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Pegasus Project : तहलका मचा सकती है पूरी लिस्ट, मंत्रियों पत्रकारों सहित संतों पर भी टिकी थी नजर

Janjwar Desk
19 July 2021 10:24 AM GMT
Pegasus Project : तहलका मचा सकती है पूरी लिस्ट, मंत्रियों पत्रकारों सहित संतों पर भी टिकी थी नजर
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(पेगासस जाजूसी प्रकरण में हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र ने अदालत से मांगा समय)

फोरेंसिक एक्सपर्ट ने लिस्ट में नजर आ रहे नंबरों में से कुछ नंबरों की जांच की तो हैरान करने वाले नतीजे आए, ज्यादातर नंबर पेगासस स्पाईवेयर के शिकार हो चुके थे...

जनज्वार। पेगासस स्पाईवेयर की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। दावा किया जा रहा है कि इस स्पाईवेयर के जरिए दुनिया भर के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों पर नजर रखी जा रही थी। उनके मोबाइल के जरिए उनके हर मूवमेंट को देखा जा रहा था।

पेगासस स्वाईवेयर को इजराइल की एक साइबर सुरक्षा कंपनी NSO ने बनाया है। कंपनी का दावा है कि उन्होंने इसे आतंकवादी या फिर आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाया है लेकिन कई मीडिया संगठनों की साझा पड़ताल में यह बात सामने आई है कि इसका बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

पड़ताल में करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों के नंबरों की लिस्ट सामने आई है। ऐसा कहा जा रहा है कि साल 2016 से ही इन नंबरों की निगरानी NSO के क्लाइंट द्वारा की जा रही है। हालांकि लिस्ट में नंबर की मौजूदगी से यह नहीं पता चल जाता है कि इनकी कोई डिवाइस पेगासस से हैक थी या नहीं। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने लिस्ट में नजर आ रहे नंबरों में से कुछ नंबरों की जांच की तो हैरान करने वाले नतीजे आए, ज्यादातर नंबर पेगासस स्पाईवेयर के शिकार हो चुके थे।

अंतराष्ट्रीय मीडिया संगठनों का दावा है कि आने वाले दिनों में वह उस लिस्ट को उजागर करेंगी जिसमें दुनिया के सैकड़ों बिजनेस एग्जीक्यूटिव, दुनिया भर की धार्मिक हस्तियां, शिक्षाविद, एनजीओ कर्मी, सरकारी अधिकारी शामिल हैं, इसके अलावा कुछ देशों के कैबिनेट मंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक शामिल हैं। लिस्ट में एक देश के शासकों के परिवार वालों का नाम भी शामिल हैं। ऐसा मालूम पड़ता है कि शासक ने खुद ही अपने परिवार वालों के मोबाइल पर निगाह रखने के लिए खुफिया एजेंसी को कहा था। इसमें भारत के कई लोग शामिल हैं।

इस रिपोर्ट के आने से पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने संकेत दिया था कि ऐसा कुछ होने वाला है। उन्होंने कहा था कि ऐसी अफवाह है कि वाशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्डियन एक रिपोर्ट छापने जा रहे हैं, जिसमें इजरायल की कंपनी के माध्यम से कैबिनेट के मंत्रियों आरएसएस (RSS) के नेताओं और सुप्रीम कोर्ट के जजों पर निगरानी रखे जाने का भांडाफोड़ होगा।

40 भारतीय पत्रकार

पेगासस प्रोजेक्ट की लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकारों के भी नाम हैं। लीक हुई सूची में हिंदुस्तान टाइम्स, नेटवर्क-18, द हिंदू, इंडिया टुडे और इंडियन एक्सप्रेस के कई बड़े पत्रकारों के नाम शामिल हैं। दी वायर में छपी खबर के अनुसार लिस्ट में "इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व पत्रकार सुशांत सिंह, EPW के पूर्व संपादक परंजॉय गुहा ठाकुरता, द हिंदू की विजेता सिंह, आउटलुक के पूर्व पत्रकार एसएनएम आबिदी, टीवी 18 की पूर्व एंकर स्मिता शर्मा और द वायर के दो संस्थापक संपादकों सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु के फोन पर नजर रखी जा रही थी। रिपोक्ट की मानें तो देश में करीब 300 लोगों की जासूसी इस स्पाईवेयर से की जा चुकी है। इसमें पत्रकारों के अलावा विपक्ष के नेता, कारोबारी, सरकारी अधिकारी व तमाम एक्टिविस्ट शामिल हैं।

इस तरह काम करता है स्पाईवेयर

यह एक तरह का मालवेयर होता है, जोकि आपके फोन में दाखिल होने के बाद आपके स्मार्ट फोन के माइक्रोफोन, कैमरे और लोकेशन को एक्सेस कर सकता है। इतना ही नहीं इसके जरिए मैसेज, ईमेल भी पढ़े जा सकते हैं और पासवर्ड भी पता किए जा सकते हैं। कुल मिलाकर आसान भाषा में समझा जाए तो इस स्पाईवेयर के माध्यम से आपके फोन के जरिए आपकी जिंदगी की हर छोटी बड़ी जानकारी को जुटाया जा सकता है।

सरकार का आरोप से इनकार

भारत सरकार ने पेगासस के जरिए निगरानी रखने के आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र हैं, जो अपने नागरिकों की निजता की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कारण से हमने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल और आईटी नियमों को पेश किया था, ताकि निजी डाटा की सुरक्षा की जा सके।

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