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आंदोलन

एसएससी छात्रों का टूटता सपना बड़ा मुद्दा न बन जाये, इसलिए भाजपा ने देश को उलझाया मूर्ति तोड़ने के काम में

Janjwar Team
7 March 2018 6:53 PM GMT
एसएससी छात्रों का टूटता सपना बड़ा मुद्दा न बन जाये, इसलिए भाजपा ने देश को उलझाया मूर्ति तोड़ने के काम में
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छात्रों ने सिर मुड़ाकर जताया विरोध, मना रहे वे एसएससी कमीशन के भ्रष्टाचार का श्राद्ध

एसएससी घोटाले के खिलाफ 27 फरवरी से चल रहे प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में युवा एसएससी हेडक्वार्टर दिल्ली के सामने कर रहे प्रदर्शन

अफजल आलम

हाल ही में हुई एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने और चयन प्रक्रिया में धांधली की बात सामने आई थी, जिसके बाद से एसएससी छात्र लगातार आंदोलनरत हैं। नेता—नौकरशाह की तरफ से मौखिक आश्वासन कई दिए गए हैं, मगर लिखित में अब तक छात्रों को कुछ भी नहीं सौंपा गया है।

आज आंदोलनकारी छात्रों ने एसएससी और सरकार के तरफ़ से माँगें नहीं माने जाने के कारण विरोधस्वरूप सामूहिक मुंडन करवाया है। यह खबर छिटपुट ही मीडिया में आ रही है, जबकि देश में कहीं लेनिन तो कहीं पेरियार और अब अंबेडकर की मूर्तियों को ढहाने की खबरों ने प्रमुखता ले ली है।

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आंदोलन में शामिल अब्दुल कहते हैं, मोदी सरकार ने हम लोगों को मांगों और मुद्दे को भटकाने के लिए मूर्ति भंजन की तरफ जनता का रुख मोड़ दिया है, जिससे कि हमारे टूटते सपने में हर आम आदमी अपने बच्चे की छवि देख विद्रोह न कर बैठे और हमारे मुद्दा बहुत बड़े स्तर पर न उठ जाए। मूर्ति ढहाने की घटनाओं को अंजाम हमारे आंदोलन को दबाने के लिए ही दिया जा रहा है।

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जबकि भाजपा की तरफ से लगातार दुष्प्रचारित करवाया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ने छात्रों की मांगों को मान लिया है, जिसके बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया है, मगर यह सरासर झूठ है। हजारों छात्र अपनी मांगों के लिए एसएससी हेडक्वार्टर के सामने डटे हुए हैं। खबर यह भी आई कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों को आश्वस्त किया, मगर यह भी मात्र झूठ का पुलिंदा ही निकला।

हां यह जरूर हुआ है कि पुलिस द्वारा प्रदर्शन स्थल के आसपास इंटरनेट एक्सेस सीमित कर दिया गया है, जिसके कारण छात्र ऑनलाइन नहीं जुड़ पा रहे हैं, जिसके कारण वहां के सही हालातों की जानकारी जनता तक थोड़ा मुश्किल से पहुंच रही है।

छात्रों की माँगें हैं SSC, CGL, CHS, MTS में पैसे लेकर जो नौकरियां दी गई हैं, उसकी जाँच सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में कराई जाए और दोषियों को सज़ा दी जाए। आंदोलनकारी छात्रों में से 12 छात्रों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, उन सभी छात्रों का तबियत आंदोलन के दौरान ही बिगड़ी है।

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अभी तक सरकार और एसएससी के तरफ़ से कोई भी छात्रों को लिखित में सीबीआई जाँच की कॉपी नहीं मिली है।

आंदोलन स्थल पर पूरे देश से छात्र पहुँच रहे हैं। सरकार के तरफ़ से टीवी और सोशल मीडिया पर लगातार घोषण की जा रही है कि छात्रों की सभी माँगें मान ली गई हैं, जबकि सरकार के तरफ़ से कुछ भी साफ़ साफ़ नहीं बताया जा रहा कि किन माँगों को माना गया हैं।

बड़े बड़े मीडिया चैनलों, आॅनलाइन मीडिया में खबरें आ रही हैं कि सरकार ने छात्रों की सभी मांगों को मान लिया गया है, जबकि यह सरारसर ग़लत है। आंदोलन में शामिल होने आए जयपुर के आनंद कहते हैं, मोदी सरकार आम जनता और हम लोगों के बीच भी कनफ्यूजन पैदा करने की कोशिश कर रही है। मोदी सरकार ने हमको लॉलीपॉप दिया है, हम उसकी सीबीआई की जाँच की घोषणा से असहमत हैं।

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आंदोलन में शामिल पटना से आए राहुल कहते हैं, 'मैं सभी न्यूज़ चैनलों से आग्रह करना चाहता हूं कि वे लोग ग्राउंड स्तर पर आकर रिपोर्टिंग करें और सच्चाई को देश के सामने रखें।

क्या हैं छात्रों की मांगें :
आंदोलनरत छात्रों की मांग है कि एसएससी के अंतर्गत हुई सभी परीक्षाओं की जाँच सीबीआई से कराई जाए, जिसे जांच सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में कराया जाए।

छात्रों का कहना है कि जाँच की समयसीमा तय की जाए, क्योंकि कई सारे पेपर लीक की जाँच अभी तक जारी है जबकि कई साल बीत चुके हैं। जैसे NEET पेपर लीक मामले की जांच सालों से लटकी हुई है। छात्रों के मुताबिक समयसीमा तय करने का एक फ़ायदा यह होगा कि यदि जाँच की समयसीमा कम होगी तो जिनका आयु परीक्षा के लिए एक साल ही बची है वह भी दोबारा परीक्षा दे पाएँगे।

छात्रों की एक बड़ी मांग यह भी है कि जब तब सीबीआई स्कैम की जाँच पूरी नहीं होती तब तक एसएससी की परीक्षाओं पर रोक लगा दी जाए, साथ ही ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्थान (वेंडर) सिफी पर तत्काल एक्शन लेते हुए उसे निलंबित किया जाए। एक बहुत ही महत्वपूर्ण मांग है SSC परीक्षा को पारदर्शी तरीक़े से आयोजित करवाने के लिए रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जजों की समिति का गठन करवाना।

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मगर मोदी सरकार बजाए छात्रों की मांगों पर ध्यान देने के मुद्दा भटकाने का काम कर रही है एसएससी छात्रों का टूटता सपना कहीं बड़ा मुद्दा न बन जाये, इसलिए भाजपा सरकार ने देश को मूर्ति तोड़ने के काम में उलझा दिया है।

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