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विमर्श

वॉट्सएप विवाद : देश में साइबर सुरक्षा, पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन और प्राइवेसी से जुड़ा नहीं है कोई मजबूत कानून

Janjwar Desk
14 Jan 2021 4:35 AM GMT
वॉट्सएप विवाद : देश में साइबर सुरक्षा, पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन और प्राइवेसी से जुड़ा नहीं है कोई मजबूत कानून
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वॉट्सएप अब आपकी डिवाइस से बैट्री लेवल, सिग्नल स्ट्रेंथ, ऐप वर्जन, ब्राइजर से जुड़ी जानकारियाँ, भाषा, टाइम जोन फोन नंबर, मोबाइल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जैसी जानकारियाँ भी इकट्ठा करेगा। पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में इनका जिक्र नहीं था...

वरिष्ठ लेखक महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

जनज्वार। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप की नई गोपनीयता नीति पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उस पर बैन लगाने की मांग की है। कैट का कहना है कि वॉट्सऐप नई नीति से ऐप को इस्तेमाल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यक्तिगत डेटा, भुगतान लेनदेन, संपर्क, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को हासिल कर किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है और दूसरी कंपनियों को बेच भी सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को वॉट्सऐप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए। भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक यूजर हैं और कंपनी द्वारा प्रत्येक उपयोगकर्ता के डेटा को अपनी नीति के माध्यम से जबरन प्राप्त करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

कंज्यूमर्स डेटा का अध्ययन करने वाली जर्मन कंपनी स्टेस्तीस्ता के मुताबिक जुलाई 2019 तक भारत में वॉट्सऐप के 40 करोड़ उपयोगकर्ता थे, बिना किसी शुल्क के फेसबुक और वॉट्सऐप का उपयोग करने के लिए भारतीयों को पहले सुविधा देने के पीछे उनका असली मकसद अब सामने आ रहा है। उनका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय के डेटा को हासिल करना है और अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना है।

अगर आप 'यूरोपीय क्षेत्र' के बाहर या भारत में रहते हैं तो इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप आपके लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों में बदलाव कर रहा है। इतना ही नहीं, अगर आप वॉट्सऐप इस्तेमाल करना जारी रखना चाहते हैं तो आपके लिए इन बदलावों को स्वीकार करना अनिवार्य होगा। वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी और टर्म्स में बदलाव की सूचना एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स को एक नोटिफिकेशन के जरिए दे रहा है। इस नोटिफिकेशन में साफ बताया गया है कि अगर आप नए अपडेट्स को आठ फरवरी, 2021 तक स्वीकार नहीं करते हैं तो आपका वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा, यानी प्राइवेसी के नए नियमों और नए शर्तों को मंजूरी दिए बिना आप आठ फरवरी के बाद वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते। जाहिर है वॉट्स यूजर्स से जबरन सहमति ले रहा है क्योंकि यहाँ सहमति न देने का विकल्प है ही नहीं।

पिछले सप्ताह की शुरुआत में व्हाट्सएप ने यूजर्स को अपनी सेवा शर्तों व निजता नीति से जुड़े नए अपडेट के इन-एप नोटिफिकेशन भेजने शुरू किए थे। इन नोटिफिकेशन में व्हाट्सएप ने बताया था कि कैसे यूजर डाटा प्रोसेस किया जाता है और कैसे फेसबुक के सभी उत्पादों के साथ एकीकरण के लिए इस सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी के सभी भागीदारों के साथ डाटा शेयर किया जाता है।

यूजर्स से व्हाट्सएप का उपयोग जारी रखने के लिए आठ फरवरी तक नई निजता नीति व सेवा शर्तों पर सहमति जताने के लिए भी कहा गया था। हालां कि कंपनी ने शनिवार को कहा कि नए अपडेट से उसके यूजर्स के निजी चैट की गोपनीयताभंग नहीं होगी। वैश्विक स्तर पर आलोचना का शिकार हुई व्हाट्सएप ने दावा किया कि नए अपडेट से उसके और फेसबुक के बीच डाटा शेयरिंग प्रक्रिया में जरा भी बदलाव नहीं होने जा रहा है।

कंपनी के अनुसार इस अपडेट का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा कि लोग अपने दोस्तों या परिवार या दुनिया में किसी अन्य के साथ कैसे निजी बातचीत करते हैं। कंपनी के प्रमुख कैथर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि व्हाट्सएप पर चैटिंग पूरी तरह एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन (ई2ई) है यानी न तो वह और न ही फेसबुक किसी भी निजी चैट या कॉल को देख सकती है और कंपनी इस निजता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

अगर 20 जुलाई 2020 को आख्खिरी बार अपडेट की गई वॉट्सऐप की पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में देखें तो इसकी शुरुआत कुछ इस तरह होती है, 'आपकी निजता का सम्मान करना हमारे डीएनए में है। हमने जबसे वॉट्सऐप बनाया है, हमारा लक्ष्य है कि हम निजता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी सेवाओं का विस्तार करें...' चार जनवरी, 2021 को अपडेट की गई नई प्राइवेसी पॉलिसी में 'निजता के सम्मान' पर जोर देते ये शब्द गायब हो गए हैं।

