AB-PMJAY Reality : 138 करोड़ की आबादी में से मात्र 50 लाख मरीजों की हुई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) में मुफ्त कोरोना जांच
138 करोड़ की आबादी में से मात्र 50 लाख मरीजों की हुई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) में मुफ्त कोरोना जांच
AB-PMJAY Reality : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) के तहत देश में लगभग 50 लाख मरीजों ने कोविड की जांच मुफ्त में कराई है। कोविड बीमारी से पीड़ित होने के बाद देशभर में मात्र आठ लाख 74 हजार से ज्यादा मरीजों ने मुफ्त में इलाज कराया। जागरुकता के अभाव में कई राज्याें के लाभार्थियों ने इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला है, इसका बड़ा कारण यह है कि आम जनता को इस योजना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। हमारे देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 55 करोड़ लाभार्थी हैं, जबकि देश में मात्र 50 लाख लोग ही इस योजना का लाभ उठाते हुए कोरोना टेस्ट करवा पाये।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देशभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 लाख 60 हजार लोगों ने मुफ्त कोविड की जांच कराई है। तमिलनाडु देश का ऐसा राज्य है जहां 48 लाख 43 हजार से ज्यादा लाेगों ने जांच कराई। यह संख्या देश में हुई कुल जांच का 95.72 फीसदी है। महाराष्ट्र में एक लाख 35 हजार लोगों ने कोविड जांच करायी, जबकि कई राज्य ऐसे हैं जहां इस योजना के तहत एक भी मरीज ने कोविड की जांच नहीं कराई। हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार अभी तक देशभर में 78 करोड़ 36 लाख से ज्यादा कोविड की जांच हुई है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में आठ लाख 74 हजार से ज्यादा मरीजों ने कोविड होने के बाद अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया। हालांकि देश के चार राज्यों में ही 83.52 फीसदी लोगों ने योजना का लाभ लिया। सबसे ज्यादा दो लाख 15 हजार आन्ध्र प्रदेश, एक लाख 89 हजार कर्नाटक, एक लाख 79 हजार महाराष्ट्र और एक लाख 44 लोग केरल के अस्पतालों में भर्ती होकर मुफ्त इलाज करवा पाये।
दिल्ली, ओड़िशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में योजना लागू नहीं है, लिहाजा इन राज्यों के ऐसे लोग जिनका सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (एसईसीसी) में नाम है और आयुष्मान भारत के लाभार्थी हो सकते थे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।
सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें।)