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नक्सलियों ने जारी की अगवा जवान की तस्वीर, पांच वर्षीय बेटी बोलीं- नक्सल अंकल मेरे पिता को रिहा कर दो प्लीज

जनज्वार डेस्क। छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर में शनिवार 3 अप्रैल को हुई मुठभेड में 22 जवान शहीद हो गए जबकि 4 नक्सलियों को भी मार गिराया गया। वहीं इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सेना के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को अगवा कर लिया। नक्सलियों ने अब उसकी तस्वीर भी जारी की है।
Maoist release picture of #CRPF Jawan Rakeshwar Singh Minhas to one local journalist. Police still claims they are trying to verify claim made by naxals. #NaxalAttack pic.twitter.com/NpgljcQ7VJ
— Neeta Sharma (@NEETAS11) April 7, 2021
इससे पहले भाकपा माओवादी के नेताओं की ओर से प्रेस नोट में कहा गया था कि अगवा जवान उनके कब्जे में हैं। नक्सलियों ने इससे पहले सुरक्षाकर्मियों लुटे हथियारों की तस्वीर भी साझा की थी। वहीं अगवा जवान के परिजन उनको लेकर चिंतित हैं। राकेश्वर सिंह मनहास की पांच साल की बेटी ने पिता को रिहा करने की अपील की है। एक वीडियो में उसने कहा, 'पापा की परी पापा को बहुत मिस कर रही है। मैं अपने पापा से बहुत प्यार करती हूं। प्लीज नक्सल अंकल, मेरे पापा को घर भेज दो।'
छत्तीसगढ़ के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर दीपांशु काबरा ने जवान की बेटी का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, बीजापुर नक्सल हमले में बंधक बनाए गए जवान की बेटी की आवाज़ सुनकर मन भावुक हो गया। परिवार के दर्द की हम सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं... उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आपके पिताजी रक बहादुर योद्धा हैं बिटिया। आप भी उनकी तरह धैर्य और हिम्मत से काम लें...'
#Bijapur #NaxalAttack में बंधक बनाए गए जवान की बेटी की आवाज़ सुनकर मन भावुक हो गया.
— Dipanshu Kabra (@ipskabra) April 5, 2021
परिवार के दर्द की हम सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं...
उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. आपके पिताजी रक बहादुर योद्धा हैं बिटिया. आप भी उनकी तरह धैर्य और हिम्मत से काम लें... pic.twitter.com/8dwTw5xkj3
शोशल मीडिया पर भी अगवा जवान के तस्वीर की चर्चा हो रही है।
FYI: Abducted by Naxals commando Rakeshwar Singh is safe. As of now.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 7, 2021
Pic released by Naxals. pic.twitter.com/OL5r5NECBy
Naxals releases a photo of CoBRA Jawan held captive. Jawan went missing since the encounter at Sukma-Bijapur border. pic.twitter.com/BCq5AUWuFU
— Pinky Rajpurohit (ABP News) 🇮🇳 (@Madrassan_Pinky) April 7, 2021
Maoists have released an image of abducted CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas. He is in captivity of Maoists since Saturday after the #Bijapur ambush pic.twitter.com/BXBHsNisYZ
— Utkarsh Singh (@utkarshs88) April 7, 2021
इससे पहले नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर लिखा था, '3 अप्रैल 2021 को बस्तर आईजी सुंदरराज पी के नेतृत्व में सुकमा, बीजापुर जिले के गांवों पर भारी हमला करने के लिए 200 पुलिस बल आ गए। अगस्त 2020 में अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में एक बैठक में इस सैनिक अभियना की योजना बनी थी। उसके बाद रायपुर केंद्र बनाकर काम करने वाले विजय कुमार के नेतृत्व में अक्टूबर महीने में पांच राज्यों के पुलिस अधिकारियों के सात तेलंगाना-वेंकटीपुरम में इस सैनिक अभियान की जमीनी स्तर पर योजना बनायी गई। बस्तर आईजी सुंदरराज पी को इस सैनिक अभियान का प्रभारी बनाया गया। केंद्र सरकार के इस अभियान की कार्रवाई के लिए विशेष अधिकारी के रूप में अशोक जुनेजा (डीजीपी) को नियुक्त किया गया है।'
इसमें आगे नक्सलियों की ओर से दावा किया गया है कि 'नवंबर 2020 में शुरु हुए इस सैनिक अभियान में 150 से ऊपर ग्रामीण जनता की हत्या की गई। इसमें हमारी पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता लोग भी थे। हजारों को जेल में डाल दिया। महिलाओं पर अत्याचार करके हत्या की है। जनता की संपत्ति को लूट लिया है। एक तरफ इस हत्याकांड को बढ़ाते हुए, दूसरी तरफ पुलिस कैम्प निर्माण, कैम्प अनुसंधान करने वाले सड़क बना रहे हैं। इसी को विकास का नाम देकर झूठा प्रचार कर रहे हैं। जनकल्याण के लिए चल रहे स्कूल और हॉस्पिटल को अभियान में ध्वस्त कर रहे हैं। दूसरी ओर झूठा प्रचार कर रहे हैं कि माओवादी विकास विरोधी हैं। पुलिस कैम्प और सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में बड़े आंदोलन हो रहे हैं। स्कूल और अस्पताल मांग रहे हैं। पुलिस कैम्प को हटाने की मांग कर रहे हैं।'
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले के तीन दिन बाद नक्सलियों ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि लापता सीआरपीएफ कमांडो उनकी 'सुरक्षित हिरासत' में है और वे केवल बात करने के लिए वार्ताकार नियुक्त करने के बाद ही कमांडो को रिहा करने के लिए तैयार हैं। pic.twitter.com/YseRyk1fUX
— IANS Hindi (@IANSKhabar) April 7, 2021
प्रेस नोट में आगे लिखा है, 'साम्राज्यवाद अनुकूल और जनविरोदी फासीवादी मोदी का 2000 पुलिस बल 3 अप्रैल की तारीख में एक बड़ा हमला करने के लिए जीरागुड़ेम गांव के पास आया। इसको रोकने के लिए पीएलजीए ने प्रतिहमला किया है। इस वीरतापूर्वक प्रतिहमले में 24 पुलिसवाले मर गए, 31 घायल हुए। एक पुलिसकर्मी बंदी के रुप में हमको मिला और बाकि पुलिस वाले भाग गए। इस घटना से पहले जीरागुड़ेम गांव का माड़वी सुक्काल को पकड़कर उसकी हत्या की और झूठ बोल रहे हैं कि एक माओवादी फायरिंग में मारा गया।'