Russia Ukraine War: फॉक्सवैगन-मर्सिडीज समेत इन दर्जनों दिग्गज कार निर्माता कंपनियों ने रोका रूस के साथ कारोबार
(दिग्गज कार निर्माता कंपनियों ने रूस के साथ कारोबार से खींचे हाथ)
Russia Ukraine War: जापानी कार निर्माता Toyota (टोयोटा) और Honda (होंडा) ऑटोमोटिव ब्रांडों के साथ-साथ दुनियाभर की उन कंपनियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बाद रूस में व्यापार करने से हाथ खींच लिया है। टोयोटा और होंडा दोनों अब उस सूची का हिस्सा हैं, जिसमें Volvo (वोल्वो), Volkswagen (फॉक्सवैगन), Harley-Davidson (हार्ले-डेविडसन) GM (जीएम), Daimler (डेमलर) जैसी कई अन्य ऑटोमोटिव कंपनियां शामिल हैं।
समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Toyota Motor Corp (टोयोटा मोटर कॉर्प) ने रूस में वाहन शिपमेंट को रोकने के अपने फैसले की घोषणा की और सेंट पीटर्सबर्ग में अपने प्लांट में उत्पादन को रोकने का भी फैसला किया है। टोयोटा इस प्लांट में आरएवी4 और कैमरी मॉडल बनाती है।
कंपनी के एक बयान में कहा गया है, 'टोयोटा यूक्रेन के लोगों की सुरक्षा के लिए यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम को बड़ी चिंता के साथ देख रही है और जल्द से जल्द शांति बहाल होने की उम्मीद करती है। हम वैश्विक विकास पर नजर बनाए हुए हैं और आवश्यकता अनुसार जरूरी निर्णय लेंगे।'
होंडा मोटर कंपनी ने भी रूस को अपनी कारों और मोटरसाइकिलों के निर्यात को फिलहाल बंद करने का फैसला किया है। जबकि कंपनी का देश में कोई प्लांट नहीं है, यह बताया गया है कि अमेरिका में स्थित कंपनी की मैन्युफेक्चरिंग प्लांट से रूस को हर साल लगभग 1,500 एसयूवी निर्यात किए जाते हैं। होंडा वर्तमान में अपने फैसले के लिए आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान को जिम्मेदार बता रही है।
अन्य ऑटो दिग्गज जैसे Volkswagen (फॉक्सवैगन), Volvo (वोल्वो), Harley-Davidson (हार्ले-डेविडसन), Mercedes-Benz (मर्सिडीज-बेंज), General Motors (जनरल मोटर्स), Daimler Truck (डेमलर ट्रक) ने भी संघर्ष के मद्देनजर एक जैसा रुख अपनाया है। उन्होंने रूस में व्यापार को रोकने की घोषणा की है। इसके अलावा, उन्होंने रूसी बाजार में वाहनों का निर्यात बंद करने का फैसला किया है, क्योंकि कई देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
अब इन दो जापानी ऑटोमोटिव कंपनियों के फैसले से समग्र रूप से ग्लोबल ऑटोमोटिव इंडस्ट्री द्वारा रूस के बढ़ते बहिष्कार को और अधिक बल मिलने की संभावना है। अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा घोषित कई सख्त और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का रूस पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में दुनिया की 11 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर ऑटोमोटिव कंपनियों की अनदेखी का भी एक महत्वपूर्ण असर पड़ने की संभावना है।