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राजनीति

आरक्षण के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर शासन—प्रशासन हुआ सतर्क

Janjwar Team
10 April 2018 9:43 AM GMT
आरक्षण के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर शासन—प्रशासन हुआ सतर्क
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देशभर में कई जगह इंटरनेट—मोबाइल सेवाओं पर रोक, तो कई जगह धारा 144 लागू

गृह मंत्रालय ने दिया निर्देश अगर सुरक्षा की गाइडलाइंस के बावजूद किसी जिले में हुई हिंसा तो संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से होंगे जिम्मेदार...

सोशल मीडिया आज किस तरह प्रभावी असर रखने लगा है इसका उदाहरण देखना है तो 2 अप्रैल के एससी—एसटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए दलितों के भारत बंद के व्यापक जन उभार को देखा जा सकता है। यह आह्वान सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए ही हुआ था। उस बंद के विरोध में अब आरक्षण विरोधियों ने आज 10 अप्रैल को सोशल मीडिया पर ही तमाम हिंदुवादी संगठनों के माध्यम से भारत बंद की अपील की है।

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा हुए भारत बंद के जवाब में कुछ विशेष संगठनों ने सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को व्यापक बंद का ऐलान और आह्वान किया गया था। आज 10 अप्रैल है, सुरक्षा के मद्देनजर शासन—प्रशासन चाक—चौबंद नजर आ रहा है, कि कोई अप्रिय घटना न घट पाए।

जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ आज भारत बंद की सोशल मीडिया पर घोषणा के बाद देशभर में कई जगह इंटरनेट बंद कर दिया गया है और कई जगह धारा 144 लगाई गई है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक किसी तरह के जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए राज्यों को सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि 2 अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा आयोजित व्यापक भारत बंद के दौरान हिंसक घटना में लगभग एक दर्जन लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हुए थे। 2 अप्रैल के भारत बंद का भी व्यापक प्रचार—प्रसार सोशल मीडिया पर ही हुआ था।

गृह मंत्रालय की ओर से भारत बंद को लेकर जारी की गई अडवाइजरी और 2 अप्रैल को हिंसा की तमाम घटनाओं के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में आज सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी भी संगठन ने इस बंद की जिम्मेदारी नहीं ली है, मगर सोशल मीडिया में जिस तरह इस मुद्दे को लेकर उबाल और अफवाहें दलितों और आरक्षण के खिलाफ तैर रही हैं, उससे प्रशासन ने सतर्कता के मद्देनजर ये इंतजाम किए हैं।

मध्य प्रदेश के संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया है, तो राजस्थान में धारा 144 लागू करने के साथ—साथ कई इलाकों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। यही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में अफवाहों पर लगाम कसने के लिए इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है। भोपाल में 6000 जवान सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किये गए हैं।

दरअसल, 2 अप्रैल को भी इसी तर्ज पर दलितों से एकजुटता दिखाते हुए भारत बंद में शामिल होने का आह्वान किया गया था। इस भारत बंद के दौरान देश के तमाम हिस्सों में भारी हिंसा हुई थी। हिंसा का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखने को मिला। इसके बाद सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर लोग 10 अप्रैल को एक और भारत बंद का ऐलान करने लगे। इन लोगों और कुछ कथित संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट मेसेज में आरक्षण के खिलाफ एकजुट होने और देशभर में होने वाले प्रदर्शनों में शामिल होने का आह्वान किया गया था।

आज के लिए गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि अगर सुरक्षा की गाइडलाइंस के बावजूद किसी जिले में हिंसा होती है तो इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

गृह मंत्रालय की अडवाइजरी के तहत कल 9 अप्रैल की दोपहर से ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम हिस्सों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर मध्य प्रदेश में प्रशासन को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले में प्रशासन ने कर्फ्यू और धारा 144 लगा दी है। पुलिस के मुताबिक, भारत बंद की दृष्टि से मध्य प्रदेश के कुल 13 जिले संवेदनशील माने गए हैं, लेकिन भिंड मुरैना और ग्वालियर में सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। भिंड और मुरैना में जहां कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं ग्वालियर में दिन में धारा 144 और रात में कर्फ्यू रहने की घोषणा की गई है। इन जिलों में सभी लाइसेंसी हथियार जमा करवा लिए गए हैं, साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

वहीं राजस्थान के जयपुर में धारा 144 लागू करते हुए मोबाइल—इंटरनेट सेवाएं बैन कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अर्धसैनिक बलों की तैनाती और इंटरनेट पर रोक लगी है।
जयपुर की तर्ज पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में भी इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है।

Janjwar Team

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