शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे का वह दशहरा भाषण क्या था जिसकी उनके आलोचक ओवैसी के भाषण से करने लगे तुलना
जनज्वार। जब से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपनी पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस व एनसीपी के साथ सरकार बनायी है तब से वे हिंदू कट्टरपंथियों के एक तबके के निशाने पर हैं। उनके आलोचक इस मौके की तलाश में रहते हैं कब हिंदुत्व के बहाने उन्हें घेरा जाए। भाजपा के बाद शिवसेना देश की दूसरी ऐसी प्रमुख पार्टी है जो अपनी राजनैतिक विचारधारा का आधार हिंदुत्व को बताती है।
जिस तरह भाजपा का पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रमुख हर साल दशहरा के मौके पर अपना वार्षिक संबोधन करते हैं, उसी तरह शिवसेना के प्रमुख भी दशहरा के ही दिन अपना वार्षिक संबोधन अपने समर्थकों, कार्यकर्ताओं के लिए करते हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी इस साल दशहरा पर अपना पर वार्षिक संबोधन दिया, जिसकी तुलना उनके विरोधी एमआइएम चीफ असदु्द्दीन ओवैसी के तजिया भाषण से कर उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह हिंदुत्व नहीं है।
An old @ShivSena supporter says - it did not sound like Shiv Sena Dashera speech. It was more like Owaisi's Taziya speech.
— Jiten Gajaria (@jitengajaria) October 26, 2020
Well done @OfficeofUT
उद्धव ठाकरे केे रविवार शाम छह बजे दिए भाषण में वीर सावरकर का उल्लेख नहीं होने पर भाजपा व उसके समर्थकों ने उन्हें निशाने पर लिया है और कहा है कि वे इस पर एक शब्द नहीं बोल पाए। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने वीर सावरकर स्टेडियम में अपनी दशहरा रैली की लेकिन उनके सम्मान में वे एक शब्द नहीं बोले सके, शायद वे अपने नए दोस्तों से डरते हैं जो वीर सावरकर के खिलाफ बार-बार अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
CM @OfficeofUT gave a lesson on Hindutva from Savarkar Smarak in Sena's Dasra melava. Question is why didn't he a utter a single word of praise for Veer Savarkar. Probably, he is afraid of his new friends who have been repeatedly using derogatory remarks against Veer Savarkar.
— Ram Kadam - राम कदम (@ramkadam) October 25, 2020
हालांकि इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी और अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का बचाव किया है। संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना ने कभी भी वीर सावरकर पर अपना स्टैंड नहीं बदला। जब भी उनका अपमान करने के लिए अनुचित टिप्पणी की गई हम उनके साथ खड़े रहे। हमने हमेशा उनके साथ भावनात्मक संबंध बनाए हैं। जो लोग हमारी आलोचना कर रहे हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि उन्होंने उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया।
Shiv Sena never changed its stand on Veer Savarkar. Whenever an inappropriate comment was made to insult him, we stood by him. We've always had an emotional connection with him. Those who are criticising us must answer why didn't they give him Bharat Ratna: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XBRPyCBpZ5
— ANI (@ANI) October 26, 2020
वहीं, महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा है कि सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व से समझौता किया है। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के द्वारा सावरकर की आलोचना पर एक शब्द नहीं बोला।
उद्धव ठाकरे ने अपनी दशहरा रैली में कहा कि हमसे हमेशा हिंदुत्व के बारे में पूछा जाता है क्योंकि हम राज्य में फिर से मंदिर नहीं खोल रहे हैं। वे कहते हैं कि मेरा हिंदुत्व बाला साहेब ठाकरे से अलग है। खैर, आपका हिंदुत्व घंटियां व बरतन बजाने वाला है, हमारा हिंदुत्व वैसा नहीं है।
उद्धव ने अपनी रैली में भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि उन्होंने हमारी सरकार बनने पर गिर जाने की चेतावनी दी थी अगर उनमें साहस है तो ऐसा करके दिखाएं।
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि केंद्र की रुचि अगर सिर्फ राज्यों में सरकार गिराने में होगी तो इससे अराजकता फैल जाएगी।
उद्धव ठाकरे ने जीएसटी पर सवाल उठाया था। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा में बीफ पर प्रतिबंध नहीं है और महाराष्ट्र में उस पर प्रतिबंध है, क्या यह आपका हिंदुत्व है। उन्होंने भाजपा को आरएसएस चीफ मोहन भागवत की बातों पर अमल करने की सलाह दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदुत्व को पूजा से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बिना कहा कि काली टोली पहनने वालों हमारी आस्था पर सवाल उठाने वालों हमें सेक्युलर कहने वालों को भागवत का भाषण सुनना चाहिए।