Begin typing your search above and press return to search.
समाज

पीएमसी बैंक में खाताधारक संजय के फंसे थे 90 लाख, रैली में लोगों को अपने पैसे के लिए रोते-गिड़गिड़ाते देख हुई मौत

Prema Negi
15 Oct 2019 12:31 PM IST
पीएमसी बैंक में खाताधारक संजय के फंसे थे 90 लाख, रैली में लोगों को अपने पैसे के लिए रोते-गिड़गिड़ाते देख हुई मौत
x

जॉय थॉमस की अगुवाई में बैंक मैनेजमेंट ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए PMC में हजारों डमी अकाउंट खोले थे, इन्हीं डमी एकाउंटों से लोन का लेनदेन का कारोबार चल रहा था एक दशक से, इसी से बैंक हुआ दिवालिया और संजय जैसे न जाने कितने खाताधारक जायेंगे तनाव में...

जनज्वार। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) का हजारों करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद से बैंक के खाताधारक बहुत परेशान हैं। घोटाला सामने आने के बाद से आरबीआई ने पीएमसी खाताधारकों के लिए पैसे निकालने की लिमिट मात्र 1 हजार कर दी थी। भारी विरोध के बाद यह लिमिट पहले 10 हजार की गयी, उसके बाद 25 हजार और अब 40 हजार कर दी गयी है।

4,355.43 करोड़ रुपये का यह बैंक स्कैम खाताधारकों की गले की फांस बन चुका है। लोग लगातार तनाव में हैं। पीएमसी बैंक क्या किसी भी बैंक से लोगों का विश्वास उठ रहा है। मुंबई के ऐसे ही एक पीएमसी बैंक खाताधारक संजय गुलाटी, जिनका लाखों रुपया बैंक में फंसा था, हार्ट अटैक से उसकी जान चली गयी।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक संजय गुलाटी के 90 लाख रुपये पीएमसी बैंक के ओशिवारा ब्रांच में फंसे हुए हैं। संजय के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। जिस सोसायटी में संजय रहते हैं उसके सेक्रेटरी यतींद्र पाल कहते हैं, 'संजय और उनके पिता सीएल गुलाटी जेट एयरवेज में काम करते थे। पहले संजय की नौकरी गई, बाद में बचत भी जाती रही। ताज्जुब तो यह है कि मरने से पहले तक उन्हें किसी भी प्रकार की कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, सिर्फ थाइरॉयड की समस्या थी। कल 14 अक्टूबर को पीएमसी के निवेशकों ने एक बैंक के खिलाफ एक रैली आयोजित की थी, जिसमें खाताधारक होने के नाते संजय ने भी हिस्सा लिया। यहां जहां उन्होंने कई लोगों को रोते और परेशान होते हुए देखा, जो उन्हें सहन नहीं हुआ और इसी ने उनकी जान ले ली।'

संबंधित खबर : मार्च में 100 करोड़ के मुनाफे में रहा पंजाब-महाराष्ट्र बैंक सरकार की इन कमियों के कारण ​हुआ दिवालिया ?

तींद्र आगे बताते हैं, 'संजय शाम को लगभग 3 बजकर 30 मिनट पर घर वापस लौटे और सो गए। लगभग 5 बजे उन्होंने अपनी पत्नी से खाना देने को कहा। जैसे ही वे खाना खाने लगे, तो बेहोश हो गये। बेहोशी में ही तभी उनकी मौत हो गयी।'

गौरतलब है कि पीएमसी बैंक को 4,355.43 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में ईओडब्ल्यू ने एचडीआईएल तथा पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसकी जांच जारी है।

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक में फाइनैंशल स्कैम का मामला तकरीबन एक दशक पुराना है। बैंक घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों ने खुलासा किया कि जॉय थॉमस की अगुवाई में बैंक मैनेजमेंट ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए PMC में हजारों डमी अकाउंट खोले थे, इन्हीं डमी एकाउंटों से लोन का लेनदेन का कारोबार एक दशक से चल रहा था।

जांच में ही यह बात भी सामने आयी कि जॉय थॉमस और मैनेजमेंट के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये जो कि बैंक के टोटल लोन का 73% हिस्सा है, सिर्फ एक ही कंपनी HDIL को दे दिये थे। इतनी बड़ी रकम वो भी डमी अकाउंट के जरिये लोन में दिये जाने से बैंक दिवालिया हो गया है, इसीलिए आरबीआई ने इसके कामकाज पर रोक लगा दी। पहले आरबीआई ने बैंक के डिपॉजिटरों के पैसे निकालने की लिमिट को कंट्रोल किया, जिससे हालातों पर कुछ हद तक काबू पाया जा सके, मगर आरबीआई की इस नीति से लोगों का दिवाला जरूर निकाल दिया।

हले आरबीआई ने बैंक के हर खाते से निकासी की ऊपरी सीमा 1,000 रुपये तय की थी, जिसे बढ़ाकर बाद में 10,000 रुपये कर दिया गया। उसके बाद बैंक खाताधारकों के भारी विरोध के चलते यह सीमा 25 हजार की गयी और अब यह लिमिट 40 हजार रुपये हो गयी है।

हालांकि जिन खाताधारकों के कम पैसे हैं, उनके लिए यह तब भी राहत की बात है, मगर बावजूद उसके अपना ही पैसा न निकाल पाने और इस तरह बैंक के दिवालिया होने के बाद लोग बहुत तनाव में हैं। पंजाब एंड महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक में ग्राहकों का कुल 11500 करोड़ रुपया जमा है।

गौरतलब है कि मुंबई निवासी 51 वर्षीय संजय गुलाटी की पीएमसी स्कैम सामने आने से पहले जेट एयरवेज से नौकरी चली गई थी। नौकरी जाने के बाद वह पीएमसी में जमा की गयी अपनी बचत से परिवार चला रहे थे। जब इसी बीच पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में बड़े घोटाले का मामला सामने आ गया, तो वे तनाव में रहने लगे। संजय ने अपनी जिंदगीभर की जमापूंजी 90 लाख रुपये पीएमसी में अपने आड़े वक्त के लिए रखे हुये थे। अब घोटाला सामने आने के बाद से आरबीआई ने पीएमसी से पैसे निकासी की ​रकम तय कर दी तो अन्य खाताधारकों की तरह संजय के सामने भी अंधेरा छा गया और यही तनाव उनकी जान जाने का कारण बना। कल मुंबई में बैंक पर लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ खाताधारकों ने प्रदर्शन किया था।

बैंक निवेशकों ने कल 14 अक्टूबर को मुंबई में पीएमसी स्कैम और खाताधारकों को उनका पूरा पैसा निकाले जाने के लिए एक रैली आयोजित की थी, इसमें संजय ने भी हिस्सेदारी की थी। रैली में जब संजय ने पीएमसी में निवेश करने वाले खाताधारकों को बैंक के सामने अपने ही पैसे लौटाने के लिए गिड़गिड़ाते हुए देखा, तो वह और ज्यादा तनाव में आ गये। लोगों की तकलीफों से रू-ब-रू होने के बाद जब वह घर लौटे तो उसके कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई।

गौरतलब है कि पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद आरबीआई ने इस बैंक के ग्राहकों के लिए नकदी निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक पर कई तरह के अन्य प्रतिबंध भी लगा दिए हैं यानी खाताधारकों के लिए अपना ही पैसा निकालना वो भी तय सीमा के अंदर किसी जंग जीतने से कम नहीं है।

Next Story

विविध