अरब दुनिया के लोगों ने कहा-भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा आंतरिक मामला नहीं, भारत की सुंदरता को खत्म कर रहा है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ....
जनज्वार ब्यूरो। ऐसे समय में जब दुनिया कोरोना वायरस के संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है, भारत में जमीनी मुद्दों के बजाय सांप्रदायिक बहस चल रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साठ दिनों के लिए ग्रीन कार्ड को जारी करने पर रोक लगा दी है, इससे अब बाहरी लोग अमेरिका में नहीं बस सकेंगे। वहीं इस घोषणा के बाद जहां भारत को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं अरब दुनिया के देशों से भी भारत के लिए सख्त रुख सामने आ रहा है, जहां बड़ी संख्या भारतीय नागरिक नौकरियां करते हैं।
ऑनलाइन मीडिया नेटवर्क 'दीवान मुल्ला' के संस्थापक और मीडिया पर्सनैलिटी मुहम्मद अहमद अल-मुल्ला ने एक वीडियो जारी कर कहा, भारत में आरएसएस पार्टी के द्वारा मुसलमानों पर किया गया हमला अस्वीकार्य हैं, इस्लामिक देशों को भारत में मुसलमानों के साथ खड़ा होना चाहिए।'
ما يصلنا من الهند من ضرب و اعتداء على المسلمين هناك من حزب RSSغير مقبول
The strike and assault exercised by #RSS Party against Muslims in India is unacceptable
Islamic countries must stand with the Muslims in #India #Islamophobia_In_India pic.twitter.com/m0DDVaGXbt
— محمد أحمد الملا (@Mohdalmulla67) April 21, 2020
कुवैत नेशनल बैंक के सीईओ अब्दुल रहमान अल-नासर ने अपने ट्वीट में कहा, 'बीजेपी पार्टी से संसद के सदस्य असामान्य चरमपंथी अनंत कुमार हेगड़े कहते हैं: 'इस्लाम को पूरी तरह से समाप्त कर देना चाहिए और इस्लाम विश्व शांति के लिए बम है। उन्होंने भाजपा के सांसद अनंत कुमार हेगड़े वीडियो भी पोस्ट किया है।
المتطرف الشاذ اننت كمار عضو البرلمان من حزب BJP، يقول: "الإسلام يجب القضاء عليه تماما" و "الإسلام هو قنبلة للسلام العالمي" و يحرض وسائل الإعلام أن يبث و ينشر تعليقاته حول الإسلام- إنه عضو لخمس مرات و تم تعيينه وزيراً من قبل الرئيس مودي #BJP_terrorists #Islamophobia_In_India pic.twitter.com/I1hRTApXEt
— عبدالرحمن النصار (@alnassar_kw) April 21, 2020
अब्दुल रहमान अल नासर ने एक ट्वीट में कश्मीर का भी जिक्र किया और लिखा कि कश्मीर भी इन्हीं अपराधियों से जूझ रहा है।
Kashmir also suffers from the same criminal
— عبدالرحمن النصار (@alnassar_kw) April 21, 2020
एक दूसरे ट्वीट में अब्दुल रहमान अल-नासर कहते हैं, 'आरएसएस हमारे पैसों से हमारे भाईयों को मार रहा है।'
अल-सफा ह्यूमैनिटेरियन चैरिटी एसोसिएशन और ह्यूमैनिटेरियन एक्शन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अब्दुल माने अल-अजमी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, 'भारत सुरक्षा और शांति का देश है जिसमें लोग परस्पर सम्मान से रहते हैं, लेकिन कुछ संगठनों और लोगों की हरकतें भारत की सुंदरता को खराब हो रही है।'
India is a country of security and peace in which people live in mutual respect, but the actions of some organizations and people are spoiling the beauty of India.
— 🇸🇦عبدالمانع العجمي🇰🇼 (@Abdulmane) April 21, 2020
कुवैत बार एसोसिएशन के डायरेक्टर बोर्ड के सदस्य खालिद अल-सुइवान लिखते हैं, 'भारत में हिंसा आंतरिक मामला नहीं है जैसा कि कुछ लोग दावा किया करते हैं, लेकिन यह मानवता के खिलाफ एक अपराध है और अंतरराष्ट्रीय चुप्पी के साथ नस्लवाद का जघन्य अभ्यास है जो हो रहा है वह मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी की वजह से है।'
Violence in #India isn't an internal affair as some claim, but it's a crime against humanity and a heinous practice of racism with international silence and the absence of human rights organisations from what is happening.#Islamophobia_In_India
— خالد السويفان (@alsuwaifan) April 21, 2020
संयुक्त अरब अमीरात की प्रमुख कारोबारी हेंड फैसल अल कासमी लिखती हैं, 'यूएई और भारत पुराने दोस्त हैं, कुछ अज्ञानी चरमपंथी दो उभरते देशों के बीच संबंधों को प्रभावित नहीं करेंगे। हमें नफरत के बजाय प्यार की मिसाल बनना चाहिए। जो आप बना सकते हैं। इसके अलावा मुझे अपनी बॉलीवुड फिल्में और पनीर नान बहुत पसंद हैं।'
The UAE and India are old friends, the few ignorant extremists will not affect relations between the two rising nations.
