Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

कोर्ट ने बढ़ाई CAA विरोधी आंदोलन का हिस्सा रहीं तिहाड़ जेल में बंद गर्भवती सफूरा जरगर की न्यायिक हिरासत 25 जून तक

Prema Negi
27 May 2020 12:02 PM IST
कोर्ट ने बढ़ाई CAA विरोधी आंदोलन का हिस्सा रहीं तिहाड़ जेल में बंद गर्भवती सफूरा जरगर की न्यायिक हिरासत 25 जून तक
x

गर्भवती होने के बावजूद सफूरा पिछले डेढ़ माह से तिहाड़ जेल में बंद हैं, प्रेग्नेंसी की स्थिति को देखते हुए वह उच्च जोखिम में हैं...

नई दिल्ली, जनज्वार। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार 26 मई को जामिया मिलिया इस्लामिया के दो छात्रों सफूरा जरगर और मीरान हैदर की न्यायिक हिरासत एक महीने के लिए बढ़ा दी है।

रवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में दोनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हो गए थे।

यह भी पढ़ें : लॉकडाउन के बीच तिहाड़ जेल में बंद है गर्भवती महिला, दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत लगाया था आरोप

छात्रों को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष उनकी रिमांड अवधि के अंत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया और अदालत ने रिमांड को 25 जून तक बढ़ा दिया।

जामिया की एक अन्य छात्रा गुलफिशा खातून, कार्यकर्ता खालिद सैफी, कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां और आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को भी अदालत में पेश किया गया। इनका मामला 28 मई को अदालत द्वारा फिर से उठाया जाएगा।

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, जामिया एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा पर उक्त मामले के संबंध में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें : 24 घंटों के भीतर इन 6 पत्रकार, लेखक और छात्रों के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज किया गया केस

लॉकडाउन के बीच 27 वर्षीय महिला जरगर को 10 अप्रैल को तब गिरफ्तार किया गया था जब उसकी प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही चल रही थी और बाद में उस पर दिल्ली पुलिस ने कड़े आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 2019 (UAPA) के तहत आरोप लगाया था।

गौरतलब है कि सफूरा जरगर जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी से जुड़ी थीं। उसने दिसंबर 2019 में पारित नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी में कई हफ्तों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) देश के 180 मिलियन मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है और देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान के खिलाफ जाता है।

यह भी पढ़ें : दिल्ली दंगा : उमर खालिद, जामिया के 2 छात्रों पर UAPA के तहत केस दर्ज, लोगों ने पूछा- BJP के नेताओं पर कब होगी कार्रवाई?

रवरी में हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के समर्थकों द्वारा शांति पूर्ण धरने पर हमले के बाद पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने जरगर पर प्रमुख षड़यंत्रकारी होने का आरोप लगाया। इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे जिसमें अधिकांश मुस्लिम थे। 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद से राजधानी दिल्ली में यह सबसे भीषण हिंसा थी।

यह भी पढ़ें : कश्मीरी महिला पत्रकार के खिलाफ ‘राष्ट्रविरोधी’ पोस्ट करने पर UAPA के तहत मुकदमा दर्ज

र्भवती होने के बावजूद सफूरा पिछले डेढ़ माह से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर कहती हैं, ‘उसकी प्रेग्नेंसी की स्थिति को देखते हुए वह उच्च जोखिम में है और अदालत के आदेश से उसे जेल भेज दिया गया है, अदालत पूरी तरह से जिम्मेदार है।

Next Story

विविध