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विमर्श

दुनिया को मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में पुलिस ने एक साल में की 1176 लोगों की हत्या, गोरों की तुलना में अश्वेतों का प्रतिशत ज्यादा

Janjwar Desk
8 Jan 2023 6:55 AM GMT
दुनिया को मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में पुलिस ने एक साल में की 1176 लोगों की हत्या, गोरों की तुलना में अश्वेतों का प्रतिशत ज्यादा
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अमेरिका में मीडिया और सत्ता द्वारा बंदूकों की हिंसा पर खूब चर्चा की जाती है, पर पुलिस द्वारा की जाने वाली हिंसा की चर्चा मीडिया और सत्ता के गलियारों से हमेशा गायब रहती हैं। पूरी दुनिया जिस प्रजातंत्र की तरफ बड़ी उम्मीद से देखती है, वहां का प्रजातंत्र तो पुलिस तंत्र में बदल चुका है...

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

Police killed record number of people in US in 2022 as per the reports of Mapping Police Violence, a NGO tracking on-duty killings by police. मैपिंग पुलिस वायलेंस नामक एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में वर्ष 2022 के दौरान पुलिस ने 1176 लोगों की हत्या की और यह संख्या वर्ष 2013 के बाद से सबसे अधिक है।

इस संस्था ने वर्ष 2013 से लगातार हरेक वर्ष पुलिस द्वारा ड्यूटी के दौरान की गयी हत्याओं का विवरण प्रकाशित किया है। इस संस्था के अनुसार वास्तविक हत्याएं इससे दुगुनी से अधिक होती हैं, पर अधिकतर मामलों में जानकारी पुलिस विभाग छुपा लेता है। पर्याप्त विवरण नहीं होने के कारण उनकी रिपोर्ट में ऐसी हत्याओं को सूचीबद्ध नहीं किया जाता। मैपिंग पुलिस वायलेंस बुनियादी तौर पर मानवाधिकार पर काम करने वाले वकीलों की संस्था है, और इसकी रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने वर्ष 2021 में 1145, वर्ष 2020 में 1152, वर्ष 2019 में 1097, वर्ष 2018 में 1140 और वर्ष 2017 में 1089 हत्याएं कीं।

वर्ष 2022 के हत्याओं का हिसाब करें तो स्पष्ट होगा कि पुलिस ने ड्यूटी के दौरान हरेक महीने औसतन 100 व्यक्तियों की हत्या की, इसे 3 से अधिक हत्या प्रतिदिन के सन्दर्भ में भी देखा जा सकता है। यह उस देश के आंकड़े हैं जो देश दुनिया को मानवाधिकार का पाठ पढाता है, और जिस देश में वर्ष 2020 में पुलिस द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद खड़ा हुआ आन्दोलन, ब्लैक लाइव्स मैटर, अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा आन्दोलन बन गया था, और इसे पूरी दुनिया से समर्थन मिला था। इसके बाद अमेरिका में राष्ट्रपति बदले, सत्ता की विचारधारा बदली, पर पुलिस का रवैया पहले से भी अधिक क्रूर हो गया।

अमेरिका का प्रतिष्ठित समाचारपत्र, वाशिंगटन पोस्ट, भी अपनी तरफ से पुलिस द्वारा की गयी हत्याओं का विवरण रखता है। इसके अनुसार अमेरिका में पुलिस द्वारा प्रति वर्ष औसतन 1000 हत्याएं की जाती हैं, पर वर्ष 2022 में ऐसी 1100 हत्याएं दर्ज की गईं हैं, जो वर्ष 2014, जब से वाशिंगटन पोस्ट ने इसका लेखाजोखा रखना शुरू किया था, के बाद सबसे अधिक संख्या है।

