Begin typing your search above and press return to search.
समाज

आरक्षण की मारामारी के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में बड़ी संख्या में खाली SC-ST और OBC कोटे के पद

Janjwar Desk
3 Aug 2021 4:28 AM GMT
आरक्षण की मारामारी के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में बड़ी संख्या में खाली  SC-ST और OBC कोटे के पद
x

एक तरफ आरक्षण को लेकर मारामारी है तो दूसरी तरफ केंद्रीय संस्थानों में बड़ी संख्या में खाली हैं आरक्षित पद

एक तरफ जातीय जनगणना में ओबीसी वर्ग को शामिल करने के लिए राजनीतिक दल लगातार मांग कर रहे हैं दूसरी तरफ देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में आरक्षित संवर्ग के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं...

जनज्वार। एक तरफ जातीय जनगणना में ओबीसी वर्ग को शामिल करने के लिए राजनीतिक दल लगातार मांग कर रहे हैं दूसरी तरफ देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में आरक्षित संवर्ग के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं। यानि रिजर्व कैटेगरी के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के पदों पर नियुक्ति ही नहीं की जा सकी है। हाल में मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानि NEET में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है जिसके बाद जहां ओबीसी वर्ग के लोग खुश हैं, वहीं सामान्य वर्ग के लोग विरोध में आ गए हैं।

जातीय जनगणना में ओबीसी वर्ग को शामिल किए जाने की मांग उठाने वाले राजनीतिक दल यह कहकर इसे जरूरी बता रहे हैं कि इससे उस वर्ग की स्थिति का आकलन हो सकेगा। हालांकि यह तथ्य अपनी जगह कायम है कि जहां ओबीसी और अन्य कैटेगरी के लोगों को आरक्षण लागू हो चुका है, वहां की नौकरियों में इन संवर्गो के आरक्षित पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं।

देश के केंदीय विश्वविद्यालयों और IISC जैसे वैज्ञानिक संस्थानों में रिजर्व कैटेगरी के पद बड़ी संख्या में रिक्त रह जाते हैं। IISC में तो एसटी वर्ग के 54.7 फीसदी पद रिक्त हैं जबकि देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग यही स्थिति है। ओबीसी संवर्ग के पद भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और IISC जैसे संस्थान में बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं। ये आंकड़े केंद्र सरकार ने लोकसभा में साझा किए हैं।

सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एसटी वर्ग के 38.71 और एससी वर्ग के 42.64 फीसदी पद रिक्त हैं। वहीं IISC में एसटी वर्ग के 54.7 फीसदी और एससी वर्ग के 20.2 फीसदी के पद खाली पड़े हैं।

IISCR यानि भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में आरक्षित संवर्ग के रिक्त पड़े पदों की स्थिति और बुरी है। IISCR में एससी वर्ग के 39.4 फीसदी पद रिक्त हैं जबकि एसटी वर्ग के आधे से भी ज्यादा यानि 57.89 प्रतिशत पद खाली हैं। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि यहां ओबीसी वर्ग के भी 43.7 प्रतिशत पद रिक्त हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये आंकड़े लोकसभा में प्रस्तुत किए।केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में आंकड़े पेश करने के बाद हालांकि कहा, "नियुक्तियों में एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत विश्वविद्यालय को एक इकाई मानकर केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक संवर्ग के तहत सीधी भर्ती में पदों का आरक्षण प्रदान करने के लिए 12 जुलाई 2019 को अधिसूचित किया गया था।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब अधिनियम के लागू होने के बाद ओबीसी आरक्षण सभी स्तरों पर लागू किया गया है। इसके अलावा, जून 2019 में यूजीसी ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में संकाय की भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं और भर्ती की समय सीमा विश्वविद्यालयों के लिए निर्धारित किया गया है।

Next Story

विविध