Kajri (2021) - Review, Star Cast, News, Photos: विधवाओं के गांव पर बनी फिल्म 'कजरी' दस साल बाद ओटीटी प्लेटफार्म्स पर हुई रिलीज
Kajri (2021) - Review, Star Cast, News, Photos: विधवाओं के गांव पर बनी फिल्म 'कजरी' दस साल बाद ओटीटी प्लेटफार्म्स पर हुई रिलीज
झांसी लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
Kajri (2021) - Review, Star Cast, News, Photos: सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित फिल्मों का निर्माण तो किसी फिल्मकार के जुनून से हो जाता है लेकिन फ़िल्म का दर्शकों के सामने आ पाना फिर भी एक बड़ी चुनौती रहती है। एक बेहद संवेदनशील विषय पर बनी फिल्म 'कजरी' वर्ष 2011 में बनकर तैयार हो गई थी लेकिन यह रिलीज हुई साल 2022 में ओटीटी प्लेटफार्म्स पर। यह फ़िल्म हंगामा, मैक्स और वोडा पर रिलीज हुई है। फ़िल्म के ओटीटी प्लेटफार्म्स पर पहुंचने के बाद फ़िल्म निर्माण से जुड़े कलाकार मानते हैं कि ओटीटी कलाकारों को एक व्यापक मंच देने की ओर बढ़ रहा है।
झांसी के आरिफ हैं मुख्य भूमिका में
फ़िल्म 'कजरी' में झांसी के रहने वाले रंगकर्मी आरिफ शहडोली ने मुख्य भूमिका निभाई है। आरिफ अभिषेक बच्चन अभिनीत फ़िल्म रावण सहित कई फिल्मों और चर्चित टीवी सीरियल्स में अभिनय कर चुके हैं। वे केबीसी के प्रोमो में अमिताभ बच्चन के साथ भी टेलीविजन के पर्दे पर नजर आए थे। आरिफ अभिनीत फिल्म कजरी एक ऐसे आदिवासी गांव की कहानी है, जहां अधिकांश महिलाएं विधवा हैं। फ़िल्म कजरी सेना की फायरिंग रेंज के निकट बसे एक आदिवासियों के गांव की कहानी है, जिसमें फायरिंग रेंज से कबाड़ हथगोला बीनने के प्रयास में पुरुष कई बार जिन्दा बचे हथगोले के फट जाने से मौत के मुंह में समा जाते हैं। इसके बाद विधवा महिलाओं को गांव के प्रभावशाली ठेकेदार देह व्यापार के काम में उतरने को बाध्य करते हैं। फ़िल्म में इस सामाजिक समस्या को केंद्र में रखकर कथानक तैयार किया गया है।
कई फेस्टिवल्स में हुई प्रदर्शित
फ़िल्म कजरी के निर्देशक और लेखक मध्य प्रदेश के रहने वाले पत्रकार परेश मसीह हैं। इस फ़िल्म में आरिफ शहडोली के अलावा रजनी मिश्रा, आभा परमार, शरद सिंह, शफीक खान, अनूप जोशी, डॉ सुचित्रा राव आदि कलाकारों ने अभिनय किया है। फ़िल्म में फ़ोटो निर्देशन विजय यादव ने किया है जबकि संगीत सज्जन लोहिया का है। गौरी फिल्म्स और मध्यम फिल्म्स की यह फ़िल्म ओटीटी प्लेटफार्म्स पर पहुंचने से पहले भोपाल फ़िल्म फेस्टिवल, खजुराहो फ़िल्म फेस्टिवल सहित कई अन्य स्थानों पर प्रदर्शित हो चुकी है। भोपाल फ़िल्म फेस्टिवल में इस फ़िल्म के लिए आरिफ शहडोली को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था।
सच्ची घटना से प्रेरित है फ़िल्म की कहानी
आरिफ शहडोली कहते हैं कि फ़िल्म बनाना तो आसान है लेकिन उसे पर्दे पर लाना बहुत मुश्किल होता है। फ़िल्म के निर्देशक परेश मसीह हैं और उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर यह फ़िल्म बनाई थी। फ़िल्म के निर्माता का बीच में देहांत हो गया था। यह देरी का कारण रहा लेकिन जब ओटीटी का युग आया तो ओटीटी पर यह फ़िल्म रिलीज हुई। फ़िल्म की कहानी बहुत संवेदनशील है। इसे देखकर पता चलेगा कि कजरी क्या है। फ़िल्म के निर्देशक ने एक ऐसा गांव देखा था, जहां बहुत सारी विधवा महिलाएं थीं। उन्होंने उसी कथानक को आधार बनाकर फ़िल्म का निर्माण किया। ओटीटी के आने से यह फायदा हुआ है कि फिल्में जनता तक पहुंच पा रही हैं। नए फ़िल्म मेकर्स को एक अच्छा मंच मिला है। सिनेमाघरों का एक चक्र है और उसमें पैसे का अधिक निवेश है। ओटीटी पर नई प्रतिभाओं को बेहतर मंच मिलेगा।