Let us be an example of love instead of hate. Why demolish what you can build. Besides, I like my Bollywood movies and cheese naan too much to stay away.. https://t.co/JaAQBjXLDO
— Princess Hend Al Qassimi (@LadyVelvet_HFQ) April 21, 2020
ग्रैंड मस्जिद के इमाम डी माजेद जाबेर अल-अंजी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैंने भारत में कई हिंदू मंदिरों का दौरा किया है और वहां के मुसलमानों के लिए भी सबके लिए सहिष्णुता पाई है। तो वहां एक मुस्लिम के खिलाफ आतंकवादी तत्व क्यों हैं?' उन्होंने मंदिर के दौरे की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं।
I have visited many Hindu temples in India and have found tolerance for everyone, even for Muslims there. So why are there terrorist elements against a Muslim there?#RSS #India #Islamophobia #Islamophobia_In_IndiaWe #islamicterrorisom pic.twitter.com/BzZUTcwTUa
— د. ماجد جابر العنزي (@majedalenzi) April 21, 2020
वहीं संयुक्त अरब अमीरात में भारत के पूर्व राजदूत नवदीप सूरी ने भी इसको लेकर ट्वीट किए हैं। अपने ट्वीट्स में उन्होंने लिखा, 'चल रहे विवाद पर कुछ संदर्भ प्रदान करने का मेरा प्रयास-
(ए) संयुक्त अरब अमीरात सहिष्णुता को बढ़ावा देता है और 2109 को सहिष्णुता के वर्ष के रूप में मनाया गया है।
(बी) अबू धाबी में एक प्रमुख हिंदू मंदिर की अनुमति देने के अलावा, वे एक ही परिसर में एक चर्च, एक मस्जिद और एक आराधनालय का निर्माण भी कर रहे हैं।
(सी) संयुक्त अरब अमीरात में अभद्र भाषा के खिलाफ कड़े कानून हैं। यह सभी धर्मों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर लागू होता है।
(डी) पवन कपूर (संयुक्त अरब अमीरात में वर्तमान भारतीय राजदूत) ने हमारे भारतीय समुदाय को सतर्क कर दिया है।
(ई) भारत से निकलकर नफरत फैलाने वाले भाषण एक और मामला है। यह भारत-यूएई की दोस्ती से नाखुश लोगों को चारा प्रदान करता है।
(एफ) संयुक्त अरब अमीरात एक रणनीतिक साझेदार है - हमारा तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार, एफडीआई का स्रोत, ऊर्जा सुरक्षा में भागीदार, 3.4 मिलियन भारतीयों का घर है, जिन्होंने अपने परिवारों को 17 बिलियन डॉलर अपने परिवारों को भेजते हैं।
(जी) द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं और यह जारी रहेंगे। लेकिन अनावश्यक विवाद मदद नहीं करेगा।
My effort to provide some context on the ongoing controversy
a) UAE pro-actively promotes tolerance and celebrated 2109 as Year of Tolerance
b) Apart from allowing a major Hindu temple in Abu Dhabi, they are also building a church, a mosque and a synagogue in the same compound..1 https://t.co/sta09R7X7Q
— Navdeep Suri (@navdeepsuri) April 22, 2020
c) #UAE has strong laws against hate speech. This applies to derogatory remarks against ALL religions
d) @AmbKapoor has alerted our Indian community
e) Hate speech emanating out of India is another matter. It provides fodder to those unhappy with India-UAE friendship ...2
— Navdeep Suri (@navdeepsuri) April 22, 2020
f) #UAE is a strategic partner - our 3rd largest trading partner, source of FDI, partner in energy security, home to 3.4 mn Indians who sent $17 bn in remittances to their families.
g) Bilateral ties are strong and will endure. But unnecessary controversy doesn’t help
— Navdeep Suri (@navdeepsuri) April 22, 2020
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या ने 2015 में लेखक तारिक फतेह के हवाले से अरब की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद से अरब देशों के नेता और आम नागरिक ने इसके खिलाफ सख्त ऐतराज जता रहे हैं। हालांकि तेजस्वी सूर्या ने विवाद बढ़ने के साथ ही यह ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन लोग उसका स्क्रीनशॉट को शेयर कर उनपर जमकर निशाना साध रहे हैं।
यही नहीं अरब देश के नेता भारत में हाल के वर्षों में मुस्लिमों के खिलाफ बढ़ रही हिंसक और भेदभाव की घटनाओं को लेकर भी आक्रोशित हैं। जिसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए एक ट्वीट कर कहा था, 'कोविड-19 हड़ताली से पहले जाति, धर्म, रंग, जाति, पंथ, भाषा या सीमाओं को नहीं देखता है। इसलिए हामरी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे को प्रधानता दी जानी चाहिए।'
COVID-19 does not see race, religion, colour, caste, creed, language or borders before striking.
Our response and conduct thereafter should attach primacy to unity and brotherhood.
We are in this together: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2020
इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने इस ट्वीट को रिट्वीट कर कहा था, 'भारत और संयुक्त अरब अमीरात किसी भी आधार पर गैर-भेदभाव के मूल्य को साझा करते हैं। भेदभाव हमारे नैतिक ताने-बाने और कानून के नियम के खिलाफ है। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय नागरिकों को हमेशा यह याद रखना चाहिए।'
India and UAE share the value of non-discrimination on any grounds. Discrimination is against our moral fabric and the Rule of law. Indian nationals in the UAE should always remember this. https://t.co/8Ui6L9EKpc
— Amb Pavan Kapoor (@AmbKapoor) April 20, 2020