दिल्ली में देश के 12 फीसदी कोरोना मामले, लॉकडाउन में 20 अप्रैल से कोई छूट नहीं: केजरीवाल

Update: 2020-04-19 12:02 GMT

केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली में ज्यादातर लोग विदेशों से आते हैं और वहीं से ये संक्रमण आया था...

नई दिल्ली, जनज्वारः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में देश की कुल आबादी का केवल दो प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यहां देश भर में दर्ज कुल कोरोनोवायरस मामलों का 12 प्रतिशत है। इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में 20 अप्रैस से किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली में ज्यादातर लोग विदेशों से आते हैं और वहीं से ये संक्रमण आया था।

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मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली में भारत की कुल आबादी का केवल दो प्रतिशत है, लेकिन देश भर के कुल कोविड-19 मामलों में से 12 प्रतिशत दिल्ली में हैं। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। विदेशों से आने वाले लोग यहां आए और वे संक्रमण लेकर आए थे। शुरू में लोगों को क्वारंटीन में नहीं रखा गया था। इसलिए दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई।"

फिलहाल 1900 मामले

केजरीवाल ने यह भी कहा कि निजामुद्दीन मरकज से आए मामलों के कारण भी दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में लगभग 1,900 कोरोनोवायरस के मामले हैं, जिनमें से 26 मरीज आईसीयू में हैं और छह वेंटिलेटर पर हैं।

उन्होंने कहा, "कल्पना कीजिए कि अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो और अधिक लोग संक्रमित होते..कल्पना करें कि यदि 3,000 लोगों को आईसीयू या 2,000-2,500 को वेंटिलेटर की जरूरत है। हमारे पास आईसीयू या वेंटिलेटर की इतनी संख्या नहीं है। इटली, स्पेन या अमेरिकी को देखें, उन देशों में उपकरण पर्याप्त नहीं थे और लोग मर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि मामले जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।

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केजरीवाल ने कहा कि "यह चिंताजनक है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है .. हम सभी को अनुशासन में रहना होगा।'' केजरीवाल ने यह भी कहा कि शनिवार को आए सभी 186 नए मामले लक्षणहीन थे। "उन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें कोरोनावायरस का संक्रमण है। यह अधिक चिंताजनक है।"

उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जो सरकार के राहत शिविर में भोजन वितरित कर रहा था, वह भी कोरोना से संक्रमित था, लेकिन उसे इ स बारे में बिलकुल पता नहीं था।

अब तक 77 रेड जोन दिल्ली में बन चुके हैं

मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं यह मान रहा हूं कि खाद्य वितरण केंद्र में वही लोग आ रहे हैं, जो पहले आ रहे थे, इसलिए सभी के तेजी से परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, हमारे खाद्य वितरण स्थलों पर काम करने वाले और वितरण करने वाले सभी लोगों का भी तेजी से परीक्षण होगा।" अब तक 77 रेड जोन दिल्ली में बन चुके हैं।

"कंटेनमेंट जोन में रैंडम टेस्टिंग की गई थी। जहां कुछ में से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया था, वहीं कुछ में अधिक मामले सामने आए थे।"

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उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कंटेनमेंट जोन से कोई भी बाहर नहीं जा सकता है या कोई बाहरी व्यक्ति अंदर नहीं जा सकता है, लेकिन फिर भी लोग जोन के अंदर आ-जा रहे हैं।

"जहांगीरपुरी की तरह, यहां एक ही गली में एक ही विस्तारित परिवार के सदस्य रहते हैं। गली को सील करने के बावजूद उन्होंने वहां आना-जाना बंद नहीं किया था।"

जहां केन्द्र सरकार ने सोमवार से कुछ क्षेत्रों में ढील देने का निर्णय लिया है, वहीं दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह सभी जिलों में सख्ती से बंद का पालन करेगी, क्योंकि यहां के सभी 11 जिले कोरोनावायरस हॉटस्पॉट हैं।

लॉकडाउन में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में लागू किए गए लॉकडाउन में सोमवार से कोई राहत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी 11 जिले वर्तमान में हॉटस्पॉट बने हुए हैं, ऐसे में किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, "दिल्ली में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के बाद, हमने लॉकडाउन में किसी भी तरह की ढील नहीं देने का फैसला किया है। हालांकि, एक सप्ताह के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और सुधार होने पर छूट दी जा सकती है।"

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