Manish Gupta Murder Case : अखिलेश यादव के दबाव में पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद भी दांव पर CM योगी की साख

Manish Gupta Murder Case : सीएम योगी महज चुनावी आंकड़े सेट करने के लिए पीड़ित परिवार से मिले। और ऐसा नहीं है तो डीएम-एसएसपी को बर्खास्त कर पुलिसवालों को हथकड़ी पहनवाएं...

Update: 2021-10-01 04:48 GMT

(चुनाव का समय नजदीक ना होता तो योगी पीड़ित परिवार से कभी ना मिलते)

Manish Gupta Murder Case (जनज्वार) : गोरखपुर के एक होटल में पुलिसिया बर्बरता का शिकार हुए कानपुर निवासी मनीष गुप्ता हत्याकांड में लोग भले ही योगी सरकार की जीत मानकर चल रहे हों, बावजूद इसके बाजी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ही मारी है। यह साफ है कि अगर योगी की मुलाकात से पहले अखिलेश पीड़ित परिवार से ना मिलते तो अचानक सीएम का मुलाकाती कार्यक्रम न बनता।  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'जनपद कानपुर तो अपराध व अपराधियों के खिलाफ हमारी 'जीरो टॉलरेंस नीति' का जीता जागता उदाहरण है। पीड़ित की पीड़ा के साथ जुड़ना हमारा दायित्व है। सरकार हर कदम पर परिवार के साथ है, हर कीमत पर उन्हें त्वरित न्याय मिलेगा। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं।'

योगी के इस ट्वीट पर सवाल उठता है कि जीरो टॉलरेंस है कहां। और उसके मायने क्या होते हैं? योगी आदित्यनाथ सत्ता में आते ही अपना वर्चुअल जीरो टॉलरेंस लाए थे। लेकिन उनके इस टॉलरेंस की धज्जियां तो खुद उनकी ही पुलिस ने उड़ा दी। पहले हाथरस कांड, फिर बरेली में इज्जत की बोली सहित तमाम कांड हैं जो पुलिस ने ही किए-कराए। और अब ये मनीष गुप्ता हत्याकांड। सभी को दिख रहा कि, युवक पुलिस की पिटाई से मरा, लेकिन सीएम योगी की आंखों में पर्दा पड़ा है या फिर डाला जा रहा। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरा ट्वीट भी कुछ सेकंडों के अंतराल में करते बताया कि, 'गोरखपुर में हुई दु:खद घटना का दोषी कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, वह किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सबकी जवाबदेही तय की जाएगी। अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। घटना के बाद अधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल मुकदमा दर्ज कराया गया।'

जब बख्शा नहीं जाएगा फिर छोड़ क्यों रखा है। एफआईआर में क्या दर्ज हुआ दिख रहा। यह हाल तब है, जब पिटाई करने वाले वायरल हैं, पिटाई के बाद लीपापोती करने वाले डीएम-एसएसपी वायरल हैं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट वायरल है, फिर योगीराज में कोई ठोस कदम क्यों वायरल नहीं हो पा रहा है। यह तमाम बातें दर्शाती हैं कि सीएम योगी महज चुनावी आंकड़े सेट करने के लिए पीड़ित परिवार से मिले। और ऐसा नहीं है तो डीएम-एसएसपी को बर्खास्त कर पुलिसवालों को हथकड़ी पहनवाएं।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम के जीरो टॉलरेंस पर लिखा कि, 'मनीष गुप्ता हत्याकांड' में पुलिसवालों की गिरफ़्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फ़रार नहीं हुए हैं उन्हें फ़रार कराया गया है। दरअसल कोई आरोपियों को नहीं बल्कि ख़ुद को बचा रहा है क्योंकि इसके तार 'वसूली-तंत्र' से जुड़े होने की पूरी आशंका है। 'ज़ीरो टालरेंस' भी भाजपाई जुमला है।'

गौरतलब है कि गोरखपुर हत्याकांड में मारे गए मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात करने अखिलेश यादव घर गये थे। यहां अखिलेश ने कहा, 'गोरखपुर में भाजपा सरकार की हिंसक प्रवृति के शिकार हुए कानपुर के युवा व्यापारी हत्याकांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच हो और परिवार को यथोचित न्याय मिले। इस हत्या के लिए उप्र का शासन-प्रशासन बराबर का दोषी है।' इस मुलाकात के बाद लोग कह रहे की सीएम योगी दबाव में आकर पीड़ित परिवार से मुलाकात कर गए, अन्यथा वह कभी नहीं मिलते।

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