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वीडियो विश्लेषण: 'जय श्री राम' कहती अंधी भीड़ ने अकेले डॉक्टर को किया प्रताड़ित तो लोग बोले तालिबानी कृत्य हमें मंज़ूर नहीं

Janjwar Desk
5 July 2021 5:05 PM IST
वीडियो विश्लेषण: जय श्री राम कहती अंधी भीड़ ने अकेले डॉक्टर को किया प्रताड़ित तो लोग बोले तालिबानी कृत्य हमें मंज़ूर नहीं
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(वीडियो तालिबान का नही भारत में बिहार के छपरा जिले का है।)

'भाजपा नेता की गुंडागर्दी देख कानून से आपका भरोसा उठ जाएगा' शीर्षक से यह वीडियो 'जनज्वार' के फ़ेसबुक पेज़ पर 13 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। अब तक सत्तर लाख से ज्यादा बार देखे जा चुके इस वीडियो पर 71000 लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं...

हिमांशु जोशी का विश्लेषण

जनज्वार। इससे पूर्व के वीडियो विश्लेषणों की तरह यहां पर महिलाएं अपने विचार रखने में पीछे नही थी, बीस प्रतिशत महिलाओं ने घटना पर अपनी टिप्पणी दी। महिलाओं को भी भगवान राम के नाम का प्रयोग करते हुए किसी के साथ बदतमीजी करना नागवार गुजरा।

सोशल मीडिया एक खुला मंच है, जहां लोग किसी घटना या मुद्दे पर अपनी राय खुल कर रखते हैं। वहां लिखी हर एक बात दस्तावेज़ है जिसके आधार पर हम कभी भी यह जान सकते हैं कि सम्बंधित विषय पर लोगों की क्या राय है।

'जनज्वार' ने एक विशेष श्रृंखला 'पत्रकारिता में पहला प्रयोग, ख़बर का दर्शकों की राय के आधार पर विश्लेषण' पर शुरू की है, इसी श्रृंखला की पांचवीं कड़ी का वीडियो विश्लेषण 'भाजपा नेता की गुंडागर्दी देख कानून से आपका भरोसा उठ जाएगा' शीर्षक वाले वीडियो पर जनता के विचार सामने लाता है और भगवा गमछा ओढ़े दादागिरी करने वालों को आईना दिखाता है।

'भाजपा नेता की गुंडागर्दी देख कानून से आपका भरोसा उठ जाएगा' शीर्षक से यह वीडियो 'जनज्वार' के फ़ेसबुक पेज़ पर 13 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। अब तक सत्तर लाख से ज्यादा बार देखे जा चुके इस वीडियो पर 71000 लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिसमें 50000 लाइक चिन्ह वाली प्रतिक्रियाएं हैं, 19000 गुस्से वाली प्रतिक्रियाएं हैं और 2000 प्रतिक्रियाओं में दुख प्रकट किया गया है। दो लाख बार साझा किए जा चुके इस वीडियो पर 14000 लोगों की टिप्पणी आई हैं।

वीडियो की शुरुआत में भगवा गमछा ओढ़े एक व्यक्ति अपने समर्थकों के साथ 'जय श्री राम' के नारे लगाते एक डॉक्टर को थप्पड़ मारता दिखता है। वीडियो आगे देखने पर पता चलता कि वीडियो तालिबान का नही भारत में बिहार के छपरा जिले का है।

इस थप्पड़ और हंगामे की वज़ह डॉक्टर द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की एक आपत्तिजनक फ़ोटो को साझा किया जाना था।

गमछा ओढ़े व्यक्ति डॉक्टर को धमकाते हुए कहता है कि मोदी को हम भगवान मानते हैं, पब्लिक तुम्हें काट देगी, हिंदुस्तान है यह पाकिस्तान नही है।

तुम हमारे दोस्त बनकर रहोगे तभी हिंदुस्तान में रहोगे, फिर वह व्यक्ति डॉक्टर को कान पकड़ उठक-बैठक लगाने के लिए कहता है।

डॉक्टर बार-बार कहता है कि वीडियो उसके नही बच्चें द्वारा डाला गया है इस पर वह व्यक्ति उस मासूम को भी भविष्य का आतंकवादी कहता है।

हमने हिंदी फिल्मों में गुंडों द्वारा शहर जलाने की धमकी देते देखा है, यहां पर भी वह व्यक्ति ऐसी ही धमकी देता है जिसपर भीड़ उसका 'जय श्री राम' नारों के साथ समर्थन करती है।

वीडियो विश्लेषण के लिए 14000 टिप्पणियों में 'सबसे अधिक प्रासंगिक' फ़िल्टर का प्रयोग कर पहली 500 टिप्पणियों का विश्लेषण किया गया और उनमें हर बीसवीं टिप्पणी में से कुछ को यहां लिखा गया है।

अमर्यादित भाषा का प्रयोग हुई टिप्पणियों को छोड़ दिया गया या उसे साधारण भाषा में लिख दिया गया है।

