Blood Smuggler News : जानिए कौन है लखनऊ से गिरफ्तार ब्लड स्मग्लर गिरोह का सरगना डॉक्टर!
(इंसानी खून का तस्कर डॉ. अभय प्रताप सिंह साथ में बरामद ब्लड)
जनज्वार, लखनऊ/सैफई। यूपी एसटीएफ (UP STF) ने नामी गिरामी अस्पतालों को मिलावटी खून की तस्करी (Blood Smugglers) करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। गुरूवार 16 सितंबर को लखनऊ से गिरफ्तार आरोपियों ने एसटीएफ के सामने कई सनसनीखेज बातों का खुलासा किया है। जिनमें रक्त सप्लाई करने वाले अस्पतालों के नामों सहित गैंग में शामिल सदस्यों का नाम भी सामने आया है।
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार डॉ. अभय प्रताप सिंह (Dr. Abhay Pratap Singh) ब्लड स्मग्लर्स गैंग का सरगना बताया जा रहा है। अभय प्रताप को एक अन्य के साथ एसटीएफ ने उस समय दबोचा जब यह लोग ब्लड की सप्लाई करने लखनऊ आ रहे थे। इनके पास से पुलिस ने कई थैली ब्लड भी बरामद किया है। पूछताछ में दोनो होस्टॉइल हो गये और जो कुबूला वह चौंकाने वाला था।
कौन है ब्लड स्मग्लर अभय सिंह?
लखनऊ से गिरफ्तार अभय सिंह गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। उसने साल 2000 में केजीएमयू से एमबीबीएस (MBBS), साल 2007 में एसजीपीजीआई से एमडी ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन का कोर्स किया है। सैफई मेडिकल कॉलेज (Saifai Medical College) में तैनाती के साथ ही वह कई अन्य अस्पतालों से भी जुड़ा है। 2010 से वह लखनऊ के ओपी चौधरी ब्लड बैंक में एमओआईसी के पद पर तैनात है। 2014 में वह चरक हॉस्पीटल के सलाहकार के पद पर, 2015 में नैती हॉस्पीटल मथुरा में सलाहकार के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा उसने मैनपुरी व अमेठी के जगदीशपुर में सलाहकार पद के लिए आवेदन किया है।
ड्यूटी से गायब था सरगना डॉक्टर
इंसानी खून की तस्करी मामले में हिरासत में लिया गया सरगना डॉ. अभय सिंह यूपी यूनीवर्सिटी (UP University) ऑफ मेडिकल साइंसेज सैफई में असिस्टेंट प्रोफेसर और ब्लड बैंक प्रभारी सहित नोडल अफसर की जिम्मेदारी भी संभाल रहा था। गुरूवार शाम उसके गिरफ्तार होने की सूचना परिवार को भी दे दी गई है। आरोपी का परिवार सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में बने सरकारी आवास में ही रहता है। आरोपी अभय यूनिवर्सिटी प्रशासन को बिना सूचना दिए ही ड्यूटी से गायब था।
वर्तमान समय में डॉ. अभय सैफई इटावा (Etawah) असिस्टेंट प्रोफेसर है। डॉ. अभय की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि, डॉ. अभय यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर है। वह ब्लड बैंक प्रभारी सहित नोडल अफसर भी है।
गुरूवार 16 सितंबर को अभय ड्यूटी पर नहीं पहुँचा था। न ही उसने छुट्टी के लिए आवेदन ही किया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि डॉ. अभय की गिरफ्तारी के बारे में अभी अधिकृत सूचना नहीं मिली है। पुलिस अथवा एसटीएफ की तरफ से सूचना मिलने पर डॉ. अभय को निलंबित (Suspend) कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।