CAA-NRC के आंदोलनकारियों ने पूछा केजरीवाल कब आयेंगे शाहीनबाग

Update: 2020-02-12 15:19 GMT

अब जब एक बार फिर केजरीवाल सत्ता में हैं तो उन्हें मुस्लिम मतदाताओं को ये आश्वासन देना चाहिए कि वो CAA और NRC कानून को दिल्ली में किसी भी तरीके से लागू नहीं होने देंगे...

जनज्वार। दिल्ली विधानसभा की सत्तर विधानसभा सीटों के नतीजे आ गए हैं। आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं दिल्ली में सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा ने 8 सीटें जीती हैं। कांग्रेस को एक बार फिर दिल्ली चुनावों में निराशा हाथ लगी, कहें कि उसका सूपड़ा ही साफ हो गया, क्योंकि उसको एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है।

यह भी पढ़ें : दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद मनोज तिवारी ने की इस्तीफे की पेशकश

दिल्ली चुनावों के दौरान जो मुद्दा चर्चा में रहा, उनमें शाहीनबाग शामिल है। शाहीनबाग में तकरीबन दो महीने से CAA-NRC के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन चल रहा है। शाहीनबाग पर भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों समेत अऩ्य नेताओं जिनमें अमित शाह भी शामिल रहे अनर्गल बयानबाजी की। अमित शाह ने करंट लगाने की तो अनुराग ठाकुर ने 'गोली मारो सालों को...' बयान दिया।

Full View अलावा तमाम भाजपा के मंत्रियों द्वारा लगातार जहरीली भाषणबाजी कर हिंदुओं को वोट बैंक में तब्दील करने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन चुनाव के नतीजों के बाद ये पूरी तरह साबित हो चुका है कि दिल्ली की जनता ने जहरीली भाषणबाजी या कहें की नफरती चिंटुओं को पूरी तरह से नकार दिया है। या इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि भाजपा मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों ने दिल्ली के चुनावों में भाजपा को गर्त में धकेलने का काम किया है।

संबंधित खबर: चुनाव परिणामों के बाद जानिए उन नेताओं को जो दिल्ली की राजनीति में हो गए अप्रासंगिक

चुनावों की बात की जाए तो बीजेपी ने शाहीनबाग प्रदर्शन को लेकर आम आदमी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए, लेकिन चुनावों के नतीजे पर इसका किसी तरह का कोई असर नहीं हुआ। शाहीनबाग ओखला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अमानतुल्ला ने बड़ी जीत हासिल की है। अमानतुल्ला खान ने भाजपा के ब्रह्म सिंह को 71 हजार 827 वोटों से हराया है।

संबंधित खबर: ये है केजरीवाल की जीत का मूल मंत्र, जिसे विरोधी कभी पकड़ नहीं पाए

मानतुल्ला खान के जीतने की खास बात ये रही कि विधानसभा चुनाव में वह ऐसे दूसरे विधायक हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा वोटों के साथ चुनाव में जीत दर्ज की है। पहले नंबर पर बुराड़ी से आम आदमी पार्टी के संजीव झा हैं, जिन्होंने भाजपा के शैलेंद्र कुमार को 88 हजार 158 वोटों से हराया है।

Full View अलावा आम आदमी पार्टी के अन्य सभी पांचों मुस्लिम उम्मीदवारों ने भी बड़े अंतर से जीत हासिल की है। ओखला से अमानतुल्ला खान के अलावा सीलमपुर सीट से आप के प्रत्याशी अब्दुल रहमान ने जीत दर्ज की है, वहीं बल्लीमारान से आप के उम्मीदवार इमरान हुसैन, मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से आप उम्मीदवार हाजी युनूस और मटिया महल सीट से आप के उम्मीदवार शोएब इकबाल ने जीत हासिल की है।

यह भी पढ़ें : शाहीनबाग में 4 माह के बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, पूछा क्या 4 माह का बच्चा खुद जाता है प्रदर्शन में

से में एक सवाल उठता है कि अब जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिल चुका है और दिल्ली के मुस्लिम वोटर ने आम आदमी पार्टी के ऊपर भारी भरोसा जताया है, तो ऐसे में क्या अरविंद केजरीवाल शाहीनबाग के लोगों से मिलने के लिए जाएंगे?

