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सिक्योरिटी

भ्रष्टाचार : उत्तराखण्ड प्रशासन को नहीं पता 11 साल से चल रहा अवैध स्टोन क्रशर प्लांट

Janjwar Team
19 March 2018 9:49 PM GMT
भ्रष्टाचार : उत्तराखण्ड प्रशासन को नहीं पता 11 साल से चल रहा अवैध स्टोन क्रशर प्लांट
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आरटीआई से खुलासा सांठ गांठ से चल रहा शराब व्यवसायी का स्टोन क्रशर प्लांट, मगर शासन—प्रशासन कहता उसे नहीं इसकी जानकारी, जबकि प्रदूषण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बगैर नहीं चल सकता कोई स्टोन क्रशर...

हल्द्वानी से संजय रावत की रिपोर्ट

हल्द्वानी स्थित एक स्टोन क्रशर प्लांट को वर्ष 2007 से अवैध रूप से स्थापित कर संचालित किया जा रहा हैं और शासन—प्रशासन का कहना है कि उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब रमेश चंद्र लोशाली की शिकायत के बाद ‘उत्तराखण्ड पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ ने संबंधित विभाग से क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी को निर्देशित कर जानकारी उपलब्ध करा कार्रवाई करने को कहा है।

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लालकुआं तहसील क्षेत्र में आने वाले ग्राम किशनपुर सकुलिया,पोस्ट - मोटा हल्दू स्थित देवभूमि स्टोन प्लांट (क्रशर) पर स्थानीय निवासी रमेश चंद्र लोशाली ने कई धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों से सूचना के अधिकार के अन्तर्गत सूचनाएं मांगी हैं।

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एक शिकायत पर मुख्यालय (प्रदूषण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून) ने संज्ञान लेते हुए क्षेत्राधिकारी को 22 जनवरी, 2018 को आदेशित किया है कि उक्त संबंध में बिन्दुवार आख्या एवं उद्योग को अनापत्ति प्रमाणपत्र तथा सहमति के शर्ताे की बिन्दुवार अनुपालन आख्या व अग्रिम कार्रवाई की स्पष्ट संस्तुति मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि वर्तमान में उक्त उद्योग बिना बोर्ड की सहमति के किन परिस्थितियों में संचालित किया जा रहा है और इस पर क्या कार्रवाई की गयी है।

संजय रावत की रिपोर्ट : उत्तराखण्ड में अपने ही विभाग को करोड़ों की चपत लगा रहे अधिकारी या मामला है कुछ और

कितनी हास्यास्पद बात है कि जिस बोर्ड की सहमति के बिना स्टोन क्रशर प्लांट चलाया ही नहीं जा सकता, उसी बोर्ड के सदस्य एस.पी. सुबुद्धि, क्षेत्राधिकारी से सवाल भी करते हैं और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश भी देते है। यानी कि बिना शासन—प्रशासन से सांठगांठ उक्त स्टोन क्रेशर प्लांट को बोर्ड की अनापत्ति न होने के बावजूद चलने दिया जा रहा है।

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11 सालों में आती—जाती सरकारों में क्रेशर मालिक की कितनी पैठ है, इसे आसान से समझा जा सकता है। ये सब तब हो रहा है, जब पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ी नीतियां बनाई और अमल में जा रही हैं।

शिकायतकर्ता के मुताबिक क्रेशर स्वामी का नाम संजय तलवाड़ है, जो एक शराब कारोबारी है।

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