- Home
- /
- Up Election 2022
- /
- Jayant Chaudhary News:...
Jayant Chaudhary News: Jayant Chaudhary को मिला Naresh Tikait का आशीर्वाद, जानिए- क्या हैं इसके सियासी मायने?
Jayant Chaudhary News: Jayant Chaudhary को मिला Naresh Tikait का आर्शीवाद, जानिए- क्या हैं इसके सियासी मायने?
Jayant Chaudhary News: आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary ) ने रविवार को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ( Naresh Tikait) से मुलाकात की. जयंत ने यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक 4 दिन पहले नरेश टिकैत से मुलाकात की है. जयंत ने इस मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा,"किसानों की राजधानी, सिसौली में अमर किसान ज्योति पर घी की आहुति दी और बाबा का आशीर्वाद लिया!" जयंत ने तस्वीर के जरिए ये जताने की कोशिश की है कि टिकैत परिवार चुनाव में उनके साथ है.
किसानों की राजधानी, सिसौली में अमर किसान ज्योति पे घी की आहुति दी और बाबा का आशीर्वाद लिया! #KisanMajdoorEktaZindabaad pic.twitter.com/8Y31IanDRn
— Jayant Singh (@jayantrld) February 6, 2022
बता दें कि आरएलडी इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. सपा-आरएलडी गठबंधन पश्चिमी यूपी में किसानों की बीजेपी से नाराजगी को भुनाने की कोशिश में है. किसान आंदोलन का चेहरा रहे राकेश टिकैत तीन कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद एमएसपी गारंटी कानून सहित कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत बीजेपी को सजा देने की बात तो करते हैं लेकिन लेकिन गठबंधन का खुलकर समर्थन करने से बच रहे हैं. पिछले दिनों नरेश टिकैत ने गठबंधन को वोट देने की अपील कर दी थी, लेकिन कुछ ही घंटों में वह सफाई देने लगे.
मुलाकात के क्या हैं इसके सियासी मायने?
एक बार फिर जयंत चौधरी और नरेश टिकैत की मुलाकात के बाद चुनाव में नया मोड़ आ गया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी पार्टियां पूरी कोशिश में जुटी है. राष्ट्रीय लोकदल ने इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है.
किसानों ने बीजेपी की बढ़ाई हैं मुश्किलें
बीजेपी के लिए किसानों की नाराजगी चुनाव में बड़ी मुसीबत बन सकती है. केंद्र सरकार ने भले ही तीन कृषि कानून को वापस लेकर गेम पलटने की कोशिश की हो, लेकिन सरकार के खिलाफ 1 साल से अधिक समय तक चले किसानों के विरोध प्रदर्शन ने बीजेपी के लिए मुश्किले तो पैदा ही की हैं.
यहीं वजह है कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सपा गठबंधन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का गढ़ रहे पश्चिमी यूपी में किसानों की बीजेपी से कथित नाराजगी को भुनाने की कोशिश में है. राकेश टिकैत कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद एमएसपी गारंटी कानून सहित कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे हैं.