ससे पहले भी आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि वह CAA और NRC का लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन वह इसको लेकर जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन खासतौर से शाहीनबाग में चल रहे लगातार धरने-प्रदर्शन से दूरी बनाए हुए हैं।

यह भी पढ़ें : शाहीनबाग के आंदोलनकारियों को भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की चेतावनी के मायने जेएनयू-जामिया दोहराने की धमकी तो नहीं!

हाल ही में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने शाहीनबाग के लोगों के साथ खड़े होने की बात कही थी। ऐसे में केजरीवाल के बयानों से लगता तो है कि वह शाहीनबाग के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन अभी भी शाहीनबाग को लेकर केजरीवाल कुछ स्पष्ट नहीं कर पाए हैं।

शाहीनबाग में पिछले 2 महीनों से लगातार आंदोलन में शामिल शमां परवीन कहती हैं, 'केजरीवाल के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से हम लोगों के बीच बहुत खुशी है, हम लोगों ने खुद आंदोलन के बीच-बीच में से जाकर उन्हें वोट किया है। यहां के विधायक अमानतुल्ला खां को इतने बड़े अंतर से जिताकर जनता ने अपना मत स्पष्ट कर दिया है, मगर अब बारी केजरीवाल की है। हम उम्मीदें लगाये बैठे हैं कि वे खुलकर हमारे आंदोलन का समर्थन करेंगे। वे CAA-NRC के खिलाफ चल रहे हमारे व्यापक आंदोलन को अपना समर्थन देने आयें, हम सब इसी इंतजार में हैं।'

यह भी पढ़ें : 14 दिनों से शाहीनबाग में धरनारत महिलाएं बोलीं CAA संविधान विरोधी काला कानून, मरते दम तक जारी रखेंगे आंदोलन

स मसले पर सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने जनज्वार से हुई बातचीत में कहा, 'जरूरी ये नहीं है कि अरविंद केजरीवाल शाहीनबाग जाएंगे या नहीं। महत्वपूर्ण ये है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए CAA और NRC कानून को लेकर क्या सोचते हैं।'

ब जब वो एक बार फिर सत्ता में हैं तो उन्हें मुस्लिम मतदाताओं को ये आश्वासन देना चाहिए कि वो CAA और NRC कानून को दिल्ली में किसी भी तरीके से लागू नहीं होने देंगे। ऐसे में दिल्ली में केजरीवाल सरकार को लेकर अभी भी मुस्लिम मतदाताओं में कोई स्पष्ट राय नहीं बन पाई है कि केजरीवाल CAA और NRC का समर्थन करते हैं या विरोध।

शाहीनबाग के आंदोलनकारी मोहम्मद अनस कहते हैं, 'शाहीनबाग केजरीवाल की राह देख रहा है। हमें पूरी उम्मीद है कि वे CAA-NRC के खिलाफ चल रहे इस देशव्यापी आंदोलन को अपना समर्थन देने शाहीनबाग पहुंचेंगे, हम इसी का इंतजार भी कर रहे हैं कि हमारा मुख्यमंत्री हमारी इस लड़ाई में हमारे साथ खड़ा हो।'

संबंधित खबर : पाकिस्तान से मिलती हैं इस जिले की सीमाएं, CAA और NRC के विरोध में हुए प्रदर्शनों में कायम की शांति की मिसाल

हीं आंदोलन में शामिल नंदिता इससे बिल्कुल अलग सुर में बोलती हैं। कहती हैं, हमें लगा कि केजरीवाल बंपर जीत मिलते ही शाहीनबाग के पक्ष में भी अपनी बात रखेंगे। CAA-NRC की खिलाफत कर शाहीनबाग को अपना समर्थन देंगे, हम यहां तक उम्मीद कर रहे थे कि वे कल जीत वाले दिन ही शाहीनबाग भी पहुंचेंगे, मगर अभी तक जिस तरह उनकी जुबान इस मुद्दे पर बंद है हमें शक है कि वे हमारे पक्ष में खड़े भी होंगे।'

Full View से हुई बातचीत में कई अन्य आंदोलनकारी भी नंदिता के सुर में सुर मिलाते नजर आते हैं, कहते हैं अब तो इस जीत के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल को खुलकर हमारे समर्थन में आना चाहिए था, क्योंकि हमने अपना बहुमूल्य मत देकर जता दिया है कि जनता पूरी तरह आप के साथ है, मगर उनका मौन हमें खटक रहा है।

Tags:    

Similar News