Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

UP उपचुनाव : देवरिया में 4 मुख्य पार्टियों ने लगाया त्रिपाठी प्रत्याशी पर दांव, क्या अन्य जातियों पर नहीं भरोसा?

Janjwar Desk
15 Oct 2020 12:18 PM GMT
UP उपचुनाव : देवरिया में 4 मुख्य पार्टियों ने लगाया त्रिपाठी प्रत्याशी पर दांव, क्या अन्य जातियों पर नहीं भरोसा?
x

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बढ़ चुकी है सियासी हलचल

देवरिया की इस सीट पर सबसे पहले बहुजन समाजवादी पार्टी ने पिछली बार की तरह ब्राह्मण कार्ड खेला था, जिसके बाद सपा सहित भाजपा व कांग्रेस ने भी ब्रह्मण यानी 'त्रिपाठियों' पर दांव खेला है, देवरिया विधानसभा सीट पर चारों ब्राह्मण उम्मीदवार होने के बाद चुनाव बड़ा रोचक होगा....

जनज्वार, देवरिया। उत्तर प्रदेश में तीन नवम्बर को 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। इन सभी सात सीटों में सबसे अधिक जो सीट चर्चा के केन्द्र में है, वह देवरिया है। देवरिया चर्चा में इसलिए आ गया है, क्योंकि यहाँ प्रदेश की चार मुख्य पार्टियों यानी भाजपा, कांग्रेस, सपा व बसपा ने अपने अपने प्रत्याशी एक ही बिरादरी के उतारे हैं। सभी के प्रत्याशी 'त्रिपाठी' हैं, जिनमें से तीन में 'मणि' कॉमन हैं।

देवरिया की सदर सीट पर भाजपा ने सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी को उतारा है। बसपा ने प्रकाशिनी मणि त्रिपाठी पर दांव खेला है तो समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री रह चुके ब्रह्मशंकर त्रिपाठी को आगे किया है। इसके बाद कांग्रेस ने भी मुकुंद भाष्कर मणि को अपना प्रत्याशी बनाया है।

बताया जा रहा है कि देवरिया की इस सीट पर सबसे पहले बहुजन समाजवादी पार्टी ने पिछली बार की तरह ब्राह्मण कार्ड खेला था, जिसके बाद समाजवादी पार्टी सहित भाजपा व कांग्रेस ने भी ब्रह्मण यानी 'त्रिपाठियों' पर दांव खेला है। कहा जा रहा है कि देवरिया विधानसभा सीट पर चारों ब्राह्मण उम्मीदवार होने के बाद चुनाव बड़ा रोचक होगा।

देवरिया की उपचुनाव वाली इस सीट पर जन्मेजय सिंह पहली बार 2000 में बीएसपी के टिकट पर जीते थे। वहीं 2002 के चुनाव में उन्हें एसपी के शाकिर अली से शिकस्त मिली थी। 2007 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद लगातार दो बार बीजेपी से विधायक बने। 16वीं विधानसभा यानी 2012 के चुनाव में उन्होंने बीएसपी के प्रमोद सिंह को 23 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। वहीं 2017 की बीजेपी लहर में जन्मेजय सिंह ने एसपी के जेपी जायसवाल को 46 हजार से ज्यादा मतों के मार्जिन से करारी मात दी थी।

यूपी विधानसभा की 8 सीटों में 7 के उपचुनाव में बीजेपी ने कम से कम 6 सीटें अपनी झोली में लाने का टारगेट रखा है। इस उपचुनाव के नतीजों का असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर भी दिखाई पड़ सकता है। देवरिया सदर सीट पर बसपा ने बीजेपी का किला भेदने का प्लान बनाया है।

पूर्वांचल के इस इलाके में सीएम योगी आदित्यनाथ का जबरदस्त प्रभाव माना जाता है। ऐसे में इस चुनाव में विपक्षी पार्टियां कड़ी चुनौती देने के लिए दांव-पेच लगा रही हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि इस सीट पर बीजेपी के जो जन्मेजय सिंह चुनाव जीते थे, वह ओबीसी बिरादरी से ताल्लुक रखते थे।

1967 में अस्तित्व में आई देवरिया सदर सीट पर अब तक कुल 14 चुनाव हुए हैं और सबसे ज्यादा छह बार पिछड़ों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। ब्राह्मण, भूमिहार और मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग दो-दो बार तथा एक बार ठाकुर व एक बार श्रीवास्तव बिरादरी के जनप्रतिनिधि पर जनता ने जीत की मुहर लगायी हैं।

जहां तक सत्तासीन भाजपा की बात करें तो उसने 1980 में देवरिया सदर सीट से रामनवल मिश्र को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन तब वह छठवें स्थान पर रहे थे। अब पार्टी ने करीब 40 साल बाद एक बार फिर से डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी पर दांव खेला है, तो सपा के लिए यह पहला अवसर है जब उसने इस सीट पर किसी ब्राह्मण को उतारा है। उसने पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को टिकट दिया है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है करीब 44 साल बाद उसने ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतारते हुए मुकुन्द भाष्कर मणि को टिकट दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसको जीत का सेहरा पहनाती है।

Next Story

विविध