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Goa Election 2022 : क्या गोवा में बीजेपी फिर से 2017 की तरह 'खेला करने' की फिराक में है?

Janjwar Desk
9 March 2022 1:04 PM IST
Goa Election 2022 : क्या गोवा में बीजेपी फिर से 2017 की तरह खेला करने की फिराक में है?
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Goa Election 2022 : गोवा में सरकार बनाने की खींचतान वोटों की गिनती से पहले ही हो गयी है शुरू, कांग्रेस के लिए अपने विधायकों को सहेजकर रखना चुनौती...

Goa Election 2022 : गोवा (Goa) में वोटों की गिनती के पहले ही राजनीति​क माहौल गरमाने लगा है। गोवा के राजनी​तिक हलकों में इन दिनों कई राजनीतिक गतिविधियां भी देखने को मिल रही है। कांग्रेस (Congress), भाजपा (BJP) और सभी छोड़े दल चुनाव परिणाम आने के बाद किस रणनीति पर काम करेंगे इसके लिए खींचतान अभी से ही शुरू हो गयी है। मंगलवार को इसब बावत काफी गहमागहमी देखी गयी।

इन सबके बीच गोवा की सबसे पुरानी प्रादेशिक पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) पर सभी दलों की निगाह बनी हुई है। अगर यह पार्टी बीते चुनावों का अपना प्रदर्शन दोहराती और तो भाजपा या कांग्रेस दोनों दलों को इसके आगे-पीछे घूमना पड़ सकता है। इस छोटे से समुद्रतटीय और पर्यटन के लिए विख्यात राज्य गोवा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के लिए सियासी रेस हमेशा से ही उतार-चढ़ाव वाला रहा है। छोटा सा तटीय प्रदेश गोवा राजनेताओं की बदलती आस्था के लिए भी हमेशा चर्चा में रहा है।

सत्ताधारी बीजेपी और पिछले चुनाव में सबसे ​अधिक सीटें जीतकर भी सत्ता से दूर रह जाने वाली कांग्रेस दोनों ही पार्टियां 40 सीटों की विधानसभा में अपना बहुमत आने का दावा कर रही है। ज्ञात हो कि गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीते 14 फरवरी को वोट डाले गए थे।

एग्जिट पोल (Exit Poll) के एक दिन बाद जिसमें गोवा (Goa) में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत के आसार नहीं दिख रहे हैं के बाद कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी अभी से ही अपने उम्मीदवारों को लेकर सचेत हो गयी है. जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव के सभी उम्मीदवारों को किसी खास रिजॉर्ट में भेजने की प्ला​निंग हो रही है।

वहीं दूसरी तरफ गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत वोटों की गिनती से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली पहुंचकर मिले हैं। वहीं पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता गोवा में भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से मुंबई जाकर मिलने की तैयारी कर रहे हैं। संभव है बुधवार को उनसे मिलकर आगे की रणनीति पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिबंदरम ने मीडिया को बताया है कि गोवा में मतगणना से पहले ही सभी विपक्षी विचारधारा वाले दलों और नेताओं को एक साथ लाने के लिए कांग्रेस की ओर से पहल चल रही है ताकि चुनाव परिणाम आने के बाद एक मजबूत गैरभाजपाई गठजोड़ बनाकर गोवा में सरकार बनायी जा सके।

एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बताया कि गोवा में अपने प्रत्येक उम्मीदवार से बातचीत के बाद मैं और अधिक आश्वस्त हो गया हूं कि प्रदेश की जनता कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश दे रही है। समान विचारधारा वाले दूसरे दलों के साथ भी समन्वय बनाने का काम कांग्रेस पार्टी की ओर से चल रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम गोवा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से आब्जर्वर के रूप में नियुक्त किए गए थे।

चिदंबरम का यह बयान इन अटकलों के बीच आया है कि एग्जिट पोट के अनुमानो के बाद कांग्रेस पार्टी आप और टीएमसी जैसे दलों से बात कर रही है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भाजपा नेतृत्व महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी से पहले से ही बातचीत कर ही है। अगर बीजेपी की कुछ सीटें कम रहती हैं तो वह एमजीपी की मदद ले सकती है। सभी विकल्पों को विचार विमर्श चल रहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ​बताया कि हम 22 से अधिक सीटें जीतने में कामयाब होंगे। गौरतलब है कि गोवा विधानसभा में बहुमत का आकड़ा 21 है। गोवा सीएम ने कहा है कि अगर हमारे कुछ सीटें कम हुईं तो हमने निर्दलीय और एमजीपी का साथ लेने का विकल्प खुला रखा है।

गोवा भाजपा के एक सीनियर नेता ने बताया कि भाजपा के सत्ता में वापसी के लिए फुल प्रूफ स्ट्रैटेजी तैयार की जा चुकी है। गोवा भाजपा के अध्यक्ष सदानंद शेठ तानावडे और पार्टी के महासचिव सतीश ढोंड रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीश से मिलेंगे। फडणवीस और बीजेपी के गोवा डेस्ट प्रभारी सीटी रवि मतगणना से एक दिन पहले ही गोवा पहुंच जाएंगे। एक दूसरे भाजपा नेता ने बताया कि मतगणना के बाद हम बिना समय गंवाये अपना नेता चुनेंगे और गोवा में सरकार बनाने के लिए दावा पेश करेंगे।

बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस भी एमजेपी का साथ लेने के लिए हर जोड़-तोड़ करने को तैयार है। ज्ञात हो कि गोवा की सबसे पुरानी प्रादेशिक पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी गोवा में पूर्व में सरकार चला चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गोवा के डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू ने रविवार को अपने एक बयान में कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी बहुमत से थोड़ा पीछे रह जाती है तो वह एमजीपी, आम आदमी पार्टी और टीएमसी से गठबंधन करने में कोई गुरेज नहीं करेगी।

वहीं कांग्रेस नेता माइकल लोबो ने कहा था कि अगर कांग्रेस गठबंधन को बहुमत का आंकड़ा आ भी जाता है तो भी वह सरकार में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी को शामिल करेगी।

वहीं एमजीपी के अध्यक्ष दीपक धवलीकर जो फिलहाल किसी भी पार्टी को समर्थन देने के मूड में नहीं हैं, के भाई विधायक सुधिन धवलीकर ने संपर्क करने पर बताया कि किसी भी पक्ष को समर्थन देने का फैसला परिणाम आने के बाद टीएमसी से विचार-विमर्श करने के बाद ही लिया जाएगा। गौरतलब है कि एमजीपी ने गोवा विधानसभा चुनाव तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था।

वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के गोवा प्रमुख किरण कांडोलकर ने दावा किया है कि हमारी पार्टी सात से आठ सीटों पर जीत दर्ज करेगी जबकि हमारे सहयोगी एमजीपी को भी चार से पांच सीटों पर सफलता मिल सकती है। परिणाम आने के बाद जो भी पक्ष हमारे पास समर्थन के लिए आएगा हम उसके सामने मुख्यमंत्री पद का दावा रखेंगे।

आपको बताते चलें कि साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। पर, भाजपा ने प्रदेशिक पार्टियों के विधायक और निर्दलीय विधायकों के साथ मिल सरकार बनाकर उसे सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस बार के चुनावों में यहां की प्रदेशिक पार्टियों एजीपी ने जहां तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है तो वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी।

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