प्रवासी मजदूरों को देख BJP सांसद बोले, ये लोग लॉकडाउन में हॉलीडे मनाने जा रहे हैं गांव
भाजपा सांसद ने कहा, भीड़ को ध्यान से देखिए, इनमें एक भी मजदूर नहीं लगता। प्रवासी मजदूर तो कब के अपने गांव लौट चुके हैं....
जनज्वार। कोरोना महामारी की भयावहता के बीच देश में चौथे चरण का लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। इस दौरान सबसे ज्यादा त्रासदी झेलने वाला है मजदूर, जिसकी सड़कों से लेकर घरों तक में भुखमरी की तमाम खबरें आ रही हैं। सड़कों पर मरते मजदूर हर दिन मीडिया की हैडलाइन हैं, मगर नेता हैं कि अपनी संवेदनहीनता से बाज नहीं आते। आपत्तिजनक और बेतुकी बयानबाजियों में भाजपा नेता तो पहले नंबर पर विराजमान हैं।
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अब उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ लोकसभा से सांसद और बीजेपी नेता संगम लाल गुप्ता ने बयान दिया है कि 'भीड़ को ध्यान से देखिए, इनमें एक भी मजदूर नहीं लगता। प्रवासी मजदूर तो कब के अपने गांव लौट चुके हैं। ये वो लोग हैं, जो गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए ट्रेन यात्रा करने आए थे।'
गौरतलब है कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के सामने खाने-कमाने का भयानक संकट पैदा हो गया है, वो भूखों मर रहे हैं, इसलिए वे मजबूरन अपने गांव और शहर लौट रहे हैं।
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मुंबई के कांदिवली इलाके में प्रतापगढ़ और जौनपुर जाने वाले मजदूरों की ट्रेनें कैंसिल होने के बाद बौखलाए मजदूरों को आश्वासन देने पहुंचे बीजेपी सांसद संगमलाल ने कहा कि 'ये लोग इस लॉकडाउन में गांव में छुट्टियां मनाने जाने वाले लोग हैं। इनमें से कोई प्रवासी मजदूर नहीं है। मजदूर तो कब के जा चुके हैं।'
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भाजपाई सांसद महोदय इतने पर ही रुके। आगे अपना बड़बोलापन जारी रखते हुए कहा 'भीड़ को ध्यान से देखिए, इनमें एक भी मजदूर नहीं लगता। प्रवासी मजदूर तो कब के अपने गांव लौट चुके हैं। ये वो लोग हैं, जो गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए ट्रेन यात्रा करने आए थे। जब दो महीने में इन्हें कोरोना वायरस का कोई संक्रमण नहीं हुआ, तो आगे समझ लें कि इन्हें कुछ नहीं होगा।'
वहीं, उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की बसें रोक दिए जाने पर संगम लाल ने कहा कि 'कांग्रेस को कुछ काम तो नहीं है, बस बैठे-बैठे राजनीति कर रही है। यूपी बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मजदूरों को पहुंचाने के लिए बसें लगी हुई हैं, लेकिन कांग्रेस इसमें बेवजह बाधा डाल रही है।'
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गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते जगह-जगह फंसे प्रवासी मजदूरों का गुस्सा भड़कने लगा है। गुजरात के अहमदाबाद में पैदल घर के लिए निकले सैकड़ों मजदूरों को पुलिस ने रोका तो भीड़ आक्रोशित हो गई और मजदूरों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। गाड़ियां तोड़ दीं। इस दौरान दो पुलिसवाले घायल हो गए थे।
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वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हजारों की भीड़ श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जुट गये। इसके साथ ही हरियाणा के सोनीपत में भी दो हजार से ज्यादा मजदूर बस पकड़ने के लिए स्टैंड पर अपनी घर वापसी करने के लिए जुटे। बाद में पुलिस ने किसी तरह हालात पर काबू पाया। इस दौरान पुलिसिया उत्पीड़न की भी तमाम खबरें सामने आयी हैं।