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Manish Gupta Case : पुलिसिया बर्बरता के सभी साक्ष्य अरेस्टिंग फिर भी नहीं, क्या SSP को BJP सांसद का दामाद होना फल रहा

Janjwar Desk
30 Sept 2021 9:40 PM IST
kanpur news
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(होटल के कमरे में मुस्तैदी दिखाती रामगढताल की पुलिस)
Manish Gupta Case : मौजूदा डीएम गोरखपुर, उन्नाव में रहते सोना भविष्यवाणी कांड से भाजपा के प्रिय बन गये थे। और अब सामने आया है की एसएसपी भी भाजपा विधायक के सगे दामाद हैं। तो कार्रवाई हो भी तो आखिर कैसे

Manish Gupta Case (जनज्वार) : कानपुर निवासी 36 वर्षीय कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई मौत मामले में पुलिस की कारगुजारियों पर शुरू से ही पर्दा डाला जा रहा है। पहले तो पुलिस इसे हत्या मानने को ही तैयार नहीं थी। जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले में हस्तक्षेप किया तो 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन खेल अभी रूका नहीं है।

इस घटनाक्रम में अब तक पुलिस की संलिप्तता के सभी सबूत सामने आ चुके हैं। अब तक कुछ भी छुपा नहीं है। बावजूद इसके अफसरों ने सीएम योगी के आदेश की परवाह न करते हुए उनकी नाक के नीचे ही एफआईआर (FIR) में 3 पुलिसकर्मियों को ही नामजद किया। बाकी 3 को अज्ञात बता दिया। जिन्हें नामजद किया, उन्हें भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

BJP के प्रिय DM और सांसद के दामाद हैं SSP

गोरखपुर से बीते दिन एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें डीएम विजय किरन आनंद और एसएसपी विपिन ताड़ा पीड़ित परिवार पर इस बात के लिए दबाव बनाते रहे कि केस दर्ज होने पर 6 पुलिसकर्मियों का परिवार बर्बाद हो जाएगा। कोर्ट कचहरी की लड़ाई लंबी चलती है। वे केस दर्ज न कराएं। इस वीडियो सहित और भी सबूत हैं। लेकिन किसी अफसर पर कोई कार्वाई नहीं की गई। मौजूदा डीएम गोरखपुर, उन्नाव में रहते सोना भविष्यवाणी कांड से भाजपा के प्रिय बन गये थे। वहीं, अब सामने आया है की एसएसपी ताड़ा भी भाजपा सांसद के सगे दामाद हैं। तो कार्रवाई हो भी तो आखिर कैसे?

खून से सनी टॉवेल से खुल सकते हैं राज

मृतक की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि गोरखपुर जाते समय मनीष के पास एक लाख रुपए से अधिक कैश थे। लेकिन घटना के बाद से अब तक न ही उनके पैसों का कुछ पता चला है और न ही उनकी सोने की रिंग, पर्स और मोबाइल मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से लाश लेकर कानपुर जाते समय हम लोग होटल पहुंचे तो वहां कमरे में बेड के नीचे एक खून से सनी तौलिया मिली। जो पुलिस ले गई। मीनाक्षी का आरोप है कि पुलिस हत्या से जुड़े सभी सबूत पहले ही मिटा चुकी है, लेकिन बेड के नीचे मिली खून से सनी टॉवल से मौत के राज खुल सकते हैं।

तहरीर में ये 6 पुलिसकर्मी थे शामिल

मृतक की पत्नी ने पुलिस को दी तहरीर में 6 पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी ठहराते हुए नामजद किया था। इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जगत नारायण सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जबकि तहरीर में नामजद किए गए सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार की जगह 3 अज्ञात ​पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ है। यह भी कम रोचक नहीं।

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