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सिक्योरिटी

यानी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला कभी हुआ ही नहीं!

Janjwar Team
21 Dec 2017 8:13 PM GMT
यानी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला कभी हुआ ही नहीं!
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यही वो घोटाला था जिसे भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बना तत्कालीन एनजीओ कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की कमान संभाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री बने बैठे हैं...

पीयूष पंत, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक

केंद्रीय सरकारों द्वारा किये गए तथाकथित आर्थिक घोटालों पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को आज फिर एक बार मुँह की खानी पड़ी। यूपीए 2 सरकार के शासनकाल में हुए तथाकथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के पहले मामले पर निर्णय देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट की एक विशेष अदालत ने आज पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई समेत सभी 14 आरोपियों और तीन कंपनियों को तीनों मामलों में बरी कर दिया।

बताया जा रहा है कि सबूतों के अभाव में सभी अरोपियों को बरी किया गया है। फैसला सुनाते वक्त जज ने कहा कि सीबीआई आरोप साबित करने में नाकाम रही है।

गौरतलब है कि ए राजा और कनिमोई के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया था उनके नाम हैं - दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी।

इनके अलावा तीन कंपनियां रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी), यूनिटेक लिमिटेड, डीबी रीयल्टी भी शामिल थीं। सीबीआइ द्वारा पहला आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की सुनवाई छह साल पहले शुरू हुई थी। इससे संबंधित सभी मामलों की सुनवाई विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी कर रहे थे। दो मामले सीबीआई ने दायर किए हुए थे, जबकि एक प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर किया गया था।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले को 1,76,000 करोड़ रुपए का बताया गया था। हालांकि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में करीब 31,000 करोड़ रुपए के घोटाले का उल्लेख किया था।

याद कीजिये मीडिया ने इसे यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला तक कह डाला था। उधर विपक्ष ने भी इसके आधार पर यूपीए सरकार को भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहने का तमगा दे डाला था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को न जाने क्या-क्या कह डाला था। यही वो घोटाला था जिसे भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बना तत्कालीन एनजीओ कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की कमान संभाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री बने बैठे हैं।

और तो और नरेंद्र भाई मोदी भी 2014 के लोकसभा चुनाव-प्रचार के दौरान इसी घोटाले की सान पर सवार होकर प्रधानमंत्री बने थे। याद कीजिये 2014 का आम चुनाव 2जी घोटाले को केंद्र में रखकर ही लड़ा गया था। लेकिन अफ़सोस इस घोटाले को चप्पू बना चुनावी वैतरणी पार करने के बाद न तो नरेंद्र मोदी और न ही अरविन्द केजरीवाल ने लोकपाल बिल लाने की पहल की।

आज भी चुनाव प्रचारों में या विदेशी दौरों में प्रधानमंत्री 2जी घोटाले को लेकर कांग्रेस पर तंज कसने से बाज नहीं आते हैं। इस तथाकथित (आभासी) घोटाले का चुनावी नुकसान न केवल कांग्रेस को झेलना पड़ा, बल्कि इसकी वजह से 2014 के लोकसभा चुनाव में डीएमके का सूपड़ा साफ़ हो गया और बाद के विधानसभा चुनाव में सीटों का भारी नुक्सान भी झेलना पड़ा। लाजिमी है कि कोर्ट के इस फैसले का डीएमके और कांग्रेस ने स्वागत किया है।

ए राजा ने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। कोर्ट का फैसला सुनकर कनिमोई रो पड़ीं और बोलीं, मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद कहना चाहूंगी जो मेरे साथ खड़े रहे। डीएमके के वरिष्ठ नेता दुराय मुरुगन ने कहा कि विजय अब शुरू हुई, राजनीतिक उद्देश्यों के साथ यह मामला हमारे ऊपर थोपा गया था। हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचे गए थे, लेकिन अब सब कुछ साफ हो गया है।

द्रमुक नेता आरएस भारती ने कहा कि यह एक झूठा केस था। पिछले 2 विधानसभा चुनावों के दौरान यह मामला हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया गया था, लेकिन अब यह गलत साबित हुआ है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। यूपीए सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए हैं। मुझे खुशी है कि अदालत ने कहा है कि यूपीए सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर बिना किसी आधार के आरोप लगाए गए थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि आज मेरी बात सिद्ध हो गई, 2जी स्पेक्ट्रम में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, कोई घाटा नहीं हुआ है। अगर कोई घोटाला है, तो झूठ का घोटाला है। विपक्ष और विनोद राय के झूठ का घोटाला।

कोर्ट का फैसला आने के बाद विनोद राय को सामने आकर देश की जनता से अपनी गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए। पी चिदंबरम ने कहा कि हमारी सरकार पर लगे बड़े घोटाले का आरोप झूठा था। आज यह साबित हो गया है।

क्या है 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला
इस घोटाले को देश का बहुत बड़ा घोटाला बताया गया था। यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह मामला तब सामने आया जब सन 2010 में जारी सीएजी रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाए गए थे। इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर इसे वर्ष 2001 के रेट से बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

इसमें इस बात का जिक्र था कि नीलामी के आधार पर लाइसेंस बांटे जाते तो यह रकम सरकार के खजाने में जाती। बहरहाल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर आये इस निर्णय ने जहां कैग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं राजनीतिक दलों की घोटालों और भ्रष्टाचार को महज एक चुनावी मुद्दा बना अपने राजनीतिक फायदे के लिए भुनाने की शातिर मंशा की कलई भी खोल दी है।

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