राजनीति

भाजपा सांसद की निगाह में किसान आंदोलनकारी हैं शहरी माओवादी

Janjwar Team
12 March 2018 6:31 PM GMT
भाजपा सांसद की निगाह में किसान आंदोलनकारी हैं शहरी माओवादी
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माओवादी होना कोई अपराध नहीं, लेकिन हर आंदोलन को माओवाद के नाम पर कुचलने की विशेषज्ञ हो चुकी सत्ता कब बदजुबान हो जाती है उसे पता भी नहीं चलता

बीजेपी नेत्री पूनम महाजन ने दिया किसान यात्रा पर बड़ा बयान, कहा लाल झंडे लिए ये लोग किसान नहीं हो सकते

जनज्वार। गलतबयानियों का लगता है बीजेपी ने ठेका ले रखा है, तभी तो बीजेपी की इन सांसद महोदया को अपनी मांगों के लिए संघर्षरत 35000 लोग अन्नदाता नहीं, माओवादी नजर आ रहे हैं। यानी जो अपनी मांगों के लिए सरकार के खिलाफ मुखर और संघर्षरत होगा, बीजेपी नेताओं की नजर में वो माओवादी होगा।

गौरतलब है कि बीजेपी की महाराष्ट से सांसद पूनम महाजन ने आज मुंबई में प्रदर्शन कर रहे किसानों के बारे में यह गलतबयानी की है। कहा कि लाल झंडा लिए संघर्ष कर रहे लोग किसान नहीं बल्कि शहरी माओवादी हैं। पूनम यहीं पर नहीं रुकीं, बल्कि कहा कि ये किसान शहरी माओवाद से प्रभावित होकर ही लाल झंडा लेकर आंदोलनरत हैं।

पूनम महाजन ने आरोप जड़ा कि माओवादी किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। यह मार्च पूरी तरह माओवादियों का राजनीतिक स्टंट है।

गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी बयान दे चुके हैं कि अपनी मांगों के लिए लांग मार्च कर रहे लोग किसान नहीं बल्कि आदिवासी हैं।

यह भी पढ़ें : मुंबई पहुंचे किसानों की हुंकार, कर्ज करो माफ और लागू हो स्वामीनाथन रिपोर्ट

पूनम महाजन का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जबकि किसान मार्च में शामिल कई बुजुर्गों के हाथ और पैरों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जोकि पैदल यात्रा चलने से बुरी तरह से घायल हो चुके हैं। पूनम महाजन के इस बयान ने आग में घी डालने का काम किया है।

बीते मंगलवार यानी 6 मार्च से अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले संगठित होकर नासिक जिले से किसानों ने किसान यात्रा की शुरुआत की थी, जो 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद आज मुंबई पहुंचे हैं। कर्जमाफी के लिए आंदोलनरत किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनका कर्ज माफ किया जाए और उन्हें मुआवजा मिले। किसानों की इस यात्रा को भाजपा को छोड़ लगभग हर राजनीतिक पार्टी का समर्थन मिल रहा है।

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