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CM Yogi Adityanath Report Card : चुनाव से पहले बड़ी आबादी को रिझाने के लिए CM योगी ने किए कई झूठे दावे
रिपोर्ट कार्ड में मुख्यमंत्री योगी ने किए कई झूठे दावे
CM Yogi Adityanath Report Card : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के पहले चरण के मतदान के लिए एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर रिपोर्ट कार्ड (CM Yogi Adityanath Report Card) पेश किया। मुख्यमंत्री योगी के मुताबिक प्रदेश में पांच साल में कोई दंगा नहीं हुआ, कोरोना में लोगों ने डटकर महामारी का सामना किया और उनकी सरकार में उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। रिपोर्ट कार्ड में 87 पॉइंट्स में उन्होंने इसी तरह के दावे किए हैं। आइए जानते हैं इन दावों की सच्चाई क्या है।
चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath Report Card) ने बिना रुके 77 मिनट 50 सेकेंड तक रिपोर्ट पढ़ी। योगी आदित्यनाथ रिपोर्ट कार्ड में दावा किया कि प्रदेश में बेरोजगारी (Unemployement) 15 प्रतिशत बेरोजगारी कम करने का दावा किया है। रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक देश की प्रतिष्ठित संस्था सीएआईई (CMIE) ने जब उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी की तुलना की तो 2016-17 में 18 प्रतिशत वो आज 3 प्रतिशत है। जबकि हकीकत यह है कि मार्च 2017 में जब योगी सरकार को सत्ता मिली थी तब बेरोजगारी दर 2.4 प्रतिशत थी। ये आंकड़े सीएमआईई ने ही जारी किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट कार्ड में दावा किया कि पांच साल में एक भी दंगा या आतंकी हमला नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के दावे के मुताबिक बसपा सरकार के समय 364 दंगे पांच वर्ष के अंदर हुए औऱ समाजवादी पार्टी (2012-17) के बीच 700 से अधिक दंगे हुए। 11 दिसंबर 2018 को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी दी कि साल 2017 में दंगों के मामले में यूपी टॉप पर रहा। 2014-16 के बीच इस त रह के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। हकीकत यह है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 में 34 सांप्रदायिक दंगे हुए और बलवों को मिलाकर 8990 घटनाएं हुईं। साल 2019 में दंगे और बले शामिल करके 5714 घटनाएं हुईं। साल 2018 में दंगे और बलवे शामिल करके 8908 घटनाएं हुईं।
इसी तरह रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में डेढ़ लाख स्मार्ट स्कूल बनाए गए। 1.40 लाख से ज्यादा विद्यालयों को स्मार्ट बनाया गया है। वहां बैठने के लिए डेस्क-बेंच, अलग शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके इस दावे की हकीकत भी यह है कि प्रदेश में प्राइमरी और अपर प्राइमरी मिलाकर कुल 158839 स्कूल हैं। चार साल पहले 68603 स्कूलों में छात्र जमीन पर बैठते थे। लेकिन अभी चालीस हजार छात्र स्कूलों में जमीन पर बैठते हैं। करीब 20 हजार स्कूलों में अलग टॉयलेट नहीं है। इतने ही स्कलों में बाउंड्री वॉल नहीं है। 2 मार्च 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया था कि यूपी में 2 लाख 17 हजार पद खाली हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दो करोड़ से अदिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। जबकि उनके इस दावे की सच्चाई यह है कि यह योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नाम से है। इसके लिए केंद्र सरकार बजट जारी करती है। यूपी में इस योजना के तहत 1.47 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दिए गए।
उन्होंने यह भी दावा किया कि जब उनकी सरकार आई तो पहली कैबिनेट बैठक में 86 लाख किसानों का 36000 करोड़ का कर्ज माफ किया गया। जबकि इस दावे की सच्चाई यह है कि आरटीआई के तहत राहुल कुमार नाम के व्यक्ति ने चार साल में कर्जमाफी की जानकारी मांगी थी। आरटीआई में जवाब मिला कि 2017 से 2020 तक प्रदेश में 45 लाख 24 हजार 144 किसानों का कर्जमाफ हुआ है। यह कर्जमाफी रिपोर्ट कार्ड में पेश आंकड़ों से दोगुना है।