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सिक्योरिटी

DD न्यूज के कैमरामैन की कोरोना से मौत, परिजनों ने कहा कोरोना नहीं डॉक्टर की लापरवाही से गई जान

Prema Negi
29 May 2020 5:08 PM GMT
DD न्यूज के कैमरामैन की कोरोना से मौत, परिजनों ने कहा कोरोना नहीं डॉक्टर की लापरवाही से गई जान
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कोरोना से डीडी न्यूज के कैमरामैन योगेश कुमार की मौत से डीडी न्यूज के साथ ही अन्य संस्थानों में कार्यरत उन मीडियाकर्मियों में डर का माहौल है, जो वर्षों से काम करने के बाद भी बहुत अनिश्चितता में कर रहे हैं काम....

जनज्वार। कोरोना के इस संकटकाल में कई मीडियाकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो गये हैं। पहले मुंबई में भारी संख्या में पत्रकारों के कोरोना संक्रमित होने की खबर आयी, उसके बाद अब नोएडा जी न्यूज आफिस में बड़ी संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं।

स सबके बीच डीडी न्यूज दिल्ली के 50 वर्षीय कैमरामैन योगेश कुमार का कल 27 मई को कोरोना से निधन हो गया है। परिजनों के मुताबिक कोरोना से भी ज्यादा उनकी मौत के लिए जिम्मेदार डॉक्टर गिरीश मनवानी हैं, जो हल्की—फुल्की तबीयत खराब होने के बाद से उनका इलाज करते रहे, मगर न तो उनका कोरोना टेस्ट करवाया और न ही कोई अन्य ए​हतियात बरतने को कहा। गिरीश मनवानी मेडिसीन में एमडी हैं, आखिर क्यों नहीं पता चल पाया उन्हें कि योगेश कुमार को कोरोना हो सकता है।

रिजनों के मुताबिक योगेश कुमार अंतिम बार 21 मई को आफिस गये थे, जिसके बाद उनकी तबीयत थोड़ी खराब थी। खुद को उन्होंने 25 मई को एमडी डॉक्टर गिरीश मनवानी के क्लीनिक में दिखाया तो उन्होंने कहा कि चेस्ट में थोड़ा इंफेक्शन है जो एक हफ्ते के आराम और दवाओं से ठीक हो जायेगा।

कोरोना से अपने कैमरामैन योगेश कुमार की मौत के बाद दूरदर्शन ने अपने कुछ कर्मचारियों को आइसोलेशन में जाने के लिए कहा है। वहीं बिल्डिंग में सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है।

योगेश के बड़े भाई बब्बू कहते हैं, '27 मई को जब योगेश की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो हम उन्हें शालीमार बाग के फोर्टीज अस्पताल ले गये। 27 मई को वह बेहोश होकर गिर गए थे, जिसके बाद बेटा उन्हें फोर्टीज लेकर गया। हॉस्पिटल प्रशासन ने उन्हें ले जाने में कोई सहयोग नहीं किया, स्ट्रेचर की व्यवस्था भी हमारे परिवार को खुद ही करनी पड़ी, जबकि तब तक यह भी नहीं पता था कि योगेश को कोराना है। फोर्टीज का एक गार्ड भी डरते—डरते योगेश के पास आया, बाकी कोई स्टाफ पास नहीं फटका।'

योगेश के बड़े भाई शिकायत करते हैं, केजरीवाल दावा करते हैं कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों को हाथोंहाथ लिया जा रहा है, उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही, मगर हमें फोर्टीज जैसे नामी अस्पताल में तक मुश्किल झेलनी पड़ी। योगेश की मौत के बाद उसका जो कोरोना टेस्ट किया गया, उसके भी हमसे 4500 रुपये वसूले गये हैं। अभी मेरे भाई की लाश हमें नहीं मिल पायी है। उम्मीद है कल लाश मिलेगी और हम उसका अंतिम संस्कार कर पायेंगे।'

प लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ या नहीं? पूछने पर योगेश कुमार का परिवार बताता है, अभी तक तो हमारे पास सिवाय आफिस वालों के किसी ने कोई संपर्क नहीं किया, न ही किसी का कोई टेस्ट किया गया है। प्रशासन की तरफ से भी किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है।

