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राजनीति

Dhami Cabinet 2.0 : बदहाल उत्तराखण्ड का हर मंत्री है करोड़पति, 5 मंत्री मुख्यमंत्री से भी अमीर, सतपाल महाराज सबसे आगे

Janjwar Desk
24 March 2022 7:33 AM GMT
Dhami Cabinet 2.0 : बदहाल उत्तराखण्ड का हर मंत्री है करोड़पति, 5 मंत्री मुख्यमंत्री से भी अमीर, सतपाल महाराज सबसे आगे
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Dhami Cabinet 2.0 : बदहाल उत्तराखण्ड का हर मंत्री है करोड़पति, 5 मंत्री मुख्यमंत्री से भी अमीर, सतपाल महाराज सबसे आगे

Dhami Cabinet 2.0 : धामी कैबिनेट के सदस्यों की संपत्ति की बात करें तो इस सूची में पहला नाम सतपाल महाराज का है, दो बार सांसद व दो बार प्रदेश में मंत्री रहे सतपाल महाराज की एकेडमिक शिक्षा इंटर है.....

Dhami Cabinet 2.0 : उत्तराखण्ड राज्य में सरकार को भले ही अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए इधर-उधर ताकना पड़ता हो, लेकिन राज्य की राजनीति पर इस गरीबी का कोई असर नहीं है। नई सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर पूरी की पूरी कैबिनेट भी इसका अपवाद नहीं है। कैबिनेट का हर सदस्य कम से कम करोड़पति है। कैबिनेट के एक सदस्य व जाने-माने आध्यात्मिक गुरु तो अरबपति के आंकड़े से कुछ ही पीछे हैं। धामी कैबिनेट में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (Pushkar Singh Dhami) को मिलाकर फिलहाल नौ सदस्य हैं। इसमें केवल तीन सदस्य ही संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री से कमतर हैं। बाकी पांच सदस्य मुख्यमंत्री धामी के मुकाबले कहीं ज्यादा धनवान हैं।

धामी कैबिनेट के सदस्यों की संपत्ति की बात करें तो इस सूची में पहला नाम सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) का है। दो बार सांसद व दो बार प्रदेश में मंत्री रहे सतपाल महाराज की एकेडमिक शिक्षा इंटर है। आध्यात्मिक परिवार में जन्में सतपाल महाराज धामी कैबिनेट (Dhami Cabinet) में सबसे अमीर हैं। सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर मंत्री पद संभालने वाले 70 साल के सतपाल महाराज के पास 87.34 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

इस मामले में नम्बर दो पर सोमेश्वर विधानसभा से विधायक चुनी गईं रेखा आर्य (Rekha Arya) भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं। पिछली धामी सरकार में भी वह मंत्री रहीं। 43 साल की रेखा ने परास्नातक किया है। इनके पास कुल 25.20 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

तीसरा नम्बर मसूरी से भाजपा के विधायक गणेश जोशी (BJP MLA Ganesh Joshi) का है। मेरठ शहर में जन्मे 64 वर्षीय गणेश 10वीं तक पढ़ने के बाद सेना में चले गए थे। सेवा मैडल से सम्मानित गणेश ने स्वास्थ्य कारणों से 1983 में सेना छोड़ दी थी। 2002 से वह आरआरएस से जुड़े। पहली बार 2007 में राजपुर से तो इसके बाद लगातार दो बार गणेश मसूरी से विधायक बने हैं। पहली बार मंत्री 64 साल के गणेश के पास कुल 9.74 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

संपत्ति के मामले में चौथे पायदान पर गढ़वाल के प्रतिष्ठित राजनैतिक बहुगुणा परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य सौरभ बहुगुणा हैं। सितारगंज से दूसरी बार विधायक चुने गए सौरभ बहुगुणा की उम्र 43 साल है। सौरभ के पास कुल 7.85 करोड़ रुपये की संपत्ति है। सौरभ के दादा हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तर प्रदेश और पिता विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।

ऋषिकेश के विधायक प्रेम चंद्र अग्रवाल भी धामी कैबिनेट के अमीर मंत्रियों में शुमार हैं। मन्त्रिमण्डल की संपन्नता में पांचवे पायदान पर खड़े प्रेमचंद्र के पास कुल 5.03 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 56 वर्षीय अग्रवाल पेशे से किसान व व्यापारी हैं।

संपत्ति के मामले में छठा नम्बर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का है। खटीमा से चुनाव हारने के बाद भी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वाले 46 साल के धामी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। धामी के पास कुल 3.34 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

श्रीनगर विधानसभा सीट से विधायक धन सिंह रावत भी धामी कैबिनेट के अमीर सदस्यों में से एक हैं। धन सिंह रावत के पास कुल 2.67 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 47 वर्षीय धन सिंह रावत 1989 में आरआरएस से जुड़े। इतिहास से एमए व राजनीति में पीएचडी कर चुके रावत कई पुस्तकें भी लिख चुके हैं। राज्य निर्माण के लिए 59 दिन व नक्सलवाद के खिलाफ धारचूला से टनकपुर तक 39 दिन की पदयात्रा निकाल चुके रावत ने छुआछूत, बाल-विवाह, शराब के खिलाफ कई अभियान भी चलाये।

नई कैबिनेट में नरेन्द्रनगर विधायक सुबोध उनियाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 61 साल के सुबोध के पास कुल 1.61 करोड़ रुपये की संपत्ति है। हेमवती नंदन बहुगुणा के सानिध्य में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति से राजनीति की शुरूआत करने वाले उनियाल वर्ष 2002 में प्रथम बार, वर्ष 2012 में दूसरी और वर्ष 2017 में तीसरी बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। 2007 में ईवीएम में जीतने के बावजूद पोस्टल बैलेट में वह चार वोट से पराजित हुए थे। पिछली सरकार में उनियाल मुख्यमंत्री सलाहकार व प्रदेश में मंत्री भी बने। बैटमिंटन, टेबिल-टेनिस के खिलाड़ी उनियाल इस बार दूसरी बार मंत्री पद संभाल रहे हैं।

मन्त्रिमण्डल के सबसे गरीब मंत्री चंदनराम दास हैं। बागेश्वर से विधायक चंदन राम दास के पास कुल 1.24 करोड़ रुपये की संपत्ति है। चंदन को भी इस बार धामी कैबिनेट में जगह मिली है। पेशे से किसान चंदन राम दास ने स्नातक किया है। चंदनराम दास का राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ। वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। 1980 से राजनीति जीवन की शुरूआत की। 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्ररेणा पर भाजपा में शामिल हुए। 2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए थे।

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