अपनी ही पार्टी से परेशान नेपाली प्रधानमंत्री ओली दे सकते हैं इस्तीफा
काठमांडू। संप्रभुता की दुहाई दे कर नेपाली संसद में नेपाल के नए नक़्शे को पास करा वाहवाही लूटने वाले नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को अपनी पार्टी के ही नेताओं से खतरा पैदा हो गया है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मंगलवार को वर्तमान प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि हाल में उनके द्वारा की गई भारत विरोधी टिप्पणी ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना ही उचित।
स्टैंडिंग कमिटी के एक सदस्य के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं प्रचंड, माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल और बामदेव गौतम ने मंगलवार को ओली सरकार को नाकाम करार दिया और पद छोड़ने की मांग कर डाली। इतना ही नहीं ओली से प्रधानमंत्री के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष का पद भी छोड़ने को कह दिया गया है।
पार्टी में अपने खिलाफ बढ़ रहे हमलों को देखते हुए प्रधानमंत्री ओली ने बुधवार, 1 जुलाई सुबह आठ बजे प्रधानमंत्री निवास पर मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस बैठक में ओली के करीबी माने जाने वाले स्टैंडिंग कमेटी के कुछ सदस्य भी थे।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार रक्षामंत्री ईश्वर पोखरेल के निजी सहायक दीपेंद्र श्रेष्ठ ने बताया कि कैबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ स्टैंडिंग कमिटी के 20 सदस्य भी बालुवाटार में प्रधानमंत्री निवास में मौजूद हैं। काठमांडू पोस्ट का यह भी कहना है कि बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि स्टैंडिंग कमेटी में चल रही चर्चा में ओली धड़ा खुद को कैसे पेश करे।
गौरतलब है कि केपी शर्मा ओली की सरकार लगातार विवादों में घिरती जा रही है। कुशासन, भ्रष्टाचार और कोविड-19 की नाकामी को लेकर प्रधानमंत्री ओली नेपाली जनता और विपक्ष के साथ ही पार्टी के दूसरे नेताओं के निशाने पर भी हैं। अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ओली ने भारतीय इलाकों को शामिल करते हुए देश का नया नक्शा जारी किया। उन्होंने राष्ट्रवाद के सहारे अपने खिलाफ उठती आवाजों को दबाने का प्रयास भी किया, लेकिन माना जा रहा है कि वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाएंगे।
इससे पहले ओली ने भारत पर अपनी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। रविवार 28 जून को दिवंगत कम्युनिस्ट नेता मदन भंडारी की 69 वीं जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ओली ने टिप्पणी की थी- 'देश का नया नक्शा जारी करने और संसद से इसे पास कराने की वजह से मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। बुद्धिजीवियों की चर्चा, नई दिल्ली से मीडिया रिपोर्ट्स, दूतावास की गतिविधियों और काठमांडू के अलग-अलग होटलों में चल रही बैठकों से, यह समझना मुश्किल नहीं है कि किस तरह लोग मुझे हटाने के लिए खुलकर एक्टिव हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।'
उधर प्रधानमंत्री ओली के बयान पर हैरानी जाहिर करते हुए प्रचंड ने कहा है कि प्रधानमंत्री का इस्तीफा भारत नहीं बल्कि वह मांग रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारत के साथ सीमा विवाद पर बातचीत करने में विफल रही है।