गया है. भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों (domestic prices) को नियंत्रित करने लिए ये फैसला लिया है. सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी DGFT ने कहा कि देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

भारत में भी गेहूं की कीमत तेजी से बढ़ी है. कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है. इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है. साथ ही इस बार पैदावार में भी कमी की आशंका है.

सरकार ने देश में खाद्यान्न की कीमतों को कंट्रोल में रखने, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और जरूरतमंद विकासशील एवं पड़ोसी देशों (खासकर श्रीलंका संकट को देखते हुए) का ख्याल रखते हुए भी ये फैसला किया है. सरकार ने अपने आदेश में साफ किया है कि गेहूं का निर्यात उन देशों के लिए संभव होगा, जिनके लिए भारत सरकार अनुमति देगी. इस संबंध में सरकार जरूरतमंद विकासशील देशों की सरकार के आग्रह के आधार पर फैसला लेगी ताकि वहां भी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

रूस-यूक्रेन युद्ध का पड़ा असर

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ब्लैक सी इलाके से गेहूं का निर्यात प्रभावित हुआ है. दुनिया में गेहूं का एक चौथाई ट्रेड वहीं से होता है. भारत इस कमी को पूरा कर रहा है. यही वजह है कि देश से गेहूं का निर्यात बढ़ा है. देश में गेहूं और आटे की खुदरा महंगाई अप्रैल में बढ़कर 9.59% पहुंच गई जो मार्च में 7.77% थी. इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% गिरावट आई है क्योंकि खुले बाजार में गेहूं की कीमत ज्यादा मिल रही है.

निर्यात पर सरकार ने तत्काल रोक लगाई

DGFT ने कहा कि गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है. उसने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी जाएगी. एक अलग अधिसूचना में DGFT ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की. DGFT ने कहा कि प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है. पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था.

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