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पानी और पलायन की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड को "वादों" के सहारे क्या जीत पायेगी BJP? जानिए, क्या है समीकरण
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मैदान सज चुका है और सरकार अपनी उपलब्धियों की गिनती बताकर जनता को अपने पक्ष में वोट के लिए लुभाने की कोशिश में लग गई है। पानी और पलायन की समस्या का सामना कर रहे बुन्देलखण्ड को लेकर वर्तमान सरकार ने पूर्व की सरकारों की तरह दावे और वादे तो बहुत किये लेकिन हालात में कितना परिवर्तन हुआ, इसका मूल्यांकन जनता करेगी। पेयजल और सिंचाई सहित कई बड़ी परियोजनाओं के ऐलान के बावजूद वे अभी तक जमीन पर नहीं उतर सकी हैं। पूर्व की सरकार की कई योजनाएं इस सरकार में पूरी हुईं तो कई योजनाएं भ्रष्टाचार की जांच के नाम पर पूरे पांच साल तक ठप रहीं।
बुन्देलखण्ड को लेकर भाजपा सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना डिफेंस कॉरिडोर मानी जाती है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फरवरी 2018 में आयोजित इन्वेस्टर समिट के दौरान उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के छह जिलों में विकसित किया जाना है, जिसमें बुन्देलखण्ड के दो जिलों झांसी और चित्रकूट में इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ है। झांसी में जिस स्थान पर डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण होना है, वहां अभी तक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से सम्बंधित मूलभूत सुविधाएं तक विकसित नहीं की जा सकी हैं। पूर्व में कई निवेशकों ने इसमें रुचि दिखाई लेकिन बाद में पैर पीछे खींच लिए। अभी 19 नवम्बर 2021 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर झांसी दौरे पर पहुँचे तो उन्होंने ऐलान किया कि भारत डायनामिक्स लिमिटेड यहां 183 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 400 करोड़ की लागत से मिसाइल बनाने का संयंत्र स्थापित करेगी। पीएम के ऐलान के बावजूद इस प्लांट के शुरू होने में अभी काफी समय लगने का अनुमान है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे भाजपा सरकार की एक बेहद महत्वाकांक्षी योजना है और फरवरी 2020 में इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। इसे जनवरी 2023 तक पूरा किया जाना था लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए इसी साल के आखिर तक मुख्य लेन पर आवागमन शुरू करने की तैयारी चल रही है। सरकार यह भी दावा कर रही है कि इस एक्सप्रेस वे का निर्माण निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। चित्रकूट से शुरू होकर 296 किलोमीटर लंबी यह सड़क बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे तक पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस एक्सप्रेस वे का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसे समय से पहले जनता को समर्पित कर दिया जायेगा। इस परियोजना पर लगभग पन्द्रह हज़ार करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है और सरकार का दावा है कि इसके निर्माण से बुन्देलखण्ड में औद्योगिक और कृषि से जुड़ी गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। इस एक्सप्रेस वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किये जाने की योजना है। चुनावी मौसम में काम की रफ्तार बढ़ाकर भाजपा सरकार मतदाताओं के सामने इसकी तस्वीर रखकर उसे अपने पाले में बांधे रखने की कोशिश करेगी।
काफी लंबे समय से अधर में लटकी केन बेतवा लिंक परियोजना को इस महीने केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 44,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना को आठ साल में पूरा कर लिए जाने के दावे किए जा रहे हैं। लम्बे समय से इस परियोजना को लेकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार में विवाद चल रहा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के आठ जिलों और उत्तर प्रदेश के चार जिलों को लाभ होगा। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि इस परियोजना की आधारशिला रखकर वह बुन्देलखण्ड के मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींच सकेगी।
बुन्देलखण्ड की सियासत में पानी का संकट हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। पेयजल संकट का सामना कर रहे बुन्देलखण्ड के ग्रामीण अंचलों की तस्वीरें आज भी इस क्षेत्र में पेयजल संकट की भयावहता को दर्शाती है। बुन्देलखण्ड के हर घर तक नल से पानी पहुंचाने की योजना का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले झांसी की जनसभा में किया था। जून 2020 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना के पहले चरण की आधारशिला झांसी में रखी। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि चार चरणों में बुन्देलखण्ड के सात जिलों के 3622 गांव को 479 योजनाओं के माध्यम से 67 लाख की आबादी के लिए घर तक नल से पानी पहुंचाने का काम इस योजना से होगा और इस काम पर 10,131 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं। सरकार का दावा है कि 2022 तक बुन्देलखण्ड के ग्रामीण अंचलों में लोगों के घरों तक नल से पानी पहुंचने लगेगा।
हर घर नल से जल परियोजना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के दावों के बीच इस पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। स्थानीय जन संगठनों और प्रदेश की प्रमुख विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि छह से अधिक राज्यों में जिस कम्पनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, उसे उत्तर प्रदेश में यह काम सौंपा गया है। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने इसमें घोटाले का आरोप लगाते हुए जांच की मांग उठाई है। बुन्देलखण्ड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा कहते हैं कि बुन्देलखण्ड में सिंचाई के नाम पर जिन भी योजनाओं का लोकार्पण इस सरकार में हुआ वे सब पहले से चली आ रही थीं। पेयजल को लेकर जो योजना शुरू हुई वह पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। कई राज्यों से डिबार हो चुकी कम्पनी रश्मि मैटेलिक से यह काम कराया जा रहा है। हमने इस योजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे बुन्देलखण्ड में आंदोलन चलाया और जांच की मांग की है। इस मामले की प्रधानमंत्री कार्यालय से भी शिकायत की गई है। विधान परिषद सदस्य ए के शर्मा और जल संसाधन मंत्री डॉ महेंद्र सिंह से मुलाकात कर इस पूरे मामले के भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की गई है। परियोजना के नाम पर जनता का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बेहद घटिया किस्म की पाइपों का उपयोग हो रहा है। बुन्देलखण्ड के लिए यह योजना पूरी तरह फेल साबित होगी।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और जालौन जिले के प्रभारी संजीव श्रृंगीऋषि भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहते हैं कि डिफेंस कॉरिडोर से बुन्देलखण्ड में 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। हर घर नल से जल योजना के माध्यम से बुन्देलखण्ड के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे चित्रकूट से शुरू होकर दिल्ली को जोड़ने का काम करेगा। इसके साथ ही अटल आवासीय विद्यालयों की शुरुआत हो रही है, जिसके तहत गरीब बच्चों को पूरी तरह निशुल्क आवासीय शिक्षा की व्यवस्था होगी। बुन्देलखण्ड भी इससे लाभान्वित होगा। प्रधानमंत्री सम्मान निधि, आवास योजना और मुफ्त राशन से बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। योजनाओं पर उठ रहे सवालों के जवाब में संजीव दावा करते हैं कि विपक्ष ने इस क्षेत्र में कभी कुछ काम नहीं किया। भाजपा सरकार ने यहां पानी की समस्या, किसानों की समस्या सहित सभी क्षेत्रों में काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा बुन्देलखण्ड का जिक्र करते हैं और उनके प्रयासों से इस क्षेत्र में कई बड़ी कम्पनियां भी आने की तैयारी कर रही हैं।