अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर बोलीं-तालिबानी आएंगे और मुझे मार डालेंगे लेकिन परिवार को छोड़ कहां जाऊं
अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर ने कहा कि वे आएंगे और मुझे मार डालेंगे (photo- Hindinews18)
जनज्वार। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। देश में अफरा-तफरी का माहौल है। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप-राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग चुके हैं। तालिबान का हर जगह कब्जा हो गया है और राष्ट्रपति भवन पर भी तालिबानी लड़ाके तैनात हैं। बैंकों के आगे लंबी कतारें हैं। एयरपोर्ट के रनवे पर हजारों लोग इस उम्मीद में इधर-उधर भाग रहे हैं कि शायद किसी फ्लाइट में जगह मिल जाए और वे देश छोड़ दें। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चिंता महिला सुरक्षा और महिलाओं के अधिकार को लेकर जताई जा रही है। अफगानिस्तान की महिला कलाकार, नेता और समाजसेवी लगातार अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। अब देश की पहली महिला मेयर ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि वे मुझे मार डालेंगे।
आई न्यूज वेबसाइट की खबर के अनुसार, एक सप्ताह पहले जब जरीफा ने उनसे बात की थी तो उन्हें अपने देश का भविष्य बेहतर नजर आ रहा था। लेकिन बदलते हालात में उन्होंने उम्मीद खो दी है। जरीफा ने कहा, "वह अपने अपार्टमेंट के कमरे में बैठी हैं और तालिबान का इंतजार कर रही हैं। यहां मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं अपने परिवार और पति के साथ बैठी हूं। वह मुझे और मेरे जैसे लोगों को मार डालेंगे। लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं। आखिर मैं जाऊं भी तो कहां?"
इसके बाद जरीफा ने बात करने में असमर्थतता जता दी। बता दें कि तालिबान में हालात खराब होने के बाद से ही यहां पर तमाम वरिष्ठ नेता देश छोड़कर अन्य जगहों पर भाग रहे हैं। खुद अफगान प्रेसीडेंट देश छोड़कर जा चुके हैं।
27 साल की गफारी 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक प्रांत से सबसे युवा और पहली महिला मेयर चुनी गई थीं। तालिबान के फिर से उभार के बीच मिसेज गफारी को रक्षा मंत्रालय में जिम्मेदारी दी गई थी। उनके ऊपर हमलों में घायल हुए सिपाहियों और आम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी थी।
आज से तीन हफ्ते पहले गफारी ने कहा था कि युवा लोगों को पता है कि क्या हो रहा है। उनके पास सोशल मीडिया है और वो आपस में बातचीत करते हैं। मुझे उम्मीद है कि वो लोग प्रगति और अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे। गौरतलब है कि तालिबान महिला नेताओं को जान से मारने की बातें करता रहता है। गफारी के पिता की भी पिछले साल 15 नवंबर को हत्या कर दी गई थी।
उधर फरजाना कोचाई, जो अफगान सांसद हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि तालिबान काबुल पर इतनी जल्दी कब्जा कर लेगा। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में परिवार सुरक्षा के लिए काबुल भाग आए थे। लेकिन अब वे गलियों और पार्कों में रहने को विवश हैं। अब तालिबान के सत्ता में आने के बाद इन परिवारों को अपने घर लौटना होगा और तालिबान के शासन में रहना होगा। हालांकि तालिबान प्रवक्ताओं ने महिलाओं और अन्य विरोधियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। लेकिन देश से जो तस्वीरें आ रही हैं वह बहुत ही डराने वाली हैं।
बता दें कि रविवार को तालिबान के मुख्य प्रवक्ता ने जबीहुल्लाह मुजाहिद से वादा किया कि महिलाओं और विरोधियों के जीवन की रक्षा की जाएगी। विद्रोहियों ने कहा कि वे अफगान सरकार या विदेशी बलों के साथ काम करने वालों को "माफी" की पेशकश करेंगे। तालिबान ने कहा, "किसी की जान, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं होगा और काबुल के नागरिकों की जान को कोई खतरा नहीं होगा।"
हालांकि, समूह द्वारा जब्त किए गए देश के क्षेत्रों में पहले से ही बदला लेने वाली हत्याओं और अन्य क्रूर रणनीति के सबूत हैं, जो अब काबुल पर अपनी पकड़ की पुष्टि करना चाहता है।
तालिबान ने जोर देकर कहा था कि वे सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही तालिबान ने उन लोगों के लिए माफी का वादा किया जिन्होंने विदेशों या अफगान सरकार के साथ काम किया था।
हालाँकि, इस तरह के आश्वासनों को इस डर के बीच गहरे संदेह के साथ पूरा किया गया था कि वे 2001 में जबरन बाहर किए जाने से पहले अपनाई गई कठोर नीतियों पर लौट आएंगे - जिसमें महिलाओं और लड़कियों का दमन भी शामिल है।