27 मई को जिस दिन योगेश की मौत हुई, उस दिन उन्होंने अपने बड़े भाई बब्बू से बात की थी और अपनी सीरियस तबीयत के बारे में बताया था। उनके भाई कहते हैं, 'बात करते हुए उसकी सांस लगातार फूल रही थी, वह बात भी नहीं कर पा रहा था, हांफ रहा था। कह रहा था पता नहीं ठीक भी हो पाउंगा या नहीं। कह रहा था रातभर बिल्कुल भी नहीं सो पाया हूं। ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसी दिन सुबह बेटा उसे लेकर फोर्टीज गया, मगर वह बच नहीं पाया।'

कोरोना से डीडी न्यूज के कैमरामैन योगेश कुमार की मौत से डीडी न्यूज के साथ साथ अन्य संस्थानों में कार्यरत उन कर्मचारियों में डर का माहौल है, जो वर्षों से काम करने के बाद भी अभी तक परमानेंट नहीं किए गए हैं और न ही उनका कोई बीमा ही हुआ है। ऐसे में बीमार होने पर ना तो सरकार उनकी जिम्मेदारी लेगी, ना ही संस्थान। कैमरामैन योगेश पीएमओ आफिस भी कवर करते थे। हालांकि योगेश कुमार के मामले में एक बात यह अच्छी है कि वह डीडी न्यूज में परमानेंट एम्प्लायी थे, जिससे उनके परिवार को थोड़ी राहत मिलेगी।

नाम न छापने की शर्त पर उनके जानने वाले पत्रकार और अन्य मीडियाकर्मी कहते हैं, हम लगातार खौफ में जी रहे हैं। फोटोग्राफर के साथ तो संकट सबसे ज्यादा है, कि उन्हें आन द स्पॉट जाना पड़ता है, फिर मामला कितना भी गंभीर क्यों न हो। जाहिर सी बात है कोरोना से हो रही तमाम मौतों की तस्वीरें खींचने वाले भी फोटोग्राफर—कैमरामैन ही होते हैं, तो उनकी जिंदगी से जुड़ा जोखिम भी ज्यादा बड़ा है।

योगेश कुमार के परिजनों और सहयोगियों हवाले से जो बात सामने आयी, उसके मुताबिक वे अंतिम बार कवरेज के लिए एम्स गये थे। वहीं से आने के बाद उनके गले में पहले खरास हुई थी और तबीयत थोड़ा नासाज, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर गिरीश मनवानी के क्लिीनिक में दिखाया था, इस उम्मीद में कि वो ठीक हो जायेंगे। मगर उन्हें क्या पता कि डॉक्टरी लापरवाही उनकी जान की दुश्मन बन जायेगी।

योगेश कुमार की मौत बुधवार 27 मई को हुई और उनकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट गुरुवार 28 मई को आई। योगेश कोरोना से कैसे संक्रमित हुए, अभी इसका पता नहीं चल पाया है।

DD न्यूज से जुड़े एक कर्मचारी ने बताया कि योगेश कुमार ने पिछले दिनों दो वरिष्ठ अधिकारियों के इंटरव्यू के दौरान कैमरा संभाला था। इनमें एक रेलवे के और दूसरा केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी थे। 21 मई को एम्स (AIIMS) एरिया में जाने की बात योगेश कुमार के बड़े भाई बब्बू भी बताते हैं। योगेश की मौत के बाद प्रसार भारती ने डीडी न्यूज के ट्रांसमिशन का कार्य कुछ दिन तक खेलगांव स्थित ऑफिस में शिफ्ट कर दिया है।

कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडल पर डीडी न्यूज के कैमरामैन की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है, ‘दूरदर्शन न्यूज के कैमरामैन की मौत की खबर से दुख हुआ... वह अपना कर्तव्य निभाते हुए वायरस से संक्रमित हो गए। सरकार को ‘कोरोना वारियर्स’ के लिए सुरक्षा की व्यवस्था की घोषणा करनी चाहिए और पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान करनी चाहिए।'



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