Media जापानी PM द्वारा 3.2 लाख करोड़ भारत में निवेश को प्रमुखता से दिखा रहा लेकिन 2016 की बुलेट ट्रेन पर बात क्यों नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (File Photo)
Godi Media: मीडिया आज जापानी प्रधानमंत्री द्वारा 3.2 लाख करोड़ के भारत में निवेश करने की खबर प्रमुखता से दिखा रहा है लेकिन मीडिया यह तो पूछ ही नही रहा है कि पिछली बार जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2016 में भारत आए थे और उन्होने 2022 तक भारत में बुलेट ट्रेन के लिए एक लाख करोड़ का लोन देने को कहा था तो आखिरकार उस बुलेट ट्रेन योजना का हुआ क्या?
2016 में मोदी सरकार की हर योजना का लक्ष्य 2022 रखा गया था, लगता था कि 2022 कोई जादुई वर्ष है भारत 2022 में स्वर्णयुग में प्रवेश कर जाएगा .....100 स्मार्ट सिटी बन जाएगी, गंगा पूरी तरह से साफ़ हो जाएगी, मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी......यह सारे सपने 2022 में ही पूरे होने थे।
लेकिन आज कुछ नही हैं जनता को काश्मीर फाइल्स दिखा दी गई हैं और जनता उसी मे उलझी भी हुई हैं।
बाकि योजनाओं के बारे में बाद में जान लीजिएगा आज बुलेट ट्रेन के बारे मे ही जान लीजिए.......बुलेट ट्रेन के 237 किमी लंबे रूट में अभी आधा रूट भी तैयार नहीं हो पाया। 508 किलोमीटर के पूरे रूट पर 8000 पिलर बनाए जाने हैं। उसमे से सिर्फ 502 पिलर ही तैयार हुए हैं, कई हिस्सों में तो अभी जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं हुआ है
कहा मोदी 2022 में बुलेट ट्रेन चलाने की बात कर रहे थे और अब पता चला हैं कि बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल-रन वर्ष 2026 में होगा वो भी मात्र सूरत से बिलिमोरा के बीच .... परियोजना तो शायद 2029 में भी पूरी नहीं हो पाएगी, क्योंकि प्रॉजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन माने जा रहे 21 किलोमीटर के अंडरग्राउंड स्ट्रेच के लिए जापान की तरफ से हिस्सेदारी नहीं मिली है।
21 किलोमीटर के इस अंडरग्राउंड स्ट्रेच में से 7 किलोमीटर का सेक्शन मुंबई के पास समुद्र से होकर गुजरेगा। अभी तक इसको लेकर डील फाइनल नहीं हो सकी है।........यह है असलियत बुलेट ट्रेन परियोजना की......
गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से....