नई पॉलिसी कुछ इस तरह है, 'हमारी प्राइवेसी पॉलिसी से हमें अपने डेटा प्रैक्टिस को समझाने में मदद मिलती है। अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के तहत हम बताते हैं कि हम आपसे कौन सी जानकारियाँ इकट्ठा करते हैं और इससे आप पर क्या असर पड़ता है...' फेसबुक ने साल 2014 में 19 अरब डॉलर में वॉट्सऐप को खरीदा था और सितंबर, 2016 से ही वॉट्सऐप अपने यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर करता आ रहा है। नए नियमों के अनुसार -

-वॉट्सऐप अपने यूजर्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपी एड्रेस) फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य थर्ड पार्टी को दे सकता है।

-वॉट्सऐप अब आपकी डिवाइस से बैट्री लेवल, सिग्नल स्ट्रेंथ, ऐप वर्जन, ब्राइजर से जुड़ी जानकारियाँ, भाषा, टाइम जोन फोन नंबर, मोबाइल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जैसी जानकारियाँ भी इकट्ठा करेगा। पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में इनका जिक्र नहीं था।

-अगर आप अपने मोबाइल से सिर्फ वॉट्सऐप डिलीट करते हैं और 'माई अकाउंट' सेक्शन में जाकर 'इन-ऐप डिलीट' का विकल्प नहीं चुनते हैं तो आपका पूरा डेटा वॉट्सऐप के पास रह जाएगा। यानी फोन से सिर्फ वॉट्सऐप डिलीट करना काफी नहीं होगा।

-नई प्राइवेसी पॉलिसी में वॉट्सऐप ने साफ कहा है कि चूँकि उसका मुख्यालय और डेटा सेंटर अमेरिका में ह,ै इसलिए जरूरत पड़ने पर यूजर्स की निजी जानकारियों को वहाँ ट्रांसफर किया जा सकता है। सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि जिन भी देशों में वॉट्सऐप और फेसबुक के दफ्तर हैं, लोगों का डेटा वहाँ भेजा जा सकता है।

-नई पॉलिसी के मुताबिक भले ही आप वॉट्सऐप का 'लोकेशन' फीचर इस्तेमाल न करें, आपके आईपी एड्रेस, फोन नंबर, देश और शहर जैसी जानकारियाँ वॉट्सऐप के पास होंगी।

-अगर आप वॉट्सऐप का बिजनेस एकाउंट इस्तेमाल करते हैं तो आपकी जानकारी फेसबुक समेत उस बिजनेस से जुड़े कई अन्य पक्षों तक पहुँच सकती है।

-वॉट्सऐप ने भारत में पेमेंट सेवा शुरू कर दी है और ऐसे में अगर आप इसका पेमेंट फीचर इस्तेमाल करते हैं तो वॉट्सऐप आपकी कुछ और निजी डेटा इकट्ठा करेगा। मसलन, आपका पेमेंट अकाउंट और ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारियाँ।

यह भी पढ़ें: व्हाट्सएप ने अपनी सेवा शर्तों में कोई ऐसा बदलाव नहीं किया था जो अचानक बने चिंता का सबब, सिग्नल का बढ़ा दायरा

सायबर सुरक्षा विशेषज्ञ पवन दुग्गल के अनुसार, वॉट्सऐप की नई पॉलिसी न सिर्फ भारतीयों की निजता का संपूर्ण हनन है, बल्कि भारत सरकार के कानूनों का उल्लंघन है। भारत के मौजूदा काानून वॉट्सऐप के नियमों पर रोक लगाने में पूरी तरह कारगर नहीं हैं। वॉट्सऐप जानता है कि भारत उसके लिए कितना बड़ा बाजार है. साथ ही वॉट्सऐप ये भी जानता है कि भारत में साइबर सुरक्षा और निजता से जुड़े ठोस कानूनों का अभाव है।

पवन दुग्गल कहते हैं, 'वॉट्सऐप ने अपना होमवर्क अच्छी तरह किया है और यही वजह है कि वो भारत में अपने पाँव तेजी से पसारना चाहता है क्योंकि भारतीयों का निजी डेटा इकट्ठा करने और उसे थर्ड पार्टी तक पहुँचाने के लिए उसे किसी तरह की रोक-टोक का सामना नहीं करना पड़ेगा।'

भारत में न ही साइबर सुरक्षा से जुड़ा कोई मजबूत कानून है, न ही पर्सनल डेटा प्रोक्टेशन से जुड़ा और न ही प्राइवेसी से जुड़ा। जिन देशों में प्राइवेसी और निजता से जुड़े कड़े कानून मौजूद हैं, वॉट्सऐप को उनका पालन करना ही पड़ता है। इसीलिए वॉट्सऐप यूरोपीय क्षेत्र, ब्राजील और अमेरिका, तीनों के लिए अलग-अलग नीतियाँ अपनाता है।

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