इसके अनुसार वर्ष 2015 से पुलिस ने 8102 हत्याएं की हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार उनके आंकड़ों का आधार अमेरिका की केन्द्रीय ख़ुफ़िया संस्था, फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन यानि एफबीआई के बुलेटिन हैं। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि एफबीआई को वर्ष 2014 तक कुल ऐसे आमालों में से लगभग 50 प्रतिशत की ही जानकारी मिलती थी, और वर्ष 2021 से ऐसे एक-तिहाई मामलों की जाकारी रहती है। जाहिर है, पुलिस द्वारा की गयी हत्याओं की संख्या बहुत अधिक रहती है।

वाशिंगटन पोस्ट के विश्लेषण के अनुसार पुलिस की हत्याओं में सबसे बड़ी संख्या अश्वेतों की रहती है। अश्वेतों की कुल आबादी अमेरिका में महज 14 प्रतिशत है, पर पुलिस द्वारा इनकी ह्त्या की दर इनकी प्रति दस लाख आबादी में प्रतिवर्ष 5.9 है – दूसरी तरफ गोरे लोगों के लिए यह दर इसके आधे से कम, यानि इनकी प्रति दस लाख आबादी में प्रतिवर्ष 2.3 है। इन दोनों संख्याओं के बीच में हिस्पैनिक यानि भूरी त्वचा वाली आबादी है जिसके लिए यह संख्या इनकी प्रति दस लाख आबादी में प्रतिवर्ष 2.6 है। मारे जाने वाले लोगों में आधे से अधिक संख्या 20 से 40 वर्ष के बीच के युवाओं की रहती है।

मैपिंग पुलिस वायलेंस ने अपने विश्लेषण में बताया है कि पुलिस ऐसी हत्याओं को नियमित पुलिस मुठभेड़ का नाम देती है, पर विश्लेषण इन मुठभेड़ों की नहीं बल्कि अमेरिका में पुलिस राज की हकीकत बयान करते हैं। ऐसी हत्याओं में 11 प्रतिशत ऐसे थे जिन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, 9 प्रतिशत मानसिक रोगी थे, 8 प्रतिशत का कसूर ट्रैफिक के नियमों की अवहेलना था, 18 प्रतिशत पर गैर-हिंसक अपराध के आरोप थे, 8 प्रतिशत घरेलू कलह का शिकार थे, 11 प्रतिशत को कभी हथियार के साथ देखा गया था, पर हत्या के समय उनके पास कोई हथियार नहीं था। शेष 35 प्रतिशत शातिर अपराधी थे। जाहिर है, इस विश्लेषण से इतना तो स्पष्ट है कि पुलिस के नियमित मुठभेड़ में मारे गए 65 प्रतिशत लोगों से मुठभेड़ का कई कारण ही नजर नहीं आता।

इस रिपोर्ट में भी एरिका में पुलिस द्वारा अश्वेतों की हत्या की चर्चा है। देश की कुल आबादी में से 13 प्रतिशत अश्वेत हैं पर पुलिस द्वारा की जाने वाली हत्याओं में इनकी संख्या 24 प्रतिशत से अधिक है। वर्ष 2013 से वर्ष 2022 के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि गोरे लोगों की तुलना में अश्वेतों के मारे जाने की संभावना तीन गुना अधिक रहती है। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में भी पुलिस द्वारा अश्वेतों की हत्या की सभावना अलग-अलग रहती है। मिनियापोलिस और शिकागो अश्वेतों के लिए सबसे खतरनाक हैं। मिनियापोलिस और शिकागो में गोरे लोगों की तुलना में अश्वेतों के मारे जाने की संभावना क्रमशः 28 गुना और 25 गुना अधिक रहती है।

अमेरिका में मीडिया और सत्ता द्वारा बंदूकों की हिंसा पर खूब चर्चा की जाती है, पर पुलिस द्वारा की जाने वाली हिंसा की चर्चा मीडिया और सत्ता के गलियारों से हमेशा गायब रहती हैं। पूरी दुनिया जिस प्रजातंत्र की तरफ बड़ी उम्मीद से देखती है, वहां का प्रजातंत्र तो पुलिस तंत्र में बदल चुका है।

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