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चीन ने लगाया आरोप, भारतीय सेना ने लद्दाख में एलएसी पार कर की गोलीबारी
जनज्वार। भारत और चीन के बीच हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं। गलवान घाटी झड़प के बाद कई चरण की सैन्य व कूटनीतिक वार्ताओं के बाद भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। चीन ने अब भारत पर आरोप लगाया है कि भारतीय सेना ने उत्तरी लद्दाख में एलएसी क्रास कर गोलीबारी की है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस संबंध में दावा किया है कि यह घटना भारतीय सेना ने पैंगोंग सो लेक की एक पहाड़ी पर सोमवार को हुई है।
China government-owned Global Times claims that Indian troops crossed the Line of Actual Control (LAC) near the south bank of Pangong Tso Lake on Monday. https://t.co/nz4sQ3OlsC
— ANI (@ANI) September 8, 2020
हालांकि भारत सरकार व भारतीय सेना की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उसने अरुणाचल प्रदेश से पांच भारतीय युवकों का अपहरण कर लिया है और उनकी रिहाई की मांग करने व उस पर आपत्ति किए जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरुणाचल के अस्तित्व को खारिज करते हुए इसे चीन के कब्जे वाले लद्दाख का दक्षिणी हिस्सा बताया। जबकि यह सर्वज्ञात है लि लद्दाख पर चीन का अवैध कब्जा है।
Chinese border defense troops were forced to take countermeasures to stabilize the situation after the #Indian troops outrageously fired warning shots to PLA border patrol soldiers who were about to negotiate, said the spokesperson. https://t.co/wwZPA6BMDA
— Global Times (@globaltimesnews) September 7, 2020
न्यूज एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि गोलीबारी की घटना पूर्वी लद्दाख में हुई है, जहां भारत व चीन की सेना तीन महीने से स्टैंड आफ की स्थिति में हैं।
वहीं, ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सेना को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल जांग शियूली ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सेना ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से में एलएसी को पार किया और पेंगोंग सो लेक के दक्षिणी किनारे के निकट शेनपाओ के पहाड़ी इलाके में प्रवेश कर गए।
मालूम हो कि हाल ही में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मास्को में चीन के रक्षामंत्री के साथ उसके आग्रह पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की है, जिसमें रक्षामंत्री ने चीन के विस्तारवादी सोच का विरोध किया और एलएसी पर यथास्थिति में किसी भी तरह के बदलाव को अस्वीकार्य बताया। हालांकि इसके बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा।