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बीते 24 घंटों में प्रवासी मजदूरों पर देशभर में हुआ बर्बर पुलिसिया लाठीचार्ज, TWITTER पर हो रही निंदा

Nirmal kant
17 May 2020 3:26 PM GMT
बीते 24 घंटों में प्रवासी मजदूरों पर देशभर में हुआ बर्बर पुलिसिया लाठीचार्ज, TWITTER पर हो रही निंदा
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बीते 24 घंटों के भीतर हरियाणा, उत्तर प्रदेेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश की पुलिस ने प्रवासी मजदूरों पर किया बर्बर लाठीचार्ज, ट्विटर यूजर बोले- इंसानों की तरह व्यवहार करें, लाठीचार्ज करके आप हीरो नहीं बन सकते...

जनज्वार ब्यूरो। देश में कानून और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के नाम पर पुलिसिया बल के इस्तेमाल को सामान्य बना दिया गया है, इसलिए बंद दरवाजों के अंदर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होती है। खास कोविड 19 लॉकडाउन के बाद पुलिस की बर्बरता की घटनाएं सामान्य हो गई हैं। बीते 24 घंटों के भीतर देश के अलग अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूरों पर बर्बर लाठीचार्ज की घटनाएं सामने आईं हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के रीवा में जब प्रवासियों ने भोजन और पानी की मांग की तो बदले में उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ीं। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में जब जब प्रवासी मजदूर आश्रय घरों से अपने मूल राज्यों की बढने लगे तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 150 मजदूर जब कृष्णा और गुंटूर जिले के बीच पुल के नजदीक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और फिर लाठीचार्ज किया। पिछले 24 घंटों के भीतर उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी लाठीचार्ज के अन्य मामले सामने आए हैं।

देश में महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन को दो महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति दुरुस्त नहीं हो पाई है। उलटे पुलिस की ओर से बर्बर कार्रवाई की खबरें सामने आती रही हैं। ट्विटर पर यूजर्स वीडियो पोस्ट कर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं।

ल इंडिया अंबेडकर महासभा के चेयमैन अशोक भारती ने अपने ट्वीट में लिखा, मध्यप्रदेश पुलिस ने रीवा के हरदा/सिरमौर में दलितों/आदिवासियों पर लाठीचार्ज किया, कई महिलाएं घायल।

लोकेश नाम के यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'प्रदेश की पुलिस को भी मनुष्यों की तरह व्यवहार करना चाहिए, गरीब प्रवासी मजदूरों पर लाठीचार्ज करके आप हीरो नहीं बन सकते।'

क दूसरे यूजर ए. शेख ने लिखा, दुखद, क्या लाठीचार्ज अंतिम विकल्प था? उनकी सेवा करने के बजाय उन्हें आश्रय देने वाली पुलिस उन्हें इस तरह मार रही है। दोस्तों इसे बंद करो।

विवेक सिंह नाम के एक यूजर ने पुलिस परन निशाना साधते हुए लिखा, 'भोजन मांगने और अपने घरों को वापस जाने की इच्छा रखने वाले प्रवासियों पर लाठीचार्ज करने के लिए पुलिस को हर जगह बहादुरी पुरस्कार दिया जाना चाहिए। वे इस तरह की अनुचित मांग कैसे कर सकते हैं और वह भी हाथ जोड़कर?

माजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिका, 'हजारों किलोमीटर का लंबा सफर तय कर झांसी में प्रवेश कर रहे मेहनतकश श्रमिकों पर पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज की शाब्दिक निंदा मुमकिन नहीं! मुख्यमंत्री ने आदेश में हर संभव मदद का ड्रामा किया लेकिन सीमाएं सील कर परेशान लोगों को भूख, प्यास में तड़पता छोड़ दिया। शर्मनाक!'

भारत याग्निक नाम के एक यूजर ने अपने ट्वीट में जानकारी दी, राजकोट के बाहर इलाके शपार औद्योगिक क्षेत्र के पास प्रवासी मजदूरों ने पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ की क्योंकि उनकी बिहार जाने वाली ट्रेन रद्द कर दी गईं। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया।

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