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निर्भया कांड का दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेजा

Vikash Rana
6 Dec 2019 10:51 AM GMT
निर्भया कांड का दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास भेजा
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निर्भया के गुनाहगार कानूनी दायरे का फायदा उठा फांसी के फंदे से अब तक बचे हुए हैं। ऐसे में निर्भया के अभिभावकों के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया अदालत को भेजी...

जनज्वार। 2012 में हुए निर्भया कांड को लेकर आज शुक्रवार की दोपहर 6 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने निर्भया कांड के आरोपियों की दया याचिका को खारिज कर दिया, इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दी है। साथ ही गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से विनय की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है।

निर्भया कांड में दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। इससे पहले भी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था, जिसके बाद आरोपी विनय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी।

हालांकि इस मामले में निर्भया के गुनाहगार कानूनी दायरे का फायदा उठा फांसी के फंदे से अब तक बचे हुए हैं। ऐसे में निर्भया के अभिभावकों के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया अदालत को भेजी। अब इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है। गौरतलब है कि अभी तक राज्य सरकार ने फांसी की तारीख भी मुकर्रर नहीं की है। फांसी की तारीख तय होने के बाद ही अदालत डेथ वारंट जारी करेगी।

दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश का निर्भया की मां ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बेटी के गुनहगारों को जल्द से जल्द फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। बता दें कि निर्भया की मां ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से गुहार भी लगाई है। कोर्ट ने कहा था कि जब तक दोषी सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा नहीं कर लेते तब तक उन्हें फांसी देना संभव नहीं है। कोर्ट ने बचाव पक्ष को नोटिस देकर फांसी की सजा को लेकर किए जा रहे कानूनी कार्रवाई की जानकारी मांगी थी

गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 2012 में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। चलती बस में 6 लोगों ने बलात्कार किया था। बस सारी रात सड़को पर घूमती रही लेकिन पुलिस प्रशासन को होस नहीं था। बलात्कार के बाद दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था।

निर्भया पर हमला इतना गंभीर तरह से किया गया था कि अस्पताल में तीन दिन तक मौत और जिंदगी से लड़ने के बाद जंग हार गई थी।

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