जेएनयू छात्र संघ नेता उमर खालिद दिल्ली दंगा के आरोपों में गिरफ्तार
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों को लेकर उमर खालिद से पूछताछ की थी इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है...
जनज्वार। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने उत्तर पूर्व दिल्ली में इस साल की शुरुआत में भड़के दंगे के मामले में गिरफ्तार (Activist and former JNU student Umar Khalid arrested) कर लिया है। रविवार को देर रात पुलिस ने उन्हें गैर कानून गतिविधि (निषेध) कानून (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया है।
दिल्ली पुलिस ने इससे पहले इस महीने की शुरुआत में उमर खालिद से पूछताछ की थी। दो सितंबर को उनसे दिल्ली दंगों के मामले में पूछताछ की गई थी। उनसे दंगे में कथित साजिश को लेकर पूछताछ की थी।
उमर खालिद सहित अन्य के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) कानून (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
संशोधित नागरिकता कानून के विरोधियों व समर्थकों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में दंगे भड़क गए थे। दिल्ली दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
इस मामले पर उमर खालिद की साथी व एक्टिविस्ट शहला रशीद ने ट्वीट कर कहा है कि जैसे मोदी की डिग्री व शादी फेक है, वैसे ही यह केस भी फेक है।
उमर खालिद को दिल्ली पुलिस आज रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश कर सकती है। इसके बाद आने वाले दिनों में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की जा सकती है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर खालिद को शनिवार को पूछताछ के लिए सम्मन भेजा गया था और रविवार को इसमें शामिल होने को कहा था, जिसके बाद वे रविवार को दिन के एक बजे लोधी काॅलोनी स्थित स्पेशल सेल आफिस में पूछताछ के लिए पहुंचे। लंबी पूछताछ के बाद उन्हें रात में गिरफ्तार कर लिया गया और साथ ही उनका फोन जब्त कर लिया गया। जानकारी के अनुसार, 31 जुलाइ को भी उनसे पूछताछ की गई थी।
उमर खालिद के खिलाफ छह मार्च को एफआइआर दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ क्राइम ब्रांच के सब इंसपेक्टर अरविंद कुमार को मुखबिर द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई थी। सब इंसपेक्टर अरविंद कुमार ने इस मामले में कहा था कि सूचना देने वाले ने बताया था कि उमर खालिद उमर खालिद, दानिश और दो अन्य व विभिन्न संगठनों द्वारा रची गई पूर्व निर्धारित साजिश का परिणाम दिल्ली हिंसा थी।