रंजीत चुनारा लिखते हैं भाई जी की बात सही है, विरोध के नाम पर पीएम की नंगी तस्वीर नही लगानी चाहिए। कल को कोई कांग्रेस पार्टी के विरोध में पार्टी अध्यक्ष की आपत्तिजनक तस्वीर लगा दे तो मुश्किल होगी पर मारपीट नही करनी चाहिए।

नेहा सिद्दकी लिखती हैं नाकाम सरकार अर्थव्यवस्था बर्बाद करती है पर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर लगाना गलत है। कानून को अपना काम करना था, यह लोग जय श्री राम भगवान का नाम भी बदनाम कर रहे हैं।

स्नेहलता गोयल मारपीट करने वालों के पक्ष में लिखती हैं कि बहुत बढ़िया किया, अपने हिन्दू होने पर गर्व करो। जय श्री राम। इतनी हिंसा हो रही है, उन पर तो कोई कुछ नही बोलता।

मो वसीम अंसारी मारपीट करने वालों को कानून अपने हाथों में न लेने की सलाह देते हुए लिखते हैं की डॉक्टर की गलती पर आप एफआईआर करवाइए। ऐसा कर आप मोदीजी और रामजी को बदनाम कर रहे हैं।

अशोक यादव सबसे एक कदम आगे दिखते हैं और लिखते हैं एकदम सही किए, साथ ही वह पत्रकार पर भी भद्दी टिप्पणी करते हैं।

नीलम सजवाण कहती हैं विरोध करने का तरीका गलत था पर प्रधानमंत्री की बेइज़्ज़ती करना ठीक नही।

सुजीत कुमार लिखते हैं तुम भगवान मानो दूसरों को क्यों मज़बूर करते हो।

वीडियो विश्लेषण का निष्कर्ष

वीडियो को 'जनज्वार' के पाठकों ने जमकर देखा और साझा किया है , इससे यह पता चलता है कि भगवा पहने या अन्य राजनीतिक दलों के लोगों के ऐसे लोगों के कृत्यों पर जनता की खासी रुचि रहती है।

इन दलों को चाहिए कि वह जानें कि जनतंत्र में जनता क्या कह रही है क्योंकि जब जनतंत्र में जनता की आवाज़ ही दबा दी जाए या सुनी न जाए तो वह तानाशाही बन जाती है, साथ ही राजनीतिक पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं के कार्यकलापों पर जनता के रुख को जानने के लिए जनता के विचारों को जानना भी जरूरी है।

'जय श्री राम' के नारे लगा किसी पर अत्याचार करते लोग 'जनज्वार' के दर्शकों को बिल्कुल पसंद नही आए, इस घटना के पक्ष में या यूं कहें भाजपा कार्यकर्ताओं के इस कृत्य के पक्ष में मात्र दस प्रतिशत लोगों ने अपनी टिप्पणी दी, बाकी नब्बे प्रतिशत लोग घटना के विपक्ष में खड़े थे।

इससे पूर्व के वीडियो विश्लेषणों की तरह यहां पर महिलाएं अपने विचार रखने में पीछे नही थी, बीस प्रतिशत महिलाओं ने घटना पर अपनी टिप्पणी दी। अधिकतर महिलाओं को भगवान राम के नाम का प्रयोग करते हुए किसी के साथ बदतमीजी करना नागवार गुजरा।

अल्पसंख्यक समुदाय घटना पर खासा नाराज़ दिखा और अधिकतर टिप्पणी करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे, ऐसा बिल्कुल नही है कि अन्य समुदाय के लोग घटना के पक्ष में खड़े थे, उनमें भी घटना को लेकर भारी रोष था।

एक बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों का यह तालिबानी तरीका लोगों को बिल्कुल पसंद नही आया।

नोट- यह श्रृंखला जनज्वार के फेसबुक पेज पर आने वाले वीडियो की टिप्पणियों पर आधारित होगी। यह भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में पहला प्रयोग है जिसका प्रयोग पत्रकारिता में अब तक लगभग असंभव माने जाने वाले फीडबैक को प्राप्त करने के लिए होगा।

इस विश्लेषण का प्रयोग शोधों, आंदोलनों, चुनावों में सहायता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

विश्लेषण से हम यह जान सकेंगे कि समाचारों में दिखाई जा रही इन खबरों के प्रति समाज के लोगों का क्या नज़रिया है, क्या ऐसी खबरों को दिखाए जाने के बाद लोग अपराध कम करते हैं , क्या अपने मन में इतनी नफ़रत पाले लोगों को पत्रकारिता के माध्यम से जागरूक कर सुधारा जा सकता है, क्या वह खबरों के आधार पर किसी चुनाव में अपनी पार्टी चुनते हैं, क्या वह किसी छुपी प्रतिभा को सामने लाने में सहयोग करते हैं, क्या पाठक किसी भ्रष्ट व्यक्ति को सजा दिलाने में अहम किरदार निभाते हैं।

यह वीडियो विश्लेषण उन वीडियो का होगा जिनको कम से कम 5 लाख दर्शकों ने देखा होगा और 500 से अधिक कमेंट होंगे।

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