अनिल विज की तब्लीगी जमात को चेतावनी: प्रशासन के सामने सरेंडर करो, नहीं तो होगी बड़ी कार्यवाही
विज ने कहा कि तब्लीकी जमात में शामिल लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। फिर भी बड़ी संख्या में तब्लीगी जमाती टेस्ट कराने से बच रहे हैं। ऐसे में अब प्रशासन के सामने कार्यवाही करने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाता...
जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर से तब्लीगी जमातियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आठ अप्रैल तक प्रशासन के सामने सरेंडर कर दो, यदि ऐसा नहीं किया तो प्रशासन की ओर से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यह चेतावनी उस वक्त दी गयी, जब हरियाणा में रविवार को गुड़गांव व जींद में दो मुस्लिम परिवारों पर बहुसंख्यक समुदाय के लोगों ने हमला किया है। सोनीपत में एक मुस्लिम युवक को सरेआम गांव के लोगों ने बेरहमी से पिटाई की है।
विज ने कहा कि तब्लीकी जमात में शामिल लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। इसलिए सभी का मेडिकल चैकअप किया जा रहा है। फिर भी बड़ी संख्या में तब्लीगी जमाती टेस्ट कराने से बच रहे हैं। ऐसे में अब प्रशासन के सामने कार्यवाही करने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाता।
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विज की चेतावनी को गैर सरकारी संगठन 'शांतिदूत' के चेयरमैन अश्वनी कुमार ने गलत करार दिया है। उनका कहना है कि इस मौके पर शब्दों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। पहले ही कोरोना वायरस में मुस्लिम लिंक तलाशा जा रहा है। इससे यह समुदाय बहुत ही डरा हुआ है। अब सरकार की ओर से इस तरह की बयानबाजी से इनका डर और ज्यारा बढ़ जाएगा।
दूसरी ओर प्रदेश में लगातार हेट स्पीच चल रही है। अब यदि सरकार भी इस तरह के बयान जारी करेगी तो शरारती तत्वों को अपनी गलत गतिविधियां चलाने का मौका मिल जायेगा। प्रदेश में ऐसा हो भी रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह से तो समाज बंट जायेगा। दोनो समुदाय में ऐसा माहौल बन जाएगा कि एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। ऐसा हो भी रहा है। क्या अब प्रदेश में दंगे भड़काने की कोशिश हो रही है।
करनाल के हाउसिंब बोर्ड निवासी मुस्लिम युवक कासिम ने बताया कि वह और उसका परिवार इस वक्त कोरोना से कम और इस बात से ज्यादा डरा हुआ है कि वह अपने घर में सुरक्षित है भी या नहीं। उसने बताया कि यहां उनके पांच परिवार है। वह सोच रहे हैं कि घर छोड़ कर अभी अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाये। परेशानी यह है कि अभी लॉकडाउन की वजह से वह बाहर नहीं निकल सकते। उसने बताया कि हर वक्त यहीं लगा रहता है कि कोई उन पर हमला ही न बोल दे। इसी डर के मारे वह घर से बाहर रोजमर्रा का सामान लेने भी नहीं जा रहे हैं।