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राजनीति

कोर्ट ने मांगा ममता सरकार के मंत्री से 'कट मनी' स्कैंडल पर चार हफ्तों में जवाब

Prema Negi
3 July 2019 6:26 PM IST
कोर्ट ने मांगा ममता सरकार के मंत्री से कट मनी स्कैंडल पर चार हफ्तों में जवाब
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'कट मनी' मामले में संदीप और पंकज अग्रवाल नाम के व्यापारी बंधुओं ने की थी शिकायत कि उनसे नर्सिंग होम बनाने की मंजूरी के बदले बंदूक की नोंक पर तृणमूल पार्षद ने मांगे थे 30 लाख रुपए

वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट

श्चिम बंगाल में 'कट मनी' मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक ओर सिलीगुडी में 'कट मनी' को लेकर व्‍यापारियों ने जबर्दस्‍त प्रदर्शन किया और अनिश्चिकालीन बंद पर चले गए हैं, वहीं दूसरी और दो व्‍यापारियों की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार 2 जुलाई को पश्चिम बंगाल के खाद्य मंत्री ज्‍योतिप्रिय मलिक, उनके सहायक, एक पार्षद और राज्‍य सरकार से चार हफ्तों में जवाब मांगा है।

संदीप और पंकज अग्रवाल नाम के व्यापारी बंधुओं ने शिकायत की थी कि उनसे एक नर्सिंग होम बनाने की मंजूरी के बदले बंदूक की नोंक पर उनसे 30 लाख रुपए मांगे गए। व्यापारियों के मुताबिक यह पैसे और किसी ने नहीं बल्कि सत्तासीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पार्षद रंजन शील शर्मा ने मांगे थे।

सिलीगुडी में आज बुधवार 3 जुलाई को स्‍थानीय दुकानदारों ने सिलीगुड़ी के घोगोमाली इलाके में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया। व्यापारी तृणमूल के पार्षद रंजन शील शर्मा पर 'कट मनी' वसूलने का आरोप लगा रहे हैं। नाराज प्रदर्शनकारियों ने सड़कें रोक दीं और जगह-जगह टायरों पर आग लगा दी। रंजन शील शर्मा सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 37 से पार्षद हैं।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी सरकार ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वह 'कट मनी' मामले में लोगों की शिकायत दर्ज करना शुरू करें। सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिन निकाय अधिकारियों ने योजनाओं के लाभार्थियों से 'कट मनी' ली है, उनके खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाए।

स्टिस दिबांगशु बसक के सामने दायर याचिका में संदीप और पंकज अग्रवाल नाम के व्यापारी भाइयों ने कहा, हमने साल 2017 में आसनसोल में एक नर्सिंग होम खोलने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया था। हमें इस प्रस्‍ताव पर बातचीत के लिए कोलकाता के सॉल्‍ट लेक में एक पार्षद के दफ्तर में बुलाया गया, लेकिन यहां पर हमसे बंदूक की नोंक पर 30 लाख रुपये मांगे गए।

पनी याचिका में अग्रवाल बंधुओं ने कहा है कि उन्‍होंने 4 लाख रुपये तो फौरन जमा कर दिए और 16 लाख रुपये बाद में दिए, यानी उन्होंने कुल 20 लाख रुपए दिये। इन्‍होंने दावा किया है कि इस शिकायत को लेकर वे पुलिस के पास गए, लेकिन उनकी अपील नहीं सुनी गई। याचिका में कहा गया है कि इसके बाद दोनों के खिलाफ अलग-अलग पुलिस स्‍टेशनों में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए।

रकारी योजनाओं के लाभार्थियों से 'कट मनी’ लिए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच बीरभूम जिले के एक स्थानीय टीएमसी नेता ने सरकारी योजनाओं के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को करीब 2.25 लाख रुपये लौटा दिए हैं।

हालांकि ममता सरकार के खाद्य मंत्री ज्‍योतिप्रिय मलिक का कहना है शिकायतकर्ता बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और खुद कई आपराधिक मामलों में फंसे हैं।

क्‍या है 'कट मनी'

'कट मनी' एक किस्‍म का कमीशन है, जिसे नेता स्‍थानीय सरकारी परियोजनाओं या कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए स्‍वीकृत धनराशि में से लाभार्थी को देते समय काट लेते हैं। इसके अलावा किसी सरकारी मंजूरी देने के एवज में भी 'कट मनी' लेने के आरोप टीएमसी के नेताओं पर लगते रहे हैं।

'कट मनी' बिना कुछ नहीं

श्चिम बंगाल में किसी को सरकारी योजना के तहत घर लेना है, मनरेगा के तहत रोजगार हासिल करना है अथवा पंचायतों, निकायों या राज्य सरकार की ओर से चलायी जाने वाली किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ लेना है तो 'कट मनी' देनी बहुत जरूरी हो गयी है। व्यापारियों के मुताबिक उनका काम तभी होगा, जब वह तृणमूल कांग्रेस के लोगों को नजराने के रूप में उनका हिस्सा देते हैं।

लोकसभा चुनावों में जब तृणमूल कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तय किया कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से 'कट मनी' लेने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा, जो कि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है। इस कानून के तहत दोषी ठहराये जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है।

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