BJP MLA : राजनीति से देश में आपसी भाईचारा हुआ कम, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने किया 'अच्छा काम' -भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल
(भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के कामों की तारीफ की)
BJP MLA : भाजपा विधायक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल (BJP MLA Kailash Meghwal) ने एक कार्यक्रम के दौरान संविधान (Indian Constitution) के उद्देश्यों का जिक्र कर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। दरअसल मेघवाल ने कहा कि संविधान में तो यह लिखा है कि देश में भाईचारा बढ़ाया जाए और सारे देश के नागरिकों में भाईचारा बढ़े लेकिन देश की राजनीति ने आपसी भाईचारे को कम किया है।
कैलाश मेघवाल शाहपुरा (Shahpura) के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पनोतिया के कंप्यूटर कक्ष के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह कहने में कोई ऐतराज नहीं है कि आज की राजनीति में शत्रुता और विरोध तो है मगर प्रतिद्वंदिता नहीं बल्कि शत्रुता बढ़ रही है। ऐसी राजनीति को आजतक हमने विकसित किया है।
मेघवाल ने कहा कि इसलिए संविधान की प्रस्तावना राजस्थान के सारे स्कूलों में लागू की है। इसके लिए मैं राजस्थान के तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) को भी इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने पाठ्यक्रमों में यह संविधान की प्रस्तावना को छपवाया है कि आपको इस बात का ज्ञान रहे कि आपके देश का संविधान किसलिए है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह कहने में कोई अफसोस नहीं है कि क्योंकि संविधान ने कहा कि बोलने की आजादी है। मैं आपके सामने बोल रहा हूं कि संविधान के जो उद्देश्य थे आज वो पूरे नहीं हुए हैं और उन उद्देश्यों की पूर्णता के लिए देश में नया आंदोलन करना पड़ेगा क्योंकि संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की बात कही गई है, क्या यह हमें मिल रहा है? क्या देश में सबको समान अवसर मिले और भाईचारा बढ़ा, यह स्थितियां पैदा हुईं हैं।
कैलाश मेघवाल 1977 से लगातार तीन बार विधायक रहे। इसके साथ सरकार में मंत्री, सांसद और केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे हैं। वह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इससे पहले भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ अपनी ही पार्टी में अविश्वास प्रस्ताव लाने जैसी बात कहकर पार्टी के भीतर भूचाल ला दिया था। मेघवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल के बाद उन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
बाद में राजे और मेघवाल में सुलह तो हो गई थी लेकिन साल 2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को राजे के खिलाफ बड़ा मुद्दा मिल गया था। मेघवाल राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री और देश के उपराष्ट्रपति रहे भैरों सिंह शेखावत के लिए हनुमान माने जाते रहे थे।