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Uttarakhand Election 2022 Exit Polls : उत्तराखण्ड में सत्ता गंवाने के मुहाने पर खड़ी है भाजपा

Janjwar Desk
7 March 2022 1:18 PM GMT
Uttarakhand Election 2022 Exit Polls : उत्तराखण्ड में सत्ता गंवाने के मुहाने पर खड़ी है भाजपा
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Uttarakhand Election 2022 Exit Polls : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तराई से व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हरिद्वार से होने के बाद भी पार्टी के लिए यहां कोई राहत भरी तस्वीर नहीं दिख रही है। जबकि इसके उलट कांग्रेस के मुख्य चेहरे हरीश रावत के कुमाउं मण्डल में प्रभाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस की बढ़त आसानी से देखी जा सकती है....

Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखण्ड की अगली विधानसभा के लिए मतदान का रुझान प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अनुकूल नहीं रहा। सिक्सटी प्लस जैसे अतिआत्मविश्वास से आक्रमकता के साथ सत्ता बचाने के लिए चुनावी समर में उतरी भारतीय जनता पार्टी मतदान के बाद आये रुझानों के हिसाब से सत्ता से बेदखल होने के मुहाने पर खड़ी नजर आ रही है।

प्रदेश के कुमाउं मण्डल (Kumaoun Region) में उसकी हालत कहीं ज्यादा गंभीर दिख रही है। जहां से उसे सीटों का करीब-करीब अकाल पड़ता नजर आ रहा है। पिथौरागढ़ (Pithoragarh) की चार सीटों में से एक गंगोलीघाट सीट कांग्रेस प्रत्याशी के बाहरी होने के कारण भाजपा के खाते में जाती दिख रही है। जबकि पिथौरागढ़ व धारचूला सीटों पर कांग्रेस (Congress) का कब्जा दिख रहा है। भाजपा के दमदार प्रत्याशी व पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल (Bishan Singh Chuphal) तक को डीडीहाट में निर्दलीय प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिल रही है।

अल्मोड़ा जनपद की सभी 6 सीटों पर भाजपा के लिए कोई उम्मीद नहीं दिख रही। हरीश रावत का गृह जनपद होने के चलते यहां इस बार कांग्रेस सिवाय द्वाराहाट सीट के हर सीट पर बढ़त लिए हुए है। बागेश्वर व चम्पावत जिलों की दो-दो सीटों में से जरूर भाजपा एक-एक सीट हासिल करने की स्थिति में है।

तराई व हरिद्वार जैसे मैदानी इलाकों से भी भाजपा के लिए कोई राहत भरी बात दिखाई नहीं दे रही। तराई के उधमसिंहनगर जिले की 9 सीटों में से भाजपा को केवल 2 सीटों पर बढ़त दिख रही है। हरिद्वार जनपद की 11 सीटों में से भाजपा 3 सीटे जीतने की स्थिति में नजर आ रही है। यहां तीन सीटें बसपा के खाते में जाती दिख रही हैं। बाकी 5 सीटों पर काँग्रेस प्रत्याशियों की बढ़त दिख रही है।

अलबत्ता गढ़वाल मण्डल का पर्वतीय क्षेत्र का भाजपा का किला अभेद सुरक्षित नजर आ रहा है। देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी आदि जनपदों की 30 सीटों में भाजपा को आधे से अधिक 16 सीटें साफ मिलती नजर आ रही हैं। 8 सीटों पर कांग्रेस की एकतरफा बढ़त तो तीन सीटें भाजपा के साथ कड़े मुकाबले में फंसी हुई हैं। केदारनाथ, टिहरी जैसी सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों का सिक्का चलता दिख रहा है तो देवप्रयाग सीट से उत्तराखण्ड क्रांति दल उम्मीद जगाए हुए है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तराई से व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हरिद्वार से होने के बाद भी पार्टी के लिए यहां कोई राहत भरी तस्वीर नहीं दिख रही है। जबकि इसके उलट कांग्रेस के मुख्य चेहरे हरीश रावत के कुमाउं मण्डल में प्रभाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस की बढ़त आसानी से देखी जा सकती है। कांग्रेस गढ़वाल मण्डल में करिश्मे के सहारे थी, वह कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

पहली बार चुनावी समर में उतरी आम आदमी पार्टी की विधानसभा में महज कपकोट विधानसभा क्षेत्र से उपस्थिति की संभावनाएं बन रही हैं। जबकि उसके मुख्यमंत्री चेहरे कर्नल अजय कोठियाल के एक बड़ी पराजय की ओर जाने की संभावनाएं हैं। बहुजन समाज पार्टी की प्रदेश में भले ही कोई राजनैतिक गतिविधियां संचालित न होती हों, लेकिन इसके बाद भी हरिद्वार जिले में उसका व्यापक जनाधार दिखा। जिले की एक तिहाई सीटों पर नीला झंडा लहराने की उम्मीद बन रहीं हैं। राज्य निर्माण करने का दावा करने वाले उत्तराखण्ड क्रांति दल की स्थिति लगभग दयनीय ही है। दोनों मंडलों से एक-एक सीट के अलावा उसके लिए कहीं और से समीकरण बनते नजर नहीं आ रहे हैं।

प्रदेश की राजनीति में निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए पहले ही जगह तंग थी। जो अब भी उतनी ही तंग नजर आ रही है। एक-आध सीट पर ऐसा चमत्कार होने की संभावना जताई जा रही है कि निर्दलीय प्रत्याशी की विधानसभा में आमद हो सके। वामपंथी प्रत्याशियों ने चुनाव जितने भी दम-खम से लड़ा हो, लेकिन राज्य की राजनीति में संसाधनों के अभाव में वह अभी भी बहुत पीछे हैं।













































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