Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

खुलासा : कोविड से हर मिनट 7 लोग मरे लेकिन भूख से दुनिया में हो रही प्रतिमिनट 11 मौतें

Janjwar Desk
11 July 2021 5:04 AM GMT
भुखमरी सूचकांक में भारत की रैंक और गिरने पर मोदी सरकार ने आंकड़े को ही बता दिया झूठा, कहा छवि बिगाड़ने की कोशिश
x

भुखमरी सूचकांक में भारत की रैंक और गिरने पर मोदी सरकार ने आंकड़े को ही बता दिया झूठा, कहा छवि बिगाड़ने की कोशिश

दुनिया में करीब 15.5 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा के भीषण संकट का सामना कर रहे हैं और यह आंकड़ा पिछले वर्ष के आंकड़ों की तुलना में दो करोड़ अधिक है, इनमें से करीब दो तिहाई लोग भुखमरी के शिकार और इसकी वजह है सैन्य संघर्ष

वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर जोशी की टिप्पणी

जनज्वार। एक साल में पूरी दुनिया में अकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं। विश्व में हर एक मिनट में भुखमरी से 11 लोगों की मौत हो रही है। गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ऑक्सफैम ने कहा है कि दुनियाभर में भुखमरी के कारण हर एक मिनट में 11 लोगों की मौत होती है। बुरे हालातों का सामना करने वाले लोगों की संख्या छह गुना बढ़ गई है।

ऑक्सफैम ने द हंगर वायरस मल्टीप्लाइज नाम की रिपोर्ट में कहा कि भुखमरी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है। कोविड-19 के कारण दुनिया में हर एक मिनट में करीब 7 लोगों की जान जाती है।

ऑक्सफैम अमेरिका के अध्यक्ष एवं सीईओ एब्बी मैक्समैन ने कहा कि आंकड़े हैरान करने वाले हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये आंकड़े उन लोगों से बने हैं जो अकल्पनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में करीब 15.5 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा के भीषण संकट का सामना कर रहे हैं और यह आंकड़ा पिछले वर्ष के आंकड़ों की तुलना में दो करोड़ अधिक है। इनमें से करीब दो तिहाई लोग भुखमरी के शिकार हैं और इसकी वजह है, उनके देश में चल रहा सैन्य संघर्ष।

कोविड-19 के आर्थिक दुष्प्रभाव और बेरहम संघर्षों, विकट होते जलवायु संकट ने 5,20,000 से अधिक लोगों को भुखमरी की कगार पर पहुंचा दिया है। वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के बजाए परस्पर विरोधी धड़े एक- दूसरे से लड़ रहे हैं, जिसका असर अंतत: उन लाखों लोगों पर पड़ता है जो पहले ही मौसम संबंधी आपदाओं और आर्थिक झटकों से बेहाल हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बावजूद विश्वभर में सेनाओं पर होने वाला खर्च महामारी काल में 51 अरब डॉलर बढ़ गया, यह राशि भुखमरी को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को जितने धन की जरूरत है, उसके मुकाबले कम से कम छह गुना ज्यादा है।

इस रिपोर्ट में जिन देशों को भुखमरी से सर्वाधिक प्रभावित की सूची में रखा है वे अफगानिस्तान, इथियोपिया, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन हैं। इन सभी देशों में संघर्ष के हालात हैं। आम नागरिकों को भोजन-पानी से वंचित रखकर और उन तक मानवीय राहत नहीं पहुंचा कर भुखमरी को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। बाजारों पर बम बरसाए जा रहे हों, फसलों और मवेशियों को खत्म किया जा रहा हो तो लोग सुरक्षित नहीं रह सकते और न ही भोजन तलाश सकते हैं।

भारत के हालात भी बहुत बुरे हैं। यहां आम लोगों का जीवन गिरता जा रहा है, मगर राजनेताओं को लोगों की अकल्पनीय पीड़ा से कोई वास्ता न रहा।

Next Story