24 घंटों के भीतर इन 6 पत्रकार, लेखक और छात्रों के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज किया गया केस
जनज्वार ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस चौबीस घंटों में छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें से कुछ के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
मसरत जहरा (फोटो पत्रकार)
कश्मीरी फोटो पत्रकार मसरत जहरा को सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ पोस्ट अपलोड करने पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, साइबर पुलिस स्टेशन को विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से जानकारी मिली कि एक फेसबुक उपयोगकर्ता मसरत जहरा युवाओं को सार्वजनिक शांति के खिलाफ भड़काने और अपराधों को बढ़ावा देने के आपराधिक इरादे के साथ राष्ट्र विरोधी पोस्ट अपलोड कर रही थीं।
पीरज़ादा आशिक (पत्रकार)
पुलिस ने 'द हिंदू' समाचार पत्र के जम्मू-कश्मीर ब्यूरो, वरिष्ठ पत्रकार पीरज़ादा आशिक से भी पूछताछ की है। पुलिस की इस कार्रवाई की घाटी के पत्रकार समुदाय ने आलोचना की है। 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के अनुसार, आशिक को साइबर पुलिस ने श्रीनगर में रविवार (19 अप्रैल) को पूछताछ के लिए बुलाया और फिर उसी शाम अनंतनाग पुलिस ने घर लौटने की अनुमति दी।
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 'द हिंदू' में प्रकाशित उनकी एक 'फर्जी खबर' का हवाला देते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 'द हिंदू' में 19 अप्रैल को 'परिजनों ने बारामूला में आतंकवादियों के शवों को बाहर निकालने की अनुमति दी' (Kin allowed to exhume bodies of militants in Baramulla) शीर्षक के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी।
गौहर गिलानी (लेखक और पत्रकार)
जम्मू-कश्मीर साइबर पुलिस ने मंगलवार (21 अप्रैल) रात कहा कि उसने एक कश्मीरी लेखक-पत्रकार गौहर गिलानी के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से 'कश्मीर घाटी में आतंकवाद का महिमामंडन' करने के लिए' एफआईआर दर्ज की गई है। गिलानी एक स्वतंत्र रिपोर्टर हैं जिन्हें बीबीसी, डेलीओ और स्क्रॉल.इन द्वारा प्रकाशित किया गया है। उन्होंने जर्मनी में कई वर्षों तक डॉयचे वेले के साथ भी काम किया।
पुलिस द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में गिलानी पर जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, उनका हवाला नहीं दिया गया है लेकिन सूत्रों ने कहा कि गौहर गिलानी उस महिला फोटो पत्रकार मसर्रत ज़हरा से जुड़े थे जिन्हें सोशल मीडिया पोस्ट के लिए आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपित किया गया है।
उमर खालिद (पूर्व छात्र, जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी)
नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस कीओर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, उमर खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया था और नागरिकों से अपील की थी कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार करने के लिए सड़कों पर आएं और सड़कों को अवरुद्ध करें, कि भारत में अल्पसंख्यक कैसे रह रहे हैं। प्राथमिकी में दावा किया गया कि इस साजिश में, आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर कई घरों में एकत्र किए गए थे।
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मीरान हैदर (छात्र, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी)
दिल्ली पुलिस ने जामिया के छात्र मीरान हैदर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में बुक किया है। फरवरी में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार हैदर को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
दिल्ली पुलिस ने जामिया की एक छात्रा सफोरा जरगर के खिलाफ भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने उनपर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर सांप्रदायिक हिंसा के मामले में केस दर्ज किया है। फरवरी 2020 में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार सफोरा को भी न्यायिक हिरासत में रखा गया है। जरगर जामिया समन्वय समिति के मीडिया समन्वयक